ऐसा न हो कि प्रभु क्रुद्ध हो, और तुम मार्ग में ही नष्ट हो जाओ, क्योंकि उसका क्रोध तुरन्त भड़कता है। धन्य हैं वे सब, जो प्रभु की शरण में आते हैं।
मत्ती 28:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उन्होंने येशु को देख कर उनकी वंदना की; किन्तु किसी-किसी को सन्देह भी हुआ। पवित्र बाइबल जब उन्होंने यीशु को देखा तो उसकी उपासना की। यद्यपि कुछ के मन में संदेह था। Hindi Holy Bible और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ। नवीन हिंदी बाइबल और उन्होंने उसे देखकर दंडवत् किया, परंतु कुछ लोगों ने संदेह किया। सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने वहां येशु को देखा और उनकी वंदना की परंतु कुछ को अभी भी संदेह था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और उन्होंने उसके दर्शन पाकर उसे प्रणाम किया, पर किसी किसी को सन्देह हुआ। |
ऐसा न हो कि प्रभु क्रुद्ध हो, और तुम मार्ग में ही नष्ट हो जाओ, क्योंकि उसका क्रोध तुरन्त भड़कता है। धन्य हैं वे सब, जो प्रभु की शरण में आते हैं।
मैं तुम से सच कहता हूँ, यहाँ खड़े लोगों में कुछ ऐसे लोग हैं, जो तब तक मृत्यु का स्वाद नहीं चखेंगे जब तक वे मानव-पुत्र को अपने राज्य में आता हुआ न देख लेंगे।”
येशु एकाएक मार्ग में उन स्त्रियों से मिले और बोले, “सुखी रहो!” वे येशु के समीप गईं और उनके चरणों को पकड़ कर उनकी वंदना की।
किन्तु जब उन्होंने यह सुना कि येशु जीवित हैं और उसे दिखाई दिये हैं, तो उन्होंने इस बात पर विश्वास नहीं किया। [
उन्होंने लौट कर शेष शिष्यों को यह समाचार सुनाया, किन्तु शिष्यों को उन दोनों पर भी विश्वास नहीं हुआ। [
इसके बाद येशु ने ‘ग्यारह’ प्रेरितों को उनके भोजन करते समय दर्शन दिया और उनके अविश्वास और मन की कठोरता के लिए उनकी भत्र्सना की; क्योंकि उन्होंने उन लोगों पर विश्वास नहीं किया था, जिन्होंने येशु को उनके जी उठने के बाद देखा था।
जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा है, आदर नहीं करता।
येशु ने अपने दु:ख-भोग के बाद उन प्रेरितों के संमुख बहुत-से प्रमाण प्रस्तुत किए कि वह जीवित हैं। वह चालीस दिन तक उन्हें दिखाई देते रहे और उनसे परमेश्वर के राज्य के विषय में बात करते रहे।
फिर वह एक ही समय पाँच सौ से अधिक भाइयों और बहिनों को दिखाई दिये। उन में से अधिकांश आज भी जीवित हैं, यद्यपि कुछ का देहान्त हो चुका है।