‘और तुम एज्रा, तुम्हें परमेश्वर ने बुद्धि प्रदान की है। तुम इसी बुद्धि के अनुसार न्यायाधीश और सचिव नियुक्त करना। ये व्यक्ति तुम्हारे परमेश्वर की व्यवस्था के जानकार होने चाहिए। यदि ये उसको नहीं जानते होंगे, तो तुम उनको सिखाना; क्योंकि ये फरात नदी के पश्चिम समस्त प्रदेश में रहने वाले लोगों के शासक होंगे।
एज्रा एक शास्त्री था। वह मूसा की व्यवस्था का विशेषज्ञ था, जो इस्राएली कौम के प्रभु परमेश्वर ने प्रदान की थी। उसने सम्राट से जो मांगा, वह सब सम्राट ने उसको प्रदान किया; क्योंकि प्रभु परमेश्वर की कृपा-दृष्टि उस पर थी।
‘पुरोहित को अपने मुंह से ज्ञान की रक्षा करनी चाहिए। उसके मुंह से लोगों को व्यवस्था प्राप्त होनी चाहिए। पुरोहित स्वर्गिक सेनाओं के प्रभु का सन्देशवाहक है।
“शास्त्रियों से सावधान रहो। लम्बे लबादे पहन कर घूमना उन्हें पसन्द है। बाजारों में प्रणाम-प्रणाम सुनना, सभागृहों में प्रमुख आसनों पर और भोजों में सम्मानित स्थानों पर बैठना−यह सब उन्हें प्रिय लगता है।
प्रभु ने निश्चय ही सभी लोगों से प्रेम किया था; उसके पवित्र जन उसकी रक्षा में थे; अत: वे उसके कदमों पर चले थे; उसके वचनों से उन्हें मार्गदर्शन प्राप्त हुआ था।