“तब मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर उन्मुख हुआ। मैंने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहिने, और अपने सिर पर राख डाली। मैंने उपवास रखा। मैं परमेश्वर की कृपा-दृष्टि पाने के लिए प्रार्थना और विनती करने लगा।
मरकुस 9:29 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने उत्तर दिया, “प्रार्थना के अतिरिक्त और किसी उपाय से इस प्रकार की आत्मा नहीं निकाली जा सकती।” पवित्र बाइबल इस पर यीशु ने उनसे कहा, “ऐसी दुष्टात्मा प्रार्थना के बिना बाहर नहीं निकाली जा सकती थी।” Hindi Holy Bible उस ने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने उनसे कहा, “यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से नहीं निकल सकती।” नवीन हिंदी बाइबल उसने उनसे कहा,“यह जाति प्रार्थना और उपवासको छोड़ और किसी भी रीति से निकल नहीं सकती।” सरल हिन्दी बाइबल येशु ने उत्तर दिया, “सिवाय प्रार्थना के इस वर्ग निकाला ही नहीं जा सकता.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने उनसे कहा, “यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।” |
“तब मैं अपने स्वामी परमेश्वर की ओर उन्मुख हुआ। मैंने पश्चात्ताप प्रकट करने के लिए टाट के वस्त्र पहिने, और अपने सिर पर राख डाली। मैंने उपवास रखा। मैं परमेश्वर की कृपा-दृष्टि पाने के लिए प्रार्थना और विनती करने लगा।
तब वह जाकर अपने से भी बुरी सात आत्माओं को अपने साथ ले आती है और वे उस घर में प्रवेश कर वहीं बस जाती हैं। इस तरह उस मनुष्य की यह पिछली दशा पहली से भी बुरी हो जाती है। ऐसा ही इस दुष्ट पीढ़ी के साथ होगा।”
येशु ने उन से कहा, “अपने विश्वास की कमी के कारण। मैं तुम से सच कहता हूँ − यदि तुम्हारा विश्वास राई के दाने के बराबर भी हो, तो यदि तुम इस पहाड़ से यह कहोगे, ‘यहाँ से वहाँ हट जा’, तो यह हट जाएगा; और तुम्हारे लिए कुछ भी असम्भव नहीं होगा।
[परन्तु भूतों की यह जाति प्रार्थना तथा उपवास के सिवा किसी और उपाय से नहीं निकाली जा सकती]।”
जब येशु घर में आए तो उनके शिष्यों ने एकान्त में उन से पूछा, “हम लोग उसे क्यों नहीं निकाल सके?”
येशु और उनके शिष्य वहाँ से चले गये। वे गलील प्रदेश से होकर जा रहे थे। येशु नहीं चाहते थे कि किसी को इसका पता चले,
तब वह जाकर अपने से भी अधिक बुरी सात आत्माओं को ले आती है और वे उस घर में प्रवेश कर वहीं बस जाती हैं। इस प्रकार उस मनुष्य की यह पिछली दशा पहली से भी अधिक बुरी हो जाती है।”
उन्होंने प्रत्येक कलीसिया में उनके लिए धर्मवृद्धों को नियुक्त किया और प्रार्थना तथा उपवास करने के बाद उन्हें प्रभु के हाथों सौंप दिया, जिन पर वे विश्वास कर चुके थे।
मैं अपने शरीर को कष्ट देता हूँ और उसे वश में रखता हूँ। कहीं ऐसा न हो कि दूसरों को प्रवचन देने के बाद मैं स्वयं अयोग्य प्रमाणित होऊं।
मैंने कठोर परिश्रम किया और बहुत-सी रातें जागते हुए बितायीं। मुझे अकसर भोजन नहीं मिला। भूख-प्यास, ठण्ड और कपड़ों का अभाव−यह सब मैं सहता रहा
हमें कोड़ों से मारा गया, कारागार में डाला गया, हम पर भीड़ ने उत्पात किया। हमने अत्यधिक परिश्रम किया, हम रात-रात भर जागे और भूखे रहे।
आप लोग हर समय पवित्र आत्मा में सब प्रकार की प्रार्थना तथा निवेदन करते रहें। आप लोग जागते रहें और सब सन्तों के लिए लगन से निरन्तर प्रार्थना करते रहें।
वह विश्वासपूर्ण प्रार्थना रोगी को बचायेगी और प्रभु उसे खड़ा कर देगा। यदि उसने पाप किया है, तो उसे क्षमा मिलेगी।