क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
मत्ती 7:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जो लोग मुझे ‘प्रभु! प्रभु!’ कह कर पुकारते हैं, उन में सब-के-सब स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करेंगे। जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा पूरी करता है, वही स्वर्गराज्य में प्रवेश करेगा। पवित्र बाइबल “प्रभु-प्रभु कहने वाला हर व्यक्ति स्वर्ग के राज्य में नहीं जा पायेगा बल्कि वह जो स्वर्ग में स्थित मेरे परम पिता की इच्छा पर चलता है, वही उसमें प्रवेश पायेगा। Hindi Holy Bible जो मुझ से, हे प्रभु, हे प्रभु कहता है, उन में से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जो मुझ से, ‘हे प्रभु! हे प्रभु!’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। नवीन हिंदी बाइबल “प्रत्येक जो मुझे ‘प्रभु! प्रभु!’ कहता है, स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं करेगा, परंतु जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा पर चलता है, वही प्रवेश करेगा। सरल हिन्दी बाइबल “मुझे, ‘प्रभु, प्रभु,’ संबोधित करता हुआ हर एक व्यक्ति स्वर्ग-राज्य में प्रवेश नहीं पाएगा परंतु प्रवेश केवल वह पाएगा, जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पूरी करता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जो मुझसे, ‘हे प्रभु, हे प्रभु’ कहता है, उनमें से हर एक स्वर्ग के राज्य में प्रवेश न करेगा, परन्तु वही जो मेरे स्वर्गीय पिता की इच्छा पर चलता है। |
क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
इस पर येशु ने उससे कहा, “सिमोन, योना के पुत्र! तुम धन्य हो, क्योंकि किसी निरे मनुष्य ने नहीं, बल्कि मेरे स्वर्गिक पिता ने तुम पर यह प्रकट किया है।
“देखो, इन छोटों में से किसी एक को भी तुच्छ न समझना; क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ − इनके दूत स्वर्ग में निरन्तर मेरे स्वर्गिक पिता के सम्मुख उपस्थित रहते हैं।
“यह भी मैं तुम से सच कहता हूँ : यदि तुम में से दो व्यक्ति एकमत हो कर पृथ्वी पर कुछ भी माँगेंगे, तो वह उन्हें मेरे स्वर्गिक पिता की ओर से निश्चय ही मिलेगा;
कहा, “मैं तुम से सच कहता हूँ, जब तक तुम में परिवर्तन न हो और तुम बच्चों के समान न बनो, तो तुम स्वर्ग के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते।
इसी प्रकार यदि तुम में हर एक जन अपने भाई-बहिन को पूरे हृदय से क्षमा नहीं करेगा, तो मेरा स्वर्गिक पिता भी तुम्हारे साथ ऐसा ही करेगा।”
मैं तुम से फिर कहता हूँ कि परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने की अपेक्षा सूई के छेद से हो कर ऊंट का निकलना अधिक सरल है।”
वे तेल खरीदने गयी ही थीं कि दूल्हा आ पहुँचा। जो तैयार थीं, उन्होंने उसके साथ विवाह-भवन में प्रवेश किया और द्वार बन्द हो गया।
उसके स्वामी ने उससे कहा, ‘शाबाश, भले और ईमानदार सेवक! तुम थोड़े में ईमानदार रहे, मैं तुम्हें बहुत वस्तुओं पर अधिकार दूँगा। अपने स्वामी के आनन्द में सहभागी हो।’
येशु कुछ आगे बढ़े और उन्होंने भूमि पर मुँह के बल गिर कर यह प्रार्थना की, “मेरे पिता! यदि हो सके, तो यह प्याला मुझ से टल जाए। फिर भी मेरी नहीं, बल्कि तेरी इच्छा पूरी हो।”
वह फिर दूसरी बार गये और उन्होंने यह प्रार्थना की, “मेरे पिता! यदि यह प्याला मेरे पिये बिना नहीं टल सकता, तो तेरी ही इच्छा पूरी हो।”
जो व्यक्ति परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहिन और मेरी माता।”
परन्तु येशु ने कहा, “किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”
जब घर का स्वामी उठ कर द्वार बन्द कर चुका होगा, तो तुम बाहर रह कर द्वार खटखटाओगे और कहोगे, ‘प्रभु! हमारे लिए खोल दीजिए’। वह तुम्हें उत्तर देगा, ‘मैं नहीं जानता कि तुम कहाँ से आए हो।’
परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने की अपेक्षा ऊंट का सूई के छेद से हो कर निकलना अधिक सरल है।”
“यदि तुम मुझे जानते, तो मेरे पिता को भी जानते। अब से तुम उसे जानते हो, और तुम ने उसको देखा भी है।”
येशु ने उत्तर दिया, “मैं आप से सच-सच कहता हूँ; जब तक कोई जल और आत्मा से जन्म न ले, तब तक वह परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकता।
येशु ने उन्हें यह उत्तर दिया, “मेरा पिता अब तक कार्य कर रहा है और मैं भी कार्य कर रहा हूँ।”
मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को देखे और उस में विश्वास करे, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।”
यदि कोई उसकी इच्छा पूरी करने का संकल्प करेगा, तो वह यह जान जाएगा कि मेरी शिक्षा परमेश्वर की ओर से है अथवा मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
वे शिष्यों का मन सुदृढ़ करते और उन्हें विश्वास में स्थिर रहने के लिए प्रोत्साहित करते थे, और कहते थे कि हमें बहुत-से कष्ट सह कर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना है।
आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्कि सब कुछ नयी दृष्टि से देखें और अपना स्वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्वर क्या चाहता है और उसकी दृष्टि में क्या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।
क्योंकि व्यवस्था के सुनने वाले लोग परमेश्वर की दृष्टि में धार्मिक नहीं हैं, वरन् व्यवस्था का पालन करने वाले धार्मिक ठहराए जायेंगे।
आप मनुष्यों को प्रसन्न करने के उद्देश्य से दिखावा मात्र के लिए नहीं, बल्कि मसीह के दासों की तरह ऐसा करें, जो सारे हृदय से परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं।
आपके देशवासी इपफ्रास आप लोगों को नमस्कार कहते हैं। येशु मसीह के यह सेवक निरन्तर आप लोगों के लिए संघर्षमय प्रार्थना करते हैं, जिससे आप लोग सब बातों में परमेश्वर की इच्छा पूर्ण रूप से पूरी करने में सुदृढ़ बने रहें।
सब बातों के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दें; क्योंकि येशु मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में परमेश्वर की इच्छा यही है।
वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते हैं, किन्तु अपने कर्मों द्वारा उसे अस्वीकार करते हैं। वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के नितान्त अयोग्य हैं।
आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्वर की स्तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!
यह निश्चित है कि कुछ लोगों को प्रवेश करना है; किन्तु जिन लोगों को पहले वह मंगलमय समाचार सुनाया गया था, वे अवज्ञा करने के कारण प्रवेश नहीं कर पाये।
परमेश्वर चाहता है कि आप अपने अच्छे कामों के द्वारा अनर्गल बातें करने वाले मुर्खों का मुँह बन्द कर दें।
और उसे मानवीय वासनाओं के अनुसार नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छानुसार अपना शेष जीवन बिताना चाहिए।
जिसे मेरे पिता ने मुझे प्रदान किया है। वह लोह-दण्ड से राष्ट्रों पर शासन करेगा और उन्हें मिट्टी के पात्रों की तरह चकनाचूर कर देगा और मैं उस विजयी को प्रभात का तारा प्रदान करूँगा।
धन्य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
“यदि तुम विजय प्राप्त करोगे तो तुम भी उनके समान उजले वस्त्र पहनोगे। मैं जीवन-ग्रन्थ में से तुम्हारा नाम नहीं मिटाऊंगा, बल्कि अपने पिता और उसके स्वर्गदूतों के सामने तुम्हारा नाम स्वीकार करूंगा।