उस दिन दाऊद परमेश्वर से डर गया। उसने कहा, ‘मैं कैसे परमेश्वर की मंजूषा को अपने पास रख सकता हूँ?’
मरकुस 5:15 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) वे येशु के पास आए और यह देख कर भयभीत हो गये कि वह भूतग्रस्त, जिस में पहले अशुद्ध आत्माओं की सेना थी, बैठा हुआ है। वह कपड़े पहिने हुए है, और स्वस्थमन है। पवित्र बाइबल वे यीशु के पास पहुँचे और देखा कि वह व्यक्ति जिस पर दुष्टात्माएँ सवार थीं, कपड़े पहने पूरी तरह सचेत वहाँ बैठा है, और यह वही था जिस में दुष्टात्माओं की पूरी सेना समाई थी, वे डर गये। Hindi Holy Bible और जो हुआ था, लोग उसे देखने आए। और यीशु के पास आकर, वे उस को जिस में दुष्टात्माएं थीं, अर्थात जिस में सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर, डर गए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु के पास आकर वे उसको जिसमें दुष्टात्माएँ थीं, अर्थात् जिसमें सेना समाई थी, कपड़े पहिने और सचेत बैठे देखकर डर गए। नवीन हिंदी बाइबल फिर वे यीशु के पास आए और उस दुष्टात्माग्रस्त को, जिसमें सेना थी, वस्त्र पहने तथा सचेत बैठे हुए देखा, और वे डर गए। सरल हिन्दी बाइबल जब वे मसीह येशु के पास पहुंचे, उन्होंने देखा कि वह दुष्टात्मा से पीड़ित व्यक्ति वस्त्र धारण किए हुए सचेत स्थिति में वहां बैठा था. यह वही व्यक्ति था जिसमें दुष्टात्माओं की सेना पैठी थी. यह देख वे डर गए. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु के पास आकर, वे उसको जिसमें दुष्टात्माएँ समाई थीं, कपड़े पहने और सचेत बैठे देखकर, डर गए। |
उस दिन दाऊद परमेश्वर से डर गया। उसने कहा, ‘मैं कैसे परमेश्वर की मंजूषा को अपने पास रख सकता हूँ?’
हमारा प्रभु परमेश्वर पहली बार हम पर इसलिए टूट पड़ा था; क्योंकि आप लोग उसकी मंजूषा को उठाकर नहीं लाए थे। इसके अतिरिक्त हमने विधि के अनुसार कार्य नहीं किया था और उसकी उपेक्षा की थी।’
“फिर, कौन मनुष्य किसी बलवान के घर में घुस कर उसकी सम्पत्ति लूट सकता है, जब तक वह उस बलवान को न बाँध ले? उसके बाद ही वह उसका घर लूट सकता है।
क्या तुम यह समझते हो कि मैं अपने पिता से सहायता नहीं माँग सकता? क्या वह इसी क्षण मेरे लिए स्वर्गदूतों की बारह से भी अधिक सेनाएँ नहीं भेज देगा?
उनका नाम सारे सीरिया देश में फैल गया। लोग मिर्गी, लकवा आदि नाना प्रकार की बीमारियों और कष्टों से पीड़ित सब रोगियों को और भूतग्रस्तों को येशु के पास ले आते और वह उन्हें स्वस्थ कर देते थे।
येशु ने भूत को निकाल दिया और वह गूँगा बोलने लगा। लोग अचम्भे में पड़ कर बोल उठे, “इस्राएल में ऐसा कभी नहीं देखा गया है।”
सूअर चराने वाले भाग गये। उन्होंने नगर और बस्तियों में जाकर इसकी खबर फैला दी। लोग यह सब देखने आए कि क्या बात है।
जिन्होंने यह सब अपनी आँखों से देखा था, उन्होंने लोगों को बताया कि भूतग्रस्त मनुष्य के साथ क्या हुआ और सूअरों पर क्या बीती।
येशु नाव पर चढ़ ही रहे थे कि उस मनुष्य ने, जो पहले भूतग्रस्त था, उनसे अनुरोध किया, “मुझे अपने साथ रहने दीजिए।”
क्योंकि वह बारम्बार बेड़ियों और जंजीरों से बाँधा गया था, किन्तु उसने जंजीरों को तोड़ डाला और बेड़ियों को टुकड़े-टुकड़े कर दिया था। उसे कोई भी वश में नहीं रख पाता था।
येशु ने उससे पूछा, “तेरा नाम क्या है?” उसने उत्तर दिया, “मेरा नाम ‘सेना’ है, क्योंकि हम बहुत हैं।”
उसकी मरियम नामक एक बहिन थी। वह प्रभु येशु के चरणों में बैठ कर येशु की शिक्षा सुन रही थी।
येशु ज्यों ही भूमि पर उतरे, उस नगर का एक भूतग्रस्त मनुष्य उनके पास आया। वह बहुत दिनों से कपड़े नहीं पहनता था और घर में नहीं, बल्कि कबरों में रहा करता था।
परमेश्वर ने हमें कायरता का नहीं, बल्कि सामर्थ्य, प्रेम तथा आत्मसंयम का आत्मा प्रदान किया है।
शमूएल ने प्रभु के आदेश के अनुसार कार्य किया। वह बेतलेहम नगर में आया। नगर के धर्मवृद्ध डर से काँपने लगे। वे शमूएल से भेंट करने आए। उन्होंने पूछा, ‘हे द्रष्टा! क्या आप मित्रभाव से आए हैं?’