तब पुरोहित एबयातर आया। उसके पश्चात् सादोक भी आया। सादोक के साथ उपपुरोहित लेवीय थे, जो परमेश्वर के विधान की मंजूषा उठाए हुए थे। जब तक सब लोग नगर से गुजर नहीं गए तब तक वे परमेश्वर की मंजूषा एबयातर के पास रखे रहे।
मरकुस 2:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसने महापुरोहित एबयातर के समय परमेश्वर के भवन में प्रवेश कर भेंट की रोटियाँ खायीं और अपने साथियों को भी खिलायीं। पुरोहितों को छोड़ किसी और को उन्हें खाने की आज्ञा तो नहीं थी।” पवित्र बाइबल क्या तुमने नहीं पढ़ा कि, जब अबियातार महायाजक था तब वह परमेश्वर के मन्दिर में कैसे गया और परमेश्वर को भेंट में चढ़ाई रोटियाँ उसने कैसे खाईं (जिनका खाना महायाजक को छोड़ कर किसी को भी उचित नहीं है) कुछ रोटियाँ उसने उनको भी दी थीं जो उसके साथ थे?” Hindi Holy Bible उस ने क्योंकर अबियातार महायाजक के समय, परमेश्वर के भवन में जाकर, भेंट की रोटियां खाईं, जिसका खाना याजकों को छोड़ और किसी को भी उचित नहीं, और अपने साथियों को भी दीं? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उसने कैसे अबियातार महायाजक के समय, परमेश्वर के भवन में जाकर भेंट की रोटियाँ खाईं, जिसका खाना याजकों को छोड़ और किसी को भी उचित नहीं, और अपने साथियों को भी दीं?” नवीन हिंदी बाइबल महायाजक अबियातार के दिनों में वह किस प्रकार परमेश्वर के भवन में गया और भेंट की रोटियाँ खाईं जिन्हें खाना याजकों को छोड़ और किसी के लिए उचित नहीं था और उसने अपने साथियों को भी दीं?” सरल हिन्दी बाइबल महापुरोहित अबीयाथर के समय में उन्होंने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया तथा समर्पित पवित्र रोटी खाई जिसे खाना पुरोहित के अतिरिक्त अन्य किसी के लिए व्यवस्था के अनुसार नहीं था. यही रोटी उन्होंने अपने साथियों को भी दी.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 उसने क्यों अबियातार महायाजक के समय, परमेश्वर के भवन में जाकर, भेंट की रोटियाँ खाईं, जिसका खाना याजकों को छोड़ और किसी को भी उचित नहीं, और अपने साथियों को भी दीं?” |
तब पुरोहित एबयातर आया। उसके पश्चात् सादोक भी आया। सादोक के साथ उपपुरोहित लेवीय थे, जो परमेश्वर के विधान की मंजूषा उठाए हुए थे। जब तक सब लोग नगर से गुजर नहीं गए तब तक वे परमेश्वर की मंजूषा एबयातर के पास रखे रहे।
वहाँ पुरोहित सादोक और एबयातर भी तुम्हारे साथ होंगे। जो बातें तुम राज-महल में सुनोगे उन्हें तुम पुरोहित सादोक और एबयातर को बता देना।
सादोक और एबयातर पुरोहित थे। (एबयातर अहीमेलक का पुत्र और अहीटूब का पौत्र था)। सरायाह महा-सहायक था।
उसने योआब बेन-सरूयाह और पुरोहित एबयातर से विचार-विमर्श किया। उन्होंने अदोनियाह का अनुसरण किया और उसकी सहायता की।
राजा सुलेमान ने अपनी मां को उत्तर दिया, ‘वाह! तूने अदोनियाह के लिए केवल अबीशग को क्यों मांगा? उसके लिए राज्य भी मांग! क्योंकि वह तो मेरा बड़ा भाई है न! पुरोहित एबयातर और योआब बेन-सरूयाह उसके पक्ष में हैं न!’
लेवी कुल के उप-पुरोहित लिपिक शमयाह बेन-नतनएल ने राजा एवं दरबारियों के सम्मुख, पुरोहित सादोक एवं अहीमेलेक बेन-अबीयातार के सम्मुख तथा पुरोहितों और उप-पुरोहितों के पितृकुलों के अगुओं के सम्मुख उनके नाम लिखे। एलआजर वंश से एक पुरोहित-परिवार तथा ईतामार के वंश से एक पुरोहित-परिवार चुना गया।
उसने परमेश्वर के भवन में प्रवेश किया और अपने साथियों के साथ भेंट की रोटियाँ खायीं, जिनका खाना उसके और उसके साथियों के लिए मना था। भेंट की रोटियाँ केवल पुरोहित खा सकते थे।
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “क्या तुम लोगों ने कभी यह नहीं पढ़ा कि जब दाऊद और उनके साथी भूखे थे और खाने को उनके पास कुछ नहीं था, तो दाऊद ने क्या किया था?
दाऊद नोब नगर में आया। वह पुरोहित अहीमेलक के पास गया। अहीमेलक दाऊद से भेंट करने निकला। वह डर से कांप रहा था। उसने दाऊद से पूछा, ‘आप अकेले क्यों हैं? आपके साथ एक भी सैनिक नहीं है?’
अब, अहीमेलक के पुत्र पुरोहित एबयातर ने जब दाऊद की शरण ली तब वह हाथ में एपोद लेकर कईलाह नगर को गया।
दाऊद जानता था कि शाऊल उसका अनिष्ट करने के लिए योजना बना रहा है। उसने पुरोहित एबयातर से कहा, ‘एपोद को यहाँ लाओ।’