एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है।
मत्ती 6:10 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में, वैसे पृथ्वी पर भी पूरी हो। पवित्र बाइबल जगत में तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है वैसे ही पृथ्वी पर भी पूरी हो। Hindi Holy Bible तेरा राज्य आए; तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ‘तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसी स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। नवीन हिंदी बाइबल तेरा राज्य आए, तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। सरल हिन्दी बाइबल आपका राज्य हर जगह हो. आपकी इच्छा पूरी हो, जिस प्रकार स्वर्ग में उसी प्रकार पृथ्वी पर भी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 ‘तेरा राज्य आए। तेरी इच्छा जैसे स्वर्ग में पूरी होती है, वैसे पृथ्वी पर भी हो। |
एज्रा ने कहा, ‘प्रभु, केवल तू ही प्रभु है! तूने ही आकाश को, सर्वोच्च आकाश को, नक्षत्रों और तारों को बनाया है। तूने पृथ्वी और सागर को, तथा उनमें जो कुछ है, उन-सब को रचा है। तू उनका पालन-पोषण भी करता है। प्रभु, स्वर्ग की सेना तेरी वन्दना करती है।
हे मेरे परमेश्वर! मैं तेरी इच्छा को पूर्ण कर सुखी होता हूँ। तेरी व्यवस्था मेरे हृदय में है।”
आनेवाले दिनों में यह होगा : जिस पर्वत पर प्रभु का भवन निर्मित है, वह विश्व के पर्वतों में उच्चतम स्थान पर, गौरवमय स्थान पर प्रतिष्ठित होगा। वह पहाड़ियों के मध्य उच्चतम स्थान ग्रहण करेगा; विश्व के राष्ट्र जलधारा के समान उसकी ओर बहेंगे।
प्रभु कहता है, ‘देखो, समय आ रहा है, जब मैं दाऊद के वंश-वृक्ष में एक शाखा निकालूंगा, और वह धार्मिक पुरुष होगा। वह राजा के रूप में राज्य करेगा। वह बुद्धि से शासन करेगा, और अपने देश में न्याय और धर्म से राज्य करेगा।
उन राजाओं के राज्य-काल में स्वर्ग में विराजमान परमेश्वर एक ऐसा राज्य उदय करेगा जो अनंतकाल तक न नष्ट होगा और न उसकी राज्य-सत्ता किसी दूसरी कौम के हाथ में सौंपी जाएगी। यह राज्य सब राज्यों का अंत कर देगा, उनको मिटा डालेगा; पर वह स्वयं सदा-सर्वदा सुदृढ़ बना रहेगा।
पृथ्वी के समस्त निवासी उसके सम्मुख नगण्य हैं; वह स्वर्ग की सेना में, पृथ्वी के प्राणियों के मध्य, अपनी इच्छा के अनुसार कार्य करता है। कोई उसका हाथ रोक नहीं सकता, और न प्रश्न पूछने का साहस कर सकता है, कि “तूने यह क्या किया?’ ”
“मैंने रात के दर्शन में यह देखा: आकाश के मेघों के साथ मानव-पुत्र के सदृश कोई आ रहा है। वह प्राचीन युग-पुरुष के पास आया, और उसके सम्मुख प्रस्तुत हुआ।
राज्य और शासन, समस्त आकाश के नीचे पृथ्वी के सब राज्यों की महानता, सर्वोच्च परमेश्वर के भक्तों के जन-समूह को दी जाएगी। उनका राज्य शाश्वत राज्य होगा; पृथ्वी के सब शासक उनकी सेवा करेंगे वे उनकी आज्ञा का पालन करेंगे।”
ओ सियोन के निवासियो, अत्यधिक आनन्द मनाओ! ओ यरूशलेम के निवासियो, जय-जयकार करो! देखो, तुम्हारा राजा तुम्हारे पास आ रहा है, वह धार्मिक है, उसने विजय प्राप्त की है। वह विनम्र है, और विनम्रता के प्रतीक गदहे पर, उसके बछेरू पर, नहीं, वह लद्दू के बछेरू पर बैठा है।
क्योंकि जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा के अनुसार कार्य करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहन और मेरी माता।”
मैं तुम से सच कहता हूँ, यहाँ खड़े लोगों में कुछ ऐसे लोग हैं, जो तब तक मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे जब तक वे मानव-पुत्र को अपने राज्य में आता हुआ न देख लेंगे।”
वह फिर दूसरी बार गये और उन्होंने यह प्रार्थना की, “मेरे पिता! यदि यह प्याला मेरे पिये बिना नहीं टल सकता, तो तेरी ही इच्छा पूरी हो।”
उस समय से येशु प्रचार करने और यह संदेश सुनाने लगे, “हृदय-परिवर्तन करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।”
“जो लोग मुझे ‘प्रभु! प्रभु!’ कह कर पुकारते हैं, उन में सब-के-सब स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करेंगे। जो मेरे स्वर्गिक पिता की इच्छा पूरी करता है, वही स्वर्गराज्य में प्रवेश करेगा।
जो व्यक्ति परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहिन और मेरी माता।”
जब लोग ये बातें सुन रहे थे, तब येशु ने एक दृष्टान्त भी सुनाया; क्योंकि वह यरूशलेम के निकट थे और क्योंकि लोग यह समझ रहे थे कि परमेश्वर का राज्य तुरन्त प्रकट होने वाला है।
“धन्य है वह राजा, जो प्रभु के नाम पर आता है! स्वर्ग में शान्ति! सर्वोच्च स्वर्ग में महिमा!”
“पिता! यदि तू चाहे, तो यह प्याला मुझ से हटा ले। फिर भी मेरी नहीं, किन्तु तेरी इच्छा पूरी हो।” [
इस पर येशु ने उन से कहा, “जिसने मुझे भेजा, उसकी इच्छा पर चलना और उसका कार्य पूरा करना, यही मेरा भोजन है।
मेरे पिता की इच्छा यह है कि जो पुत्र को देखे और उस में विश्वास करे, उसे शाश्वत जीवन प्राप्त हो। मैं उसे अन्तिम दिन पुनर्जीवित कर दूँगा।”
यदि कोई उसकी इच्छा पूरी करने का संकल्प करेगा, तो वह यह जान जाएगा कि मेरी शिक्षा परमेश्वर की ओर से है अथवा मैं अपनी ओर से बोलता हूँ।
फिर परमेश्वर ने उसे हटाकर दाऊद को उनका राजा बनाया और उनके विषय में यह साक्षी दी, ‘मुझे अपने मन के अनुकूल एक मनुष्य, यिशय का पुत्र दाऊद मिल गया है। वह मेरी सब इच्छाएं पूरी करेगा।’
जब वह हमारी बात मानने के लिए तैयार नहीं हुए, तो हम यह कह कर चुप हो गये, “प्रभु की इच्छा पूरी हो!”
तब हनन्याह ने कहा, ‘हमारे पूर्वजों के परमेश्वर ने पहले से आप को इसलिए चुना कि आप उसकी इच्छा को जानें, धर्मात्मा येशु के दर्शन करें और उनके मुख की वाणी सुनें;
आप इस संसार के अनुरूप आचरण न करें, बल्कि सब कुछ नयी दृष्टि से देखें और अपना स्वभाव बदल लें। इस प्रकार आप जान जायेंगे कि परमेश्वर क्या चाहता है और उसकी दृष्टि में क्या भला, सुग्राह्य तथा सर्वोत्तम है।
आप मनुष्यों को प्रसन्न करने के उद्देश्य से दिखावा मात्र के लिए नहीं, बल्कि मसीह के दासों की तरह ऐसा करें, जो सारे हृदय से परमेश्वर की इच्छा पूरी करते हैं।
जिस दिन से हमने यह सुना, हम निरन्तर आप लोगो के लिए प्रार्थना करते रहे हैं। हम परमेश्वर से यह निवेदन करते हैं कि वह आप को समस्त प्रज्ञ तथा आध्यात्मिक अन्तर्दृष्टि प्रदान करें, जिससे आप उसकी इच्छा पूर्ण रूप से समझ सकें।
सब बातों के लिए परमेश्वर को धन्यवाद दें; क्योंकि येशु मसीह के अनुसार आप लोगों के विषय में परमेश्वर की इच्छा यही है।
क्या सब स्वर्गदूत परिचारक नहीं हैं जो उन लोगों की सेवा के लिए भेजे जाते हैं, जो मुक्ति के उत्तराधिकारी होंगे?
आप लोगों को धैर्य की आवश्यकता है, जिससे परमेश्वर की इच्छा पूरी करने के बाद आप को वह मिल जाये, जिसकी प्रतिज्ञा परमेश्वर कर चुका है;
इसलिए मैंने कहा—हे परमेश्वर! मैं तेरी इच्छा पूरी करने आया हूँ, जैसा कि धर्मग्रन्थ के कुण्डल पत्र में मेरे विषय में लिखा हुआ है।”
आप लोगों को समस्त गुणों से सम्पन्न करे, जिससे आप उसकी इच्छा पूरी करें, जो उसे प्रिय है। उसी परमेश्वर की स्तुति युगानुयुग होती रहे। आमेन!
परमेश्वर चाहता है कि आप अपने अच्छे कामों के द्वारा अनर्गल बातें करने वाले मुर्खों का मुँह बन्द कर दें।
और उसे मानवीय वासनाओं के अनुसार नहीं, बल्कि परमेश्वर की इच्छानुसार अपना शेष जीवन बिताना चाहिए।
सातवें स्वर्गदूत ने तुरही बजायी। इस पर स्वर्ग में वाणियाँ सुनाई पड़ीं, जो ऊंचे स्वर से कह रही थीं : “इस संसार का राज्य हमारे प्रभु और उसके मसीह का राज्य बन गया है। वह युग-युगों तक राज्य करेंगे।”
मैंने स्वर्ग में किसी को ऊंचे स्वर से यह कहते सुना, “अब हमारे परमेश्वर का उद्धार, सामर्थ्य तथा राजत्व और उसके मसीह का अधिकार प्रकट हुआ है; क्योंकि हमारे भाई-बहिनों पर अभियोग लगाने वाला गिरा दिया गया है, जो दिन-रात हमारे परमेश्वर के सामने उन पर अभियोग लगाया करता था।
तब मैंने एक विशाल जन-समुदाय की-सी आवाज, समुद्र की लहरों और गरजते हुए बादलों की प्रचंड आवाज को यह कहते हुए सुना, “प्रभु की स्तुति करो! हमारे सर्वशक्तिमान् प्रभु परमेश्वर ने राज्याधिकार ग्रहण किया है।
मैंने सिंहासन देखे। जो उन पर बैठने आये, उन्हें न्याय करने का अधिकार दिया गया। मैंने उन लोगों की आत्माओं को भी देखा, जिनके सिर येशु की साक्षी और परमेश्वर के वचन के कारण काटे गये थे, जिन्होंने पशु और उसकी प्रतिमा की आराधना नहीं की थी तथा अपने माथे और हाथों पर पशु की छाप अंकित नहीं होने दिया था। वे पुनर्जीवित हो कर मसीह के साथ एक हजार वर्ष तक राज्य करते रहे।