मरकुस 12:36 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा की प्रेरणा से कहा, ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा : तुम मेरे सिंहासन की दाहिनी ओर बैठो, जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे पैरों तले न डाल दूँ।’ पवित्र बाइबल दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा से प्रेरित होकर कहा था: ‘प्रभु परमेश्वर ने मेरे प्रभु (मसीह) से कहा: मेरी दाहिनी ओर बैठ जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पैरों तले न कर दूँ।’ Hindi Holy Bible दाऊद ने आप ही पवित्र आत्मा में होकर कहा है, कि प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा; मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पांवों की पीढ़ी न कर दूं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) दाऊद ने आप ही पवित्र आत्मा में होकर कहा है : ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, “मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों की पीढ़ी न कर दूँ।”’ नवीन हिंदी बाइबल दाऊद ने स्वयं पवित्र आत्मा में होकर कहा : प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, ‘मेरे दाहिनी ओर बैठ, जब तक कि मैं तेरे शत्रुओं को तेरे पैरों तले न कर दूँ।’ सरल हिन्दी बाइबल दावीद ने, पवित्र आत्मा, में आत्मलीन हो कहा था: “ ‘प्रभु परमेश्वर ने मेरे प्रभु से कहा: “मेरी दायीं ओर बैठे रहो जब तक मैं तुम्हारे शत्रुओं को तुम्हारे अधीन न कर दूं.” ’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 दाऊद ने आप ही पवित्र आत्मा में होकर कहा है: ‘प्रभु ने मेरे प्रभु से कहा, “मेरे दाहिने बैठ, जब तक कि मैं तेरे बैरियों को तेरे पाँवों की चौकी न कर दूँ।”’ (भज. 110:1) |
‘तू अनेक वर्षों तक उनकी हठधर्मिता को सहता रहा; तूने अपने आत्मा के द्वारा, अपने नबियों के माध्यम से उनको चेतावनी दी; फिर भी उन्होंने उन पर कान नहीं दिया। इसलिए तूने अनेक देशों की कौमों के हाथों में उनको सौंप दिया।
प्रभु ने मेरे स्वामी से कहा: ‘जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न बना दूं, तू मेरी दाहिनी ओर बैठ।’
न पृथ्वी की, क्योंकि वह उसका पायदान है; न यरूशलेम की, क्योंकि वह राजाधिराज का नगर है।
“ भाइयो! यह अनिवार्य था कि धर्मग्रन्थ की वह भविष्यवाणी पूरी हो जाये, जो पवित्र आत्मा ने दाऊद के मुख से यूदस [यहूदा] के विषय में की थी। यूदस तो येशु को गिरफ्तार करने वालों का अगुआ बन गया।
जब वे आपस में सहमत नहीं हुए और विदा होने लगे, तो पौलुस ने उन से यह एक बात कही, “पवित्र आत्मा ने नबी यशायाह के मुख से आप लोगों के पूर्वजों से ठीक ही कहा है,
पूरा धर्मग्रन्थ परमेश्वर की प्रेरणा से लिखा गया है। वह शिक्षा देने के लिए, भ्रान्त धारणाओं का खण्डन करने के लिए, जीवन के सुधार के लिए और सदाचरण का प्रशिक्षण देने के लिए उपयोगी है,
क्या उसने स्वर्गदूतों में किसी से कभी यह कहा, “तू तब तक मेरी दाहिनी ओर बैठ, जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न बना दूँ?”
इसलिए परमेश्वर एक दूसरा दिन, अर्थात् “आज” निर्धारित करता है और वह बहुत वर्षों के बाद दाऊद के मुख से उपर्युक्त शब्द कहता है, “यदि तुम ‘आज’ उसकी वाणी सुनो, तो अपना हृदय कठोर न करना।”
मसीह का आत्मा उन नबियों में विद्यमान था और पहले से ही वह मसीह के दु:खभोग तथा इसके बाद आने वाली महिमा की साक्षी देता था। नबी यह जानना चाहते थे कि आत्मा किस समय और किन परिस्थितियों की ओर संकेत कर रहा है।
क्योंकि मनुष्य की इच्छा से कभी नबूवत मुखरित नहीं हुई, बल्कि पवित्र आत्मा से प्रेरित हो कर मनुष्य परमेश्वर की ओर से बोले।