येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
मरकुस 14:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जिस घर में वह प्रवेश करे, उस घर के स्वामी से तुम यह कहना, “गुरुवर कहते हैं : मेरे लिए अतिथिशाला कहाँ है, जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ पास्का का भोजन करूँगा?” पवित्र बाइबल फिर जहाँ कहीं भी वह भीतर जाये, उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है भोजन का मेरा वह कमरा कहाँ है जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह का खाना खा सकूँ।’ Hindi Holy Bible और वह जिस घर में जाए उस घर के स्वामी से कहना; गुरू कहता है, कि मेरी पाहुनशाला जिस में मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊं कहां है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और वह जिस घर में जाए, उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु कहता है कि मेरी पाहुनशाला जिसमें मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊँ कहाँ है?’ नवीन हिंदी बाइबल और वह जिस घर में प्रवेश करे, उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु कहता है, “मेरा अतिथि कक्ष कहाँ है, जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ फसह का भोज करूँ?” ’ सरल हिन्दी बाइबल वह जिस घर में प्रवेश करेगा, उसके घर के स्वामी से कहना, ‘गुरु ने पूछा है, “मेरा अतिथि कक्ष कहां है, जहां मैं अपने शिष्यों के साथ फ़सह खाऊं?” ’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह जिस घर में जाए उस घर के स्वामी से कहना: ‘गुरु कहता है, कि मेरी पाहुनशाला जिसमें मैं अपने चेलों के साथ फसह खाऊँ कहाँ है?’ |
येशु यात्रा पर निकल ही रहे थे कि एक व्यक्ति दौड़ता हुआ आया और उनके सामने घुटने टेक कर उसने यह पूछा, “भले गुरु! शाश्वत जीवन का उत्तराधिकारी बनने के लिए मुझे क्या करना चाहिए?”
यदि कोई तुम से कहे, ‘यह क्या कर रहे हो,’ तो कह देना, ‘प्रभु को इसकी जरूरत है।’ वह इसे शीघ्र ही यहाँ वापस भेज देंगे।”
येशु ने दो शिष्यों को यह कहकर भेजा, “नगर में जाओ। तुम्हें एक मनुष्य मिलेगा। वह पानी से भरा घड़ा लिये हुए जा रहा होगा। तुम उसके पीछे-पीछे जाना।
वह तुम्हें ऊपर एक सजा-सजाया बड़ा कमरा दिखा देगा। वहीं तुम हमारे लिए भोज की तैयारी करना।”
उस घर के स्वामी से कहना, ‘गुरुवर ने आप से यह कहा है : ‘अतिथिशाला कहाँ है, जहाँ मैं अपने शिष्यों के साथ पास्का-पर्व का भोजन करूँगा?’
वह यह कह कर चली गयी और अपनी बहिन मरियम को बुला कर उसने चुपके से उससे कहा, “गुरुवर यहाँ हैं और तुम को बुला रहे हैं।”
मैं द्वार के सामने खड़ा हो कर खटखटाता हूँ। यदि तुम मेरी वाणी सुन कर द्वार खोलोगे, तो मैं तुम्हारे पास भीतर आ कर तुम्हारे साथ भोजन करूँगा और तुम मेरे साथ।