मृत्यु के पाश ने मुझे लपेटा था; मृतक-लोक के फन्दों ने मुझे फंसा लिया था; मुझे संकट और शोक सहना पड़ा।
मत्ती 26:38 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) और उन से बोले, “मैं अत्यन्त व्याकुल हूँ मानो मेरे प्राण निकल रहे हों! तुम यहाँ ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” पवित्र बाइबल फिर उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत दुःखी है, जैसे मेरे प्राण निकल जायेंगे। तुम मेरे साथ यहीं ठहरो और सावधान रहो।” Hindi Holy Bible तब उस ने उन से कहा; मेरा जी बहुत उदास है, यहां तक कि मेरे प्राण निकला चाहते: तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तब उसने उनसे कहा, “मेरा जी बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” नवीन हिंदी बाइबल तब उसने उनसे कहा,“मेरा मन बहुत उदास है, यहाँ तक कि मैं मरने पर हूँ; तुम यहीं ठहरो और मेरे साथ जागते रहो।” सरल हिन्दी बाइबल उन्होंने शिष्यों से कहा, “मेरे प्राण इतने अधिक उदास हैं, मानो मेरी मृत्यु हो रही हो. मेरे साथ तुम भी जागते रहो.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तब उसने उनसे कहा, “मेरा मन बहुत उदास है, यहाँ तक कि मेरा प्राण निकला जा रहा है। तुम यहीं ठहरो, और मेरे साथ जागते रहो।” |
मृत्यु के पाश ने मुझे लपेटा था; मृतक-लोक के फन्दों ने मुझे फंसा लिया था; मुझे संकट और शोक सहना पड़ा।
ओ मेरे प्राण, तू क्यों व्याकुल है? क्यों तू हृदय में अशांत है? ओ मेरे प्राण, तू परमेश्वर की आशा कर; मैं अपने उद्धार को, अपने परमेश्वर को पुन: सराहूंगा।
मैं अपनी साड़ी उतार चुकी हूं, अब उसे मैं फिर कैसे पहनूं? मैं अपने पैर धो चुकी हूं, मैं उन्हें कैसे भूमि पर रखकर मैला करूं?
यह प्रभु की इच्छा थी कि वह मार सहे, प्रभु ने उसे दु:ख से पीड़ित किया। जब वह पाप-बलि के लिए अपना प्राण अर्पित करता है, तब वह अपने वंश को देखेगा; वह दीर्घायु प्राप्त करेगा। उसके हाथ से प्रभु की इच्छा सफल होगी।
अत: मैं महान व्यक्तियों के साथ उसका भाग बांटूंगा, और वह बलवानों के साथ “लूट” बांटेगा। उसने मृत्यु की वेदी पर अपना प्राण अर्पित कर दिया; और वह अपराधियों के साथ गिना गया। फिर भी उसने अनेक लोगों के पाप का बोझ उठाया, और अपराधियों के लिए प्रार्थना की।’
लोगों ने उससे घृणा की; उन्होंने उसको त्याग दिया। वह दु:खी मनुष्य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्य नहीं जाना।
और उनसे बोले, “मैं अत्यन्त व्याकुल हूँ मानो मेरे प्राण निकल रहे हों! तुम यहाँ ठहरो और जागते रहो।”
“अब मेरी आत्मा व्याकुल है। क्या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ।
उसने अपने निजी पुत्र को भी नहीं बचाया, उसने हम सब के लिए उसे समर्पित कर दिया। तो, इतना देने के बाद, क्या वह हमें अपने पुत्र के साथ सब कुछ नहीं देगा?
मसीह, जो आप से अपरिचित ही थे, उनको परमेश्वर ने हमारे लिए पाप बना दिया, जिससे हम उनके द्वारा परमेश्वर की धार्मिकता प्राप्त कर सकें।
मसीह हमारे लिए शापित हुये और इस तरह उन्होंने हम को व्यवस्था के अभिशाप से मुक्त किया; क्योंकि लिखा है: “जो कोई काठ पर लटकाया जाता है, वह शापित है।”
वह अपने शरीर में हमारे पापों को क्रूस के काठ पर ले गये, जिससे हम पाप के लिए मृत हो कर धार्मिकता के लिए जीने लगें। आप उनके घावों द्वारा स्वस्थ हो गये हैं।
मसीह ने भी एक बार ही पापों के प्रायश्चित के लिए दु:ख भोगा; धर्मी अधर्मियों के लिए मर गये, जिससे वह आप लोगों को परमेश्वर के पास ले जायें। वह शरीर की दृष्टि से तो मारे गये, किन्तु आत्मा द्वारा जिलाये गये।