प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘मनुष्य का अकेला रहना अच्छा नहीं। मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहायक बनाऊंगा।’
मलाकी 2:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तुम यह पूछते हो, ‘प्रभु ऐसा क्यों कर रहा है?’ सुनो, जब तुमने युवावस्था में विवाह किया था, तब तुम्हारी युवावस्था की पत्नी और तुम्हारे मध्य स्थापित विवाह की प्रतिज्ञा में प्रभु भी साक्षी था। अब तुम अपनी युवावस्था की पत्नी के प्रति विश्वासघात कर रहे हो, जबकि वह विवाह की प्रतिज्ञा के अनुसार तुम्हारी जीवन-साथी और पत्नी है। पवित्र बाइबल तुम पूछते हो, “हमारी भेंट यहोवा द्वारा स्वीकार क्यों नहीं की जातीं” क्यों क्योंकि यहोवा ने तुम्हारे किये बुरे कामों को देखा, वब तुम्हारे विरुद्ध साक्षी है। उसने देखा कि तुम अपनी पत्नी को ठगते हो। तुम उस स्त्री के साथ तबसे विवाहित हो जबसे तुम जवान हुए थे। वह तुम्हारी प्रेयसी थी। तब तुमने परस्पर प्रतिज्ञा की और वह तुम्हारी पत्नी हो गई। किन्तु तुमने उसे ठगा। Hindi Holy Bible इसलिये, क्योंकि यहोवा तेरे और तेरी उस जवानी की संगिनी और ब्याही हुई स्त्री के बीच साक्षी हुआ था जिस का तू ने विश्वासघात किया है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये, क्योंकि यहोवा तेरे और तेरी उस जवानी की संगिनी और ब्याही हुई स्त्री के बीच साक्षी हुआ था जिससे तू ने विश्वासघात किया है। सरल हिन्दी बाइबल तुम पूछते हो, “ऐसा क्यों?” ऐसा इसलिये होता है, क्योंकि याहवेह तुम्हारे और तुम्हारे जवानी के दिनों की पत्नी के बीच गवाह है. तुमने उसके साथ विश्वासघात किया है, यद्यपि वह तुम्हारे जीवन भर की साथी और शादी में किए गये वाचा की तुम्हारी पत्नी है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए, क्योंकि यहोवा तेरे और तेरी उस जवानी की संगिनी और ब्याही हुई स्त्री के बीच साक्षी हुआ था जिससे तूने विश्वासघात किया है। |
प्रभु परमेश्वर ने कहा, ‘मनुष्य का अकेला रहना अच्छा नहीं। मैं उसके लिए एक उपयुक्त सहायक बनाऊंगा।’
यदि तुम मेरी पुत्रियों के अतिरिक्त अन्य स्त्रियों से विवाह करोगे तो देखो, यद्यपि कोई मनुष्य हमारे साथ नहीं रहेगा, तथापि मेरे और तुम्हारे मध्य परमेश्वर साक्षी रहेगा।’
यह व्यभिचारिणी स्त्री का आचरण है : जैसे भोजन के बाद मनुष्य मुंह पोंछता है, वैसे ही व्यभिचारिणी स्त्री व्यभिचार कर्म के बाद कहती है, “मैंने कोई बुरा काम नहीं किया।”
मेरे पुत्र, तू परायी स्त्री पर क्यों मोहित हो? तू किसी व्यभिचारिणी को क्यों सीने से लगाए?
परमेश्वर ने सूर्य के नीचे धरती पर निस्सार जीवन के जितने भी दिन दिए हैं, उनमें अपनी प्रिय पत्नी के साथ जीवन का आनन्द भोगो, क्योंकि जीवन में यही तुम्हारा भाग है। जो परिश्रम तुम धरती पर करते हो उसमें यही तुम्हारा हिस्सा है।
प्रभु ने तुझे ऐसे बुलाया है, जैसे त्यागी हुई और दु:खी मन वाली स्त्री को पुन: बुलाया जाता है। क्या कोई युवावस्था की पत्नी को भुला सकता है? तेरा परमेश्वर यह कहता है:
वे मुझसे कहते हैं: ‘हम उपवास करते हैं किन्तु तू उसको देखता नहीं, हम अपने प्राण को कष्ट देते हैं, परन्तु तू उस पर ध्यान नहीं देता।’ देखो, जब तुम उपवास करते हो, तब तुम्हारा उद्देश्य अपनी इच्छाओं को पूर्ण करना होता है; तुम अपने मजदूरों पर अत्याचार करते हो।
क्योंकि उन्होंने इस्राएली जाति में मूर्खतापूर्ण कार्य किये: उन्होंने अपने पड़ोसी की पत्नी के साथ व्यभिचार किया, उन्होंने मेरे नाम से झूठी नबूवत की, जबकि मैंने उन को नबूवत करने का आदेश दिया ही नहीं था। ओ निष्कासित लोगो, मैं ये बातें जानता हूं, और मैं इस बात का गवाह हूं। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।’
तब सब लोगों ने यिर्मयाह से कहा, ‘यदि आपका प्रभु परमेश्वर आपके माध्यम से हमें अपना वचन देगा और यदि हम उस वचन के अनुसार आचरण नहीं करेंगे तो हमारे विरुद्ध स्वयं प्रभु हमारा सच्चा और विश्वस्त साक्षी हो।
जब वे घृणित कार्य करते हैं, तब क्या वे लज्जित होते हैं? नहीं, उनकी आंखों में शर्म-लज्जा का पानी मर गया है। दुष्कर्म करते समय पश्चात्ताप की भावना उनमें उभरती ही नहीं। इसलिए विनाश होनेवालों में वे भी नष्ट होंगे। जब मैं यरूशलेम के निवासियों को दण्ड दूंगा, तब नबी और पुरोहित भी ठोकर खाकर गिर जाएंगे।’ प्रभु की यह वाणी है।
काश, निर्जन प्रदेश में मुझे टिकने के लिए सराय मिल जाती, तो मैं अपने लोगों को छोड़कर चला जाता; क्योंकि वे सब के सब व्यभिचारी हैं; और वे विश्वासघातियों का संघ बन गए हैं।
‘मैं फिर तेरे पास से गुजरा, और तुझ पर दृष्टि की, तो देखा कि तेरी उम्र प्रेम करने के लायक हो गई है। मैंने तेरे शरीर पर अपनी चादर डाल दी, और यों तेरी नग्नता ढांप दी। मैंने सौगन्ध खाकर तुझे वचन दिया, और तेरे साथ विधान स्थापित किया, और इस प्रकार तू मेरी पत्नी बन गई।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
हे लोगो, तुम सब सुनो; हे पृथ्वी, और पृथ्वी के निवासियो, ध्यान दो। स्वामी-प्रभु तुम्हारे विरुद्ध साक्षी देगा। स्वामी अपने पवित्र मन्दिर से बाहर आए।
क्या प्रभु ने पति और पत्नी को एक हो जाने के लिए नहीं बनाया? तो क्या आत्मा इस में सम्मिलित नहीं है? और पति-पत्नी के एक होने का क्या उद्देश्य है? यही कि वे धर्मपरायण सन्तान उत्पन्न करें। अत: अपने प्रति सावधान रहो। कोई भी पति अपनी युवावस्था की पत्नी के प्रति विश्वासघात न करे।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु यों कहता है, ‘तब मैं अदालत में तुम्हारे सम्मुख उपस्थित होऊंगा। मैं इन सब लोगों के विरुद्ध तुरन्त साक्षी दूंगा: झाड़-फूंक करनेवाले ओझा, व्यभिचारी, झूठी शपथ खानेवाले, मजदूर की मजदूरी दबानेवाले, विधवाओं और अनाथों पर अत्याचार करनेवाले, प्रवासी के अधिकारों को छीननेवाले और मुझसे न डरनेवाले।
क्या मनुष्य मुझ-परमेश्वर को धोखा दे सकता है? पर तुम मुझे धोखा दे रहे हो। तुम पूछते हो, “हम तुझे किस प्रकार धोखा दे रहे हैं?” तुम अपने दशमांश और विधिवत् भेंटों में मुझे धोखा दे रहे हो।
गिलआद प्रदेश के धर्मवृद्धों ने यिफ्ताह से कहा, ‘प्रभु हमारी इस बात का साक्षी होगा। निश्चय हम तेरी शर्त के अनुसार कार्य करेंगे।’
शमूएल ने कहा, ‘प्रभु तुम्हारा साक्षी है! आज प्रभु का अभिषिक्त राजा साक्षी है कि तुमने मेरे हाथ में कुछ भी नहीं पाया।’ उन्होंने कहा, ‘प्रभु साक्षी है!’