हे प्रभु, क्यों तू हमें अपने मार्ग से भटकाता है, क्यों तू हमारा हृदय कठोर करता है कि हम तुझसे न डरें? अपनी मीरास के कुलों के लिए, अपने सेवकों के हित में लौट आ।
मरकुस 8:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने यह जान कर उन से कहा, “तुम लोग यह क्यों सोचते हो कि हमारे पास रोटियाँ नहीं हैं। क्या तुम अब तक नहीं जान सके हो? क्या अब भी तुम्हारी समझ में नहीं आया है? क्या तुम्हारा मन जड़ हो गया है? पवित्र बाइबल वे क्या कह रहे हैं, यह जानकर यीशु उनसे बोला, “रोटी पास नहीं होने के विषय में तुम क्यों सोच विचार कर रहे हो? क्या तुम अभी भी नहीं समझते बूझते? क्या तुम्हारी बुद्धि इतनी जड़ हो गयी है? Hindi Holy Bible यह जानकर यीशु ने उन से कहा; तुम क्यों आपस में यह विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “तुम क्यों आपस में यह विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? नवीन हिंदी बाइबल यह जानकर उसने उनसे कहा,“तुम आपस में सोच विचार क्यों कर रहे हो कि तुम्हारे पास रोटी नहीं है? क्या तुम अब भी नहीं जानते और न ही समझते हो? क्या तुम्हारा मन कठोर हो चुका है? सरल हिन्दी बाइबल उनकी स्थिति समझते हुए मसीह येशु ने उनसे कहा, “रोटी के न होने के विषय में वाद-विवाद क्यों किए जा रहे हो? क्या अब भी तुम्हें कुछ समझ नहीं आ रहा? क्या तुम्हारा हृदय कठोर हो गया है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यह जानकर यीशु ने उनसे कहा, “तुम क्यों आपस में विचार कर रहे हो कि हमारे पास रोटी नहीं? क्या अब तक नहीं जानते और नहीं समझते? क्या तुम्हारा मन कठोर हो गया है? |
हे प्रभु, क्यों तू हमें अपने मार्ग से भटकाता है, क्यों तू हमारा हृदय कठोर करता है कि हम तुझसे न डरें? अपनी मीरास के कुलों के लिए, अपने सेवकों के हित में लौट आ।
येशु यह जान कर वहाँ से चले गये। बहुत लोग येशु के पीछे हो लिये। येशु ने सब को स्वस्थ कर दिया,
इसके बाद येशु ने ‘ग्यारह’ प्रेरितों को उनके भोजन करते समय दर्शन दिया और उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए उनकी भत्र्सना की; क्योंकि उन्होंने उन लोगों पर विश्वास नहीं किया था, जिन्होंने येशु को उनके जी उठने के बाद देखा था।
येशु ने तुरन्त अपनी आत्मा में जाना कि वे मन-ही-मन क्या सोच रहे हैं। उन्होंने शास्त्रियों से कहा, “तुम अपने मन में तर्क-वितर्क क्यों कर रहे हो?
उनके हृदय की कठोरता देख कर येशु को दु:ख हुआ और वह उन पर क्रोध भरी दृष्टि दौड़ा कर उस मनुष्य से बोले, “अपना हाथ बढ़ाओ।” उसने अपना हाथ बढ़ाया और उसका हाथ अच्छा हो गया।
तब येशु ने उन से कहा, “निर्बुद्धियो! नबियों ने जो कुछ कहा है, तुम उस पर विश्वास करने में कितने मन्दमति हो!
अब हम समझ गये हैं कि आप सब कुछ जानते हैं और आपको आवश्यकता नहीं कि कोई आपसे प्रश्न करे। इसलिए हम विश्वास करते हैं कि आप परमेश्वर से निकले हैं।”
येशु ने तीसरी बार उससे कहा, “सिमोन, योहन के पुत्र! क्या तुम मुझे प्यार करते हो?” पतरस को इससे दु:ख हुआ कि उन्होंने तीसरी बार उससे यह पूछा, “क्या तुम मुझे प्यार करते हो?”। उसने येशु से कहा, “प्रभु! आप तो सब कुछ जानते हैं। आप जानते हैं कि मैं आप को प्यार करता हूँ।” येशु ने उससे कहा, “मेरी भेड़ों को चराओ।
मैं उसकी सन्तति का संहार करूंगा और सब कलीसियाएँ यह जान जायेंगी कि मैं वह हूँ, जो मन और ह्रदय की थाह लेता है और मैं तुम में से हर एक को उसके कर्मों का फल दूँगा।