ये लोग जनता का नेतृत्व करते, और उसको गलत मार्ग पर ले जाते हैं। गलत मार्ग पर जानेवाली जनता नष्ट हो जाती है।
मत्ती 23:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “अन्धे पथ-प्रदर्शको! धिक्कार है तुम्हें! तुम कहते हो : यदि कोई मन्दिर की शपथ खाता है, तो इसका कोई महत्व नहीं; परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने के पात्र की शपथ खाता है, तो वह शपथ से बंध जाता है। पवित्र बाइबल “अरे अंधे रहनुमाओं! तुम्हें धिक्कार है जो कहते हो यदि कोई मन्दिर की सौगंध खाता है तो उसे उस शपथ को रखना आवश्यक नहीं है किन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की शपथ खाता है तो उसे उस शपथ का पालन आवश्यक है। Hindi Holy Bible हे अन्धे अगुवों, तुम पर हाय, जो कहते हो कि यदि कोई मन्दिर की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की सौगन्ध खाए तो उस से बन्ध जाएगा। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हे अंधे अगुवो, तुम पर हाय! जो कहते हो कि यदि कोई मन्दिर की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की सौगन्ध खाए तो उससे बंध जाएगा। नवीन हिंदी बाइबल “हे अंधे मार्गदर्शको, तुम पर हाय! तुम जो कहते हो, ‘जो कोई मंदिर की शपथ खाए, तो उससे कुछ नहीं; परंतु जो कोई मंदिर के सोने की शपथ खाए, तो वह उसमें बँध जाता है।’ सरल हिन्दी बाइबल “धिक्कार है तुम पर अंधे अगुओं! तुम जो यह शिक्षा देते हो, ‘यदि कोई मंदिर की शपथ लेता है तो उसका कोई महत्व नहीं किंतु यदि कोई मंदिर के सोने की शपथ लेता है तो उसके लिए प्रतिज्ञा पूरी करना ज़रूरी हो जाता है.’ इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हे अंधे अगुओं, तुम पर हाय, जो कहते हो कि यदि कोई मन्दिर की शपथ खाए तो कुछ नहीं, परन्तु यदि कोई मन्दिर के सोने की सौगन्ध खाए तो उससे बन्ध जाएगा। |
ये लोग जनता का नेतृत्व करते, और उसको गलत मार्ग पर ले जाते हैं। गलत मार्ग पर जानेवाली जनता नष्ट हो जाती है।
उन्हें रहने दो; वे अन्धों के अन्धे पथप्रदर्शक हैं। यदि अन्धा अन्धे को मार्ग दिखाए तो दोनों ही गड्ढे में गिरेंगे।”
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।
अरे मूर्खो और अन्धो! कौन बड़ा है − सोने का पात्र अथवा मन्दिर, जिस से वह सोने का पात्र पवित्र हो जाता है?
मैं खतना कराने वाले हर एक व्यक्ति से फिर कहता हूँ कि उसे समस्त व्यवस्था का पालन करना है।
मेरे भाइयो और बहिनो! सब से बड़ी बात यह है कि आप शपथ नहीं खायें − न तो स्वर्ग की, न पृथ्वी की और न किसी अन्य वस्तु की। आपकी बात इतनी हो : हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। कहीं ऐसा न हो कि आप दण्ड के योग्य हो जायें।