एलियाह ने चारों ओर देखा। उनके सिरहाने पर गर्म तन्दूर पर सेंकी हुई रोटी और पानी से भरा हुआ एक घड़ा था। एलियाह ने रोटी खाई, और पानी पिया। तत्पश्चात् वह फिर लेट गए।
मरकुस 8:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “मुझे इन लोगों पर तरस आता है। ये तीन दिनों से मेरे साथ रह रहे हैं और इनके पास खाने को कुछ भी नहीं है। पवित्र बाइबल “मुझे इन लोगों पर तरस आ रहा है क्योंकि इन लोगों को मेरे साथ तीन दिन हो चुके हैं और उनके पास खाने को कुछ नहीं है। Hindi Holy Bible मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उन के पास कुछ भी खाने को नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ है, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं। नवीन हिंदी बाइबल “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है क्योंकि ये लोग तीन दिन से मेरे साथ हैं और उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं है। सरल हिन्दी बाइबल “इनके लिए मेरे हृदय में करुणा उमड़ रही है, क्योंकि ये सब तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं. इनके पास अब कुछ भी भोजन सामग्री नहीं है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि यह तीन दिन से बराबर मेरे साथ हैं, और उनके पास कुछ भी खाने को नहीं। |
एलियाह ने चारों ओर देखा। उनके सिरहाने पर गर्म तन्दूर पर सेंकी हुई रोटी और पानी से भरा हुआ एक घड़ा था। एलियाह ने रोटी खाई, और पानी पिया। तत्पश्चात् वह फिर लेट गए।
प्रभु, सब प्राणियों की आंखें तेरी ओर लगी रहती हैं, और तू उन्हें समय पर उनका भोजन देता है।
तू हम पर पुन: दया करेगा। तू हमारे अधर्म को अपने पैरों तले रौंद डालेगा, प्रभु, तू हमारे समस्त पापों को सागर की अतल गहराई में फेंक देगा।
नाव से उतर कर येशु ने एक विशाल जनसमूह को देखा। उन्हें उन लोगों पर तरस आया और उन्होंने उनके रोगियों को स्वस्थ कर दिया।
येशु को उन पर दया आयी और उन्होंने उनकी आँखों का स्पर्श किया। उसी क्षण उनकी दृष्टि लौट आयी और वे येशु के पीछे हो लिये।
जनसमूह को देख कर येशु को उन पर तरस आया, क्योंकि वे उत्पीड़ित और निस्सहाय थे। वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई चरवाहा न हो।
येशु को उस पर दया आयी। उन्होंने हाथ बढ़ाकर यह कहते हुए उसका स्पर्श किया, “मैं यही चाहता हूँ−तुम शुद्ध हो जाओ।”
उसका अनुरोध अस्वीकार करते हुए येशु ने उससे कहा, “अपने लोगों के पास अपने घर जाओ और उन्हें बताओ कि प्रभु ने तुम्हारे लिए कितना अधिक किया है और तुम पर किस तरह कृपा की है।”
येशु ने नाव से उतर कर एक विशाल जनसमूह देखा। उन्हें उन लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे बिना चरवाहे की भेड़ों की तरह थे और वे उन्हें बहुत-सी बातों की शिक्षा देने लगे।
यदि मैं इन्हें भूखा ही घर भेजूँ, तो ये रास्ते में मूच्छिर्त हो जाएँगे। इन में कुछ लोग तो दूर से आए हैं।”
अशुद्ध आत्मा ने इसका विनाश करने के लिए इसे बार-बार आग तथा पानी में गिराया है। यदि आप कुछ कर सकें, तो हम पर तरस खा कर हमारी सहायता कीजिए।”
तब वह उठ कर अपने पिता के घर की ओर चल पड़ा। वह दूर ही था कि उसके पिता ने उसे देख लिया और वह दया से द्रवित हो उठा। उसने दौड़कर उसे गले लगा लिया और उसका चुम्बन किया।
इसलिए यह आवश्यक था कि वह सभी बातों में अपने भाई-बहिनों† के सदृश बन जायें, जिससे वह परमेश्वर-सम्बन्धी बातों में मनुष्यों के दयालु और विश्वस्त महापुरोहित के रूप में प्रजा के पापों का प्रायश्चित कर सकें।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।
वह अज्ञानियों और भूले-भटके लोगों के साथ सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार कर सकता है, क्योंकि वह स्वयं दुर्बलताओं से घिरा हुआ है।