उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
मरकुस 12:35 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने, मन्दिर में शिक्षा देते समय, यह प्रश्न उठाया, “शास्त्री कैसे कह सकते हैं कि मसीह दाऊद के वंशज हैं? पवित्र बाइबल फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश देते हुए कहा, “धर्मशास्त्री कैसे कहते हैं कि मसीह दाऊद का पुत्र है? Hindi Holy Bible फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, कि शास्त्री क्योंकर कहते हैं, कि मसीह दाऊद का पुत्र है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, “शास्त्री कैसे कहते हैं कि मसीह दाऊद का पुत्र है? नवीन हिंदी बाइबल इसके बाद यीशु मंदिर-परिसर में उपदेश देते हुए कहने लगा,“शास्त्री कैसे कहते हैं कि मसीह दाऊद का पुत्र है? सरल हिन्दी बाइबल मंदिर के आंगन, में शिक्षा देते हुए मसीह येशु ने उनके सामने यह प्रश्न रखा, “शास्त्री यह क्यों कहते हैं कि मसीह दावीद के वंशज हैं? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 फिर यीशु ने मन्दिर में उपदेश करते हुए यह कहा, “शास्त्री क्यों कहते हैं, कि मसीह दाऊद का पुत्र है? |
उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
येशु वहाँ से आगे बढ़े तो दो अन्धे यह पुकारते हुए उनके पीछे हो लिये, “दाऊद के वंशज! हम पर दया कीजिए।”
वहाँ से विदा हो कर येशु यहूदा प्रदेश के सीमा-क्षेत्र और यर्दन नदी के उस पार के प्रदेश में आए। एक विशाल जनसमूह फिर उनके पास एकत्र हो गया और उन्होंने अपनी आदत के अनुसार लोगों को फिर शिक्षा दी।
वे फिर यरूशलेम में आए। जब येशु मन्दिर में टहल रहे थे, तब महापुरोहित, शास्त्री और धर्मवृद्ध उनके पास आए।
मैं प्रतिदिन तुम्हारे साथ था, मन्दिर में शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया। खैर, धर्मग्रन्थ में जो लिखा है, वह पूरा हो जाए।”
येशु प्रतिदिन मन्दिर में शिक्षा देते थे। महापुरोहित, शास्त्री और जनता के नेता इस प्रयत्न में थे कि येशु का विनाश करें।
एक दिन येशु मन्दिर में जनता को शिक्षा दे रहे थे और शुभसमाचार सुना रहे थे कि धर्मवृद्धों के साथ महापुरोहित और शास्त्री उनके पास आये
येशु दिन में मन्दिर में शिक्षा देते थे, परन्तु रात को वह नगर के बाहर निकल कर जैतून नामक पहाड़ पर रात बिताते थे।
येशु ने उत्तर दिया, “मैं संसार के सामने प्रकट रूप से बोला हूँ। मैंने सदा सभागृह और मन्दिर में, जहाँ सब धर्मगुरु एकत्र हुआ करते हैं, शिक्षा दी है। मैंने गुप्त रूप से कुछ नहीं कहा।
क्या धर्मग्रन्थ यह नहीं कहता कि दाऊद के वंश से और दाऊद के गाँव बेतलेहम से मसीह का आगमन होगा?”