शत्रु ने उसका धन-वैभव लूटने के लिए अपना हाथ बढ़ाया है; हां, यरूशलेम नगरी को यह भी देखना पड़ा; विधर्मी राष्ट्र उसके पवित्र स्थान में घुस गए, जिनके विषय में तूने, प्रभु, यह आज्ञा दी थी, कि वे तेरी मंडली में प्रवेश नहीं करेंगे।
मरकुस 13:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जब तुम विनाशकारी घृणित व्यक्ति को वहाँ खड़ा हुआ देखोगे, जहाँ उसका होना उचित नहीं है−पढ़ने वाला इसे समझ ले−तो, जो लोग यहूदा प्रदेश में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएँ। पवित्र बाइबल “जब तुम ‘भयानक विनाशकारी वस्तुओं को,’ जहाँ वे नहीं होनी चाहियें, वहाँ खड़े देखो” (पढ़ने वाला स्वयं समझ ले कि इसका अर्थ क्या है।) “तब जो लोग यहूदिया में हों, उन्हें पहाड़ों पर भाग जाना चाहिये और Hindi Holy Bible सो जब तुम उस उजाड़ने वाली घृणित वस्तु को जहां उचित नहीं वहां खड़ी देखो, (पढ़नेवाला समझ ले) तब जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “अत: जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जहाँ उचित नहीं वहाँ खड़ी देखो, (पढ़नेवाला समझ ले) तब जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएँ; नवीन हिंदी बाइबल “जब तुम उस उजाड़नेवाले घृणित पात्र को वहाँ खड़े हुए देखो जहाँ उसे नहीं होना चाहिए, (पाठक समझ ले)तो जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएँ। सरल हिन्दी बाइबल “उस समय, जब तुम उस विनाशकारी घृणित वस्तु को ऐसे स्थान में खड़ी दिखे, जो उसका निर्धारित स्थान नहीं है—पाठक इसे समझ ले—तब वे, जो यहूदिया प्रदेश में हों पर्वतों पर भागकर जाएं. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “अतः जब तुम उस उजाड़नेवाली घृणित वस्तु को जहाँ उचित नहीं वहाँ खड़ी देखो, (पढ़नेवाला समझ ले) तब जो यहूदिया में हों, वे पहाड़ों पर भाग जाएँ। (दानि. 9:27, दानि. 12:11) |
शत्रु ने उसका धन-वैभव लूटने के लिए अपना हाथ बढ़ाया है; हां, यरूशलेम नगरी को यह भी देखना पड़ा; विधर्मी राष्ट्र उसके पवित्र स्थान में घुस गए, जिनके विषय में तूने, प्रभु, यह आज्ञा दी थी, कि वे तेरी मंडली में प्रवेश नहीं करेंगे।
‘इसलिए मैं स्वामी-प्रभु यह कहता हूँ: इस्राएली समाज के मध्य रहनेवाला अन्य कौम का कोई भी व्यक्ति, मन और शरीर से बेख़तना विजातीय मनुष्य, मेरे पवित्र स्थान में प्रवेश नहीं करेगा।
उसके द्वारा भेजे गए सैन्यदल पवित्र-स्थान और गढ़ को अशुद्ध कर देंगे। वे निरन्तर अग्नि-बलि को बन्द कर देंगे। वे उस घृणित वस्तु को प्रतिष्ठित करेंगे जो विध्वंस का कारण होगी।
जिस दिन पवित्र मन्दिर में नित्य अग्नि-बलि चढ़ाना बन्द कर दिया जाएगा और घृणित वस्तु वहाँ प्रतिष्ठित की जाएगी, जो विनाश का कारण होगी, उस दिन से बारह सौ नब्बे दिन व्यतीत होंगे।
“तब मैंने एक भक्त को बोलते हुए सुना। एक और भक्त इस बोलनेवाले भक्त से पूछ रहा था, “नित्य अग्निबलि और विध्वंसकारी अधर्म के विषय में जो दर्शन दिखाया गया है वह कब पूरा होगा? पवित्र स्थान के तोड़-फोड़ तथा स्वर्ग की सेना के तारागणों का रौंदा जाना कब तक होता रहेगा?”
“अगुआ अनेक लोगों के साथ पक्की सन्धि करेगा। इस सन्धि की अवधि वर्षों के एक सप्ताह की होगी और इन वर्षों के आधे सप्ताह तक अगुआ पशुबलि और अन्नबलि चढ़ाना बन्द करा देगा। तब घृणित मूर्तिपूजा के छा जाने से वह अगुआ विनाशक सिद्ध होगा। वह उस समय तक विनाश करता रहेगा जब तक उसके अन्त का निश्चित समय न आएगा।” ’
भाइयो और बहिनो! सोच-विचार में बच्चे मत बनिए। हाँ, बुराई के संबंध में शिशु बने रहिए; किन्तु सोच-विचार में पूर्ण सयाने बनिए।
धन्य है, वह जो इस नबूबत को पढ़ कर सुनाता है और धन्य हैं वे, जो इसके शब्द सुनते हैं और इस में लिखी हुई बातों का ध्यान रखते हैं; क्योंकि वह समय निकट आ गया है!
यहाँ समझ की आवश्यकता है। जो बुद्धिमान है, वह पशु के नाम की संख्या निकाले, क्योंकि वह किसी मनुष्य के नाम की संख्या है और उसकी संख्या छह सौ छियासठ है।