राजा ने मध्यवर्ती परदे को नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूती वस्त्रों से बनाया, और परदे पर करूबों के चित्र काढ़ दिए।
मत्ती 27:51 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) उसी समय मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। पृथ्वी काँप उठी। चट्टानें फट गयीं। पवित्र बाइबल उसी समय मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया। धरती काँप उठी। चट्टानें फट पड़ीं। Hindi Holy Bible और देखो मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फट कर दो टुकड़े हो गया: और धरती डोल गई और चटानें तड़क गईं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) और देखो, मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया : और धरती डोल गई और चट्टानें तड़क गईं, नवीन हिंदी बाइबल और देखो, मंदिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया, और पृथ्वी हिल गई और चट्टानें तड़क गईं; सरल हिन्दी बाइबल उसी क्षण मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक दो भागों में विभाजित कर दिया गया, पृथ्वी कांप उठी, चट्टानें फट गईं इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब, मन्दिर का परदा ऊपर से नीचे तक फटकर दो टुकड़े हो गया: और धरती डोल गई और चट्टानें फट गईं। |
राजा ने मध्यवर्ती परदे को नीले, बैंगनी और लाल रंग के सूती वस्त्रों से बनाया, और परदे पर करूबों के चित्र काढ़ दिए।
तब हे प्रभु, तेरी डांट से, तेरी नासिका के श्वास के धमाके से समुद्रों के झरने दिखाई दिए, पृथ्वी की नींव प्रकट हुई।
तब धरती में कंपन हुआ, और वह डोल उठी; पर्वतों की नींव कंपित होकर हिल गई; क्योंकि प्रभु अति क्रुद्ध था।
वह मंजूषा को निवास-स्थान के भीतर लाए। उन्होंने अन्त:पट को लटकाया और साक्षी-मंजूषा को अन्त:पट की आड़ में किया, जैसी प्रभु ने मूसा को आज्ञा दी थी।
प्रभु इसी पर्वत पर उस आवरण को नष्ट कर देगा, जो समस्त जातियों पर छाया हुआ है; वह उस परदे को हटा देगा, जो सब राष्ट्रों पर पड़ा हुआ है।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘तू अपने भाई हारून से कहना कि वह मंजूषा के ऊपर बने हुए दया-आसन के सम्मुख, अन्त: पट के भीतर पवित्र-स्थान में हर समय प्रवेश न करे, अन्यथा वह मर जाएगा; क्योंकि मैं दया-आसन के ऊपर बादल में प्रकट होता हूँ।
किन्तु वह अन्त:पट तथा वेदी के निकट नहीं आएगा; जिससे वह मेरे पवित्र स्थानों को अपवित्र न करे; क्योंकि उसमें शारीरिक दोष है। उन्हें पवित्र करने वाला मैं, प्रभु हूँ।’
पहाड़ों ने तुझे देखा, वे कांप उठे। जल-प्रलय की धाराएँ फूट पड़ीं। अथाह सागर चिल्ला पड़ा, उसने अपने हाथ ऊपर उठा लिए।
तू अपने निज लोगों के उद्धार के लिए, अपने अभिषिक्त की मुक्ति के निमित्त निकला है। तूने दुर्जन का सिर कुचला, उसे सिर से पैर तक नग्न कर दिया। (सेलाह)
जब पड़ाव प्रस्थान करेगा तब हारून तथा उसके पुत्र मिलन-शिविर के भीतर जाकर अन्त:पट उतारेंगे, और उससे साक्षी-मंजूषा को ढक देंगे।
शतपति और उसके साथ येशु पर पहरा देने वाले सैनिक भूकम्प और इन सब घटनाओं को देख कर अत्यन्त भयभीत हो गये और बोल उठे, “निश्चय ही, यह परमेश्वर का पुत्र था।”
एकाएक भारी भूकम्प हुआ और प्रभु का एक दूत स्वर्ग से उतरा। वह कबर के पास आया और पत्थर लुढ़का कर उस पर बैठ गया।
शतपति ने यह घटना देख कर परमेश्वर की स्तुति की और यह कहा, “निश्चय ही, यह मनुष्य धर्मात्मा था।”
वह आशा हमारी आत्मा के लिए एक सुस्थिर एवं सुदृढ़ लंगर के सदृश है, जो परदे के उस पार स्वर्गिक मन्दिरगर्भ में पहुँचता है,
उसी समय भारी भूकम्प हुआ और नगर का दसवाँ भाग मिट्टी में मिल गया। सात हजार लोग भूकम्प में मर गये और जो बच गये, उन्होंने भयभीत हो कर स्वर्ग के परमेश्वर की स्तुति की।
तब स्वर्ग में परमेश्वर का मन्दिर खुल गया और मन्दिर में परमेश्वर के विधान की मंजूषा दिखाई पड़ी। बिजलियाँ, वाणियाँ एवं मेघगर्जन उत्पन्न हुए, भूकम्प हुआ और भारी ओला-वृष्टि हुई।