‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
मत्ती 5:25 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “कचहरी जाते समय रास्ते में ही अपने मुद्दई से समझौता कर लो। कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें न्यायाधीश के हवाले कर दे, न्यायाधीश तुम्हें सिपाही के हवाले कर दे और सिपाही तुम्हें बन्दीगृह में डाल दे। पवित्र बाइबल “तेरा शत्रु तुझे न्यायालय में ले जाता हुआ जब रास्ते में ही हो, तू झटपट उसे अपना मित्र बना ले कहीं वह तुझे न्यायी को न सौंप दे और फिर न्यायी सिपाही को, जो तुझे जेल में डाल देगा। Hindi Holy Bible जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग ही में हैं, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्दीगृह में डाल दिया जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग ही में है, उस से झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे हाकिम को सौंपे, और हाकिम तुझे सिपाही को सौंप दे, और तू बन्दीगृह में डाल दिया जाए। नवीन हिंदी बाइबल जब तू अपने विरोधी के साथ मार्ग ही में हो, तो उससे शीघ्र मेल-मिलाप कर ले, कहीं ऐसा न हो कि विरोधी तुझे न्यायाधीश को सौंप दे, और न्यायाधीश सिपाही को, और तू बंदीगृह में डाल दिया जाए; सरल हिन्दी बाइबल “न्यायालय जाते हुए मार्ग में ही अपने दुश्मन से मित्रता का संबंध फिर से बना लो कि तुम्हारा दुश्मन तुम्हें न्यायाधीश के हाथ में न सौंपे और न्यायाधीश अधिकारी के और अधिकारी तुम्हें बंदीगृह में डाल दें. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब तक तू अपने मुद्दई के साथ मार्ग में है, उससे झटपट मेल मिलाप कर ले कहीं ऐसा न हो कि मुद्दई तुझे न्यायाधीश को सौंपे, और न्यायाधीश तुझे सिपाही को सौंप दे और तू बन्दीगृह में डाल दिया जाए। |
‘ओ अय्यूब, परमेश्वर से मेल-मिलाप कर लो; तब तुम्हें शान्ति मिलेगी; इसी से तुम्हारी भलाई होगी।
जब तक तू मिल सकता है, सब भक्त तुझ से प्रार्थना करें; क्योंकि भयंकर जल-प्रवाह उन भक्तों तक नहीं पहुंच सकेगा।
पड़ोसी की जो बात तेरी आंखों ने देखी है, उसका फैसला कराने के लिए तुरन्त अदालत मत जाना: क्योंकि यदि तेरा पड़ोसी तुझे अदालत में झूठा सिद्ध कर देगा तो तू अन्त में क्या करेगा?
पतरस कुछ दूरी पर येशु के पीछे-पीछे गया। वह प्रधान महापुरोहित के भवन के आंगन तक गया और परिणाम जानने के लिए भीतर जाकर सेवकों के साथ बैठ गया।
उसी नगर में एक विधवा थी। वह उसके पास आ कर कहा करती थी, ‘मेरे मुद्दई के विरुद्ध मुझे न्याय दिलाइए।’
क्योंकि वह कहता है, “उपयुक्त समय में मैंने तुम्हारी प्रार्थना सुनी; उद्धार के दिन मैंने तुम्हारी सहायता की।” और देखिए, अभी उपयुक्त समय है, अभी उद्धार का दिन है।
आप लोग जानते हैं कि वह बाद में अपने पिता की आशिष प्राप्त करना चाहता था, किन्तु वह अयोग्य समझा गया। यद्यपि उसने रोते हुए इसके लिए आग्रह किया, तो भी वह अपने पिता का मन बदलने में असमर्थ रहा।
जब तक “आज” बना रहता है, आप लोग प्रतिदिन एक दूसरे को प्रोत्साहन देते जायें, जिससे कोई भी पाप के फन्दे में पड़ कर कठोर न बने।