“जो कोई इन छोटों में से किसी को शिष्य मान कर केवल कटोरा भर ठंडा पानी पिलाएगा, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह अपना पुरस्कार कदापि नहीं खोएगा।”
मरकुस 12:43 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस पर येशु ने अपने शिष्यों को बुला कर कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ; खजाने में भेंट चढ़ाने वालों में इस गरीब विधवा ने सब से अधिक डाला है; पवित्र बाइबल फिर उसने अपने चेलों को पास बुलाया और उनसे कहा, “मैं तुमसे सत्य कहता हूँ, धनवानों द्वारा दान-पात्र में डाले गये प्रचुर दान से इस निर्धन विधवा का यह दान कहीं महान है। Hindi Holy Bible तब उस ने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा; मैं तुम से सच कहता हूं, कि मन्दिर के भण्डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उन से कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि मन्दिर के भण्डार में डालने वालों में से इस कंगाल विधवा ने सबसे बढ़कर डाला है; नवीन हिंदी बाइबल तब उसने अपने शिष्यों को पास बुलाकर उनसे कहा,“मैं तुमसे सच कहता हूँ कि इस मंदिर-कोष में डालनेवालों में से इस कंगाल विधवा ने सब से अधिक डाला है। सरल हिन्दी बाइबल मसीह येशु ने अपने शिष्यों का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा, “सच यह है कि इस निर्धन विधवा ने कोष में उन सभी से बढ़कर दिया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने अपने चेलों को पास बुलाकर उनसे कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ कि मन्दिर के भण्डार में डालने वालों में से इस गरीब विधवा ने सबसे बढ़कर डाला है; |
“जो कोई इन छोटों में से किसी को शिष्य मान कर केवल कटोरा भर ठंडा पानी पिलाएगा, तो मैं तुम से सच कहता हूँ कि वह अपना पुरस्कार कदापि नहीं खोएगा।”
क्योंकि सब ने अपनी समृद्धि से कुछ चढ़ाया, परन्तु इसने तंगी में रहते हुए भी, इसके पास जो कुछ था, वह सब अर्थात् अपनी सारी जीविका ही अर्पित कर दी!”
येशु ने मन्दिर में शिक्षा देते हुए कोषागार में यह कहा। किसी ने उन्हें गिरफ्तार नहीं किया, क्योंकि तब तक उनका समय नहीं आया था।
शिष्यों ने निश्चय किया कि यहूदा प्रदेश में रहने वाले विश्वासी भाई-बहिनों की सहायता के लिए उन में से प्रत्येक अपने-अपने सामर्थ्य के अनुसार कुछ भेजेगा।
यदि दान देने की उत्सुकता है, तो सामर्थ्य के अनुसार जो कुछ भी दिया जाए, वह परमेश्वर को ग्राह्य है। किसी से यह आशा नहीं की जाती है कि वह अपने सामर्थ्य से अधिक दान दे।
कष्टों की अग्निपरीक्षा में भी उनका आनन्द अपार रहा और घोर दरिद्रता की दशा में रहते हुए भी उन्होंने बड़ी उदारता का परिचय दिया है।