क्या न्याय से घृणा करनेवाला शासन कर सकता है? जो परमेश्वर धार्मिक और शक्तिशाली है, क्या तुम उसको दोषी ठहरा सकते हो?
मलाकी 2:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) ओ पुरोहितो! तुमने अपनी बातों से प्रभु को उकता दिया है। फिर भी तुम पूछते हो, ‘हमने कैसे प्रभु को उकता दिया?’ तुम यह कहकर उसे उकता देते हो, ‘जो बुराई करता है, वह प्रभु की दृष्टि में भला है, क्योंकि प्रभु बुरे कार्यों से प्रसन्न होता है।’ तुम यह भी पूछते हो, ‘न्याय करने वाला परमेश्वर कहां है?’ पवित्र बाइबल तुमने गलत शिक्षा दी है। और उन गलत शिक्षाओं ने यहोवा को बहुत अधिक दु:खी किया है। तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर उन्हें पसन्द करता है जो बुरे काम करते हैं। तुमने कहा कि परमेश्वर उन्हें अच्छे लोग समझता है और तुमने यह शिक्षा दी कि परमेश्वर लोगों को बुरा काम करने के लिये दण्ड नहीं देता। Hindi Holy Bible तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, कि हम ने किस बाते में उसे उकता दिया? इस में, कि तुम कहते हो कि जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है, और यह, कि न्यायी परमेश्वर कहां है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को उकता दिया है। तौभी पूछते हो, “हम ने किस बात में उसे उकता दिया?” इसमें कि तुम कहते हो, “जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है;” और यह कि, “न्यायी परमेश्वर कहाँ है?” सरल हिन्दी बाइबल तुमने अपनी बातों से याहवेह को खिन्न कर दिया है. और तुम पूछते हो, “हमने उन्हें कैसे खिन्न किया है?” ये कहने के द्वारा, “वे सब जो बुरे काम करते हैं, वे याहवेह की दृष्टि में अच्छे व्यक्ति हैं, और याहवेह उनसे खुश हैं” या “न्यायी परमेश्वर कहां है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तुम लोगों ने अपनी बातों से यहोवा को थका दिया है। तो भी पूछते हो, “हमने किस बात में उसे थका दिया?” इसमें, कि तुम कहते हो “जो कोई बुरा करता है, वह यहोवा की दृष्टि में अच्छा लगता है, और वह ऐसे लोगों से प्रसन्न रहता है,” और यह, “न्यायी परमेश्वर कहाँ है?” |
क्या न्याय से घृणा करनेवाला शासन कर सकता है? जो परमेश्वर धार्मिक और शक्तिशाली है, क्या तुम उसको दोषी ठहरा सकते हो?
‘पर अब तुम दुर्जनों के न्याय-निर्णय से भर गए हो, तुम निर्णय और न्याय के सोच में डूबे रहते हो।
परमेश्वर ने यह पृथ्वी दुर्जनों के हाथ में सौंप दी है; उसने न्यायाधीशों की आंखों पर पट्टी बांध दी है ताकि वे न्याय और अन्याय को न पहचान सकें! यदि वह नहीं तो फिर कौन यह कार्य करता है?
दुष्कर्म के लिए व्यक्ति को जल्दी दण्ड नहीं मिलता, इसलिए मनुष्यों का हृदय दुष्कर्म करने में लगा रहता है।
तुम्हारे नवचन्द्र-पर्वों तथा निर्धारित यात्रा पर्वों से मैं घृणा करता हूं। ये मुझ पर बोझ बन गए हैं, मैं इनको सहते-सहते ऊब गया हूं।
धिक्कार है उन्हें, जो अपनी योजना को गहरे अन्धकार में प्रभु से छिपाते हैं, जो अन्धेरे में काम करते हैं, और यह सोचते हैं, “हमें कौन देखता है? हमें कौन जानता है?”
प्रभु अब भी प्रतीक्षा कर रहा है कि तुम प्रायश्चित करो, और वह तुम कर कृपा करे। वह तुम पर दया करने को तत्पर है। प्रभु न्याय करनेवाला परमेश्वर है। धन्य हैं वे, जो उसकी प्रतीक्षा करते हैं।
तूने मुझे चढ़ाने के लिए शहद के साथ शक्कर नहीं खरीदी, अपने बलि-पशु की चर्बी की सुगन्ध से मुझे सन्तुष्ट नहीं किया। वरन् तूने अपने पाप का भार मुझ पर लाद दिया; तूने अपने अधर्म से मुझे थका दिया।
तब यशायाह ने कहा, ‘ओ दाऊद के वंशजो, सुनो! क्या तुम्हारी दृष्टि में लोगों को तंग करना इतनी साधारण-सी बात है कि अब तुम मेरे परमेश्वर को भी तंग कर रहे हो!
मैं तुझसे क्यों वाद-विवाद करूं? क्योंकि तू धार्मिक है, और तेरा न्याय सच्चा है। फिर भी, हे प्रभु, मैं तेरे सम्मुख अपनी शिकायत पेश करूंगा; दुर्जन अपने काम में सफल क्यों होते हैं? विश्वासघाती सुख-चैन से क्यों रहते हैं?
तूने मुझ-प्रभु को अस्वीकार कर लिया है, और मेरी ओर पीठ कर ली है। अत: मैंने तुझ पर हाथ उठाया, और तुझको नष्ट कर दिया। मैं तुझ पर दया करते-करते थक गया हूं।
देख, मेरे शत्रु मुझ से व्यंग्य से कहते हैं, ‘कहां है प्रभु का वचन? अब वह कार्य-रूप में पूरा हो।’
सुनो, यह असहनीय था; प्रभु और अधिक तुम्हारे इस दुष्कर्म को, इस घृणास्पद कार्य को सह नहीं सका। उसने तुम्हारे देश को उजाड़ दिया। तुम्हारा देश निर्जन और सुनसान हो गया। वह शापित हो गया और बर्बाद हो गया, जैसा वह आज तक है।
‘ओ यरूशलेम, तू अपने बचपन के दिन भूल गई, और तूने ये कुकर्म किये, और यों मुझे क्रोध दिलाया। सुन, मैं निस्सन्देह तेरे कुकर्मों का प्रतिफल तेरे सिर पर डालूंगा,’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है। ‘तूने अनेक घृणित कुकर्म तो किए ही थे। उनके अतिरिक्त तूने यह व्यभिचार कर्म भी किया।
‘फिर भी तुम कहते हो, “प्रभु का व्यवहार न्यायपूर्ण नहीं है।” ओ इस्राएल के कुल, सुन और देख : क्या मेरा व्यवहार न्याय का व्यवहार नहीं है? इसके विपरीत, तुम अपने आचरण को धर्म का आचरण कहते हो, जब कि तुम्हारा आचरण न्याय के अनुरूप नहीं है।
तब उसने मुझसे कहा, ‘मानव, तू देख रहा है कि इस्राएल-कुल के धर्मवृद्ध अंधकार में अपने पूजागृहों में क्या कर रहे हैं? ये कहते हैं, कि प्रभु हमें नहीं देखता है। वह तो हमारे देश को छोड़कर चला गया है।’
तब उसने मुझसे कहा, ‘ओ मानव, यहूदा और इस्राएल प्रदेशों की जनता ने महादुष्कर्म किया है। उनका सारा देश रक्तपात से भर गया है। यरूशलेम नगर में अन्याय ही अन्याय दिखाई देता है। वे कहते हैं, “प्रभु हमारे देश को छोड़ कर चला गया है, वह हमें नहीं देखता है।”
उस दिन मैं हाथ में दीपक लेकर यरूशलेम नगर में खोज-बीन करूंगा। जिन लोगों पर गुनाहों की परत चढ़ गई है, जो अपने हृदय में यह कहते हैं: “प्रभु न भला करेगा, और न बुरा,” उनको मैं दण्ड दूंगा।
तुम यह पूछते हो, ‘प्रभु ऐसा क्यों कर रहा है?’ सुनो, जब तुमने युवावस्था में विवाह किया था, तब तुम्हारी युवावस्था की पत्नी और तुम्हारे मध्य स्थापित विवाह की प्रतिज्ञा में प्रभु भी साक्षी था। अब तुम अपनी युवावस्था की पत्नी के प्रति विश्वासघात कर रहे हो, जबकि वह विवाह की प्रतिज्ञा के अनुसार तुम्हारी जीवन-साथी और पत्नी है।
क्या मनुष्य मुझ-परमेश्वर को धोखा दे सकता है? पर तुम मुझे धोखा दे रहे हो। तुम पूछते हो, “हम तुझे किस प्रकार धोखा दे रहे हैं?” तुम अपने दशमांश और विधिवत् भेंटों में मुझे धोखा दे रहे हो।
‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्योंकि उसके समस्त मार्ग न्यायपूर्ण हैं। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्पक्ष न्यायी और निष्कपट है।
अब गर्व के बोल मत बोलो। तुम्हारे मुँह से धृष्ट वचन न निकलें; क्योंकि प्रभु सर्वज्ञ परमेश्वर है, वही कर्मों को तौलता है।