वह बोला, ‘किसने आपको हमारे ऊपर मुखिया और न्यायाधीश नियुक्त किया है? क्या आप मुझे भी मार डालना चाहते हैं जैसे आपने मिस्र-निवासी को मार डाला था?’ मूसा डर गए। उन्होंने सोचा, ‘निस्संदेह, लोगों पर घटना का भेद खुल गया है।’
मत्ती 21:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु मन्दिर में लौटे। जब वह लोगों को शिक्षा दे रहे थे, तब महापुरोहित और समाज के धर्मवृद्ध उनके पास आ कर बोले, “आप किस अधिकार से ये कार्य कर रहे हैं? किसने आप को यह अधिकार दिया है?” पवित्र बाइबल जब यीशु मन्दिर में जाकर उपदेश दे रहा था तो प्रमुख याजकों और यहूदी बुजु़र्गो ने पास जाकर उससे पूछा, “ऐसी बातें तू किस अधिकार से करता है? और यह अधिकार तुझे किसने दिया?” Hindi Holy Bible वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, कि महायाजकों और लोगों के पुरनियों ने उसके पास आकर पूछा, तू ये काम किस के अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किस ने दिया है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, तो प्रधान याजकों और लोगों के पुरनियों ने उसके पास आकर पूछा, “तू ये काम किसके अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किसने दिया है?” नवीन हिंदी बाइबल जब वह मंदिर-परिसर में आकर उपदेश दे रहा था, तो मुख्य याजक और लोगों के धर्मवृद्ध उसके पास आकर कहने लगे, “तू ये कार्य किस अधिकार से करता है? और यह अधिकार तुझे किसने दिया?” सरल हिन्दी बाइबल येशु ने मंदिर में प्रवेश किया और जब वह वहां शिक्षा दे ही रहे थे, प्रधान पुरोहित और पुरनिए उनके पास आए और उनसे पूछा, “किस अधिकार से तुम ये सब कर रहे हो? कौन है वह, जिसने तुम्हें इसका अधिकार दिया है?” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वह मन्दिर में जाकर उपदेश कर रहा था, कि प्रधान याजकों और लोगों के प्राचीनों ने उसके पास आकर पूछा, “तू ये काम किसके अधिकार से करता है? और तुझे यह अधिकार किसने दिया है?” |
वह बोला, ‘किसने आपको हमारे ऊपर मुखिया और न्यायाधीश नियुक्त किया है? क्या आप मुझे भी मार डालना चाहते हैं जैसे आपने मिस्र-निवासी को मार डाला था?’ मूसा डर गए। उन्होंने सोचा, ‘निस्संदेह, लोगों पर घटना का भेद खुल गया है।’
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं भी आप लोगों से एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ। यदि आप मुझे इसका उत्तर देंगे, तो मैं भी आप को बता दूँगा कि मैं किस अधिकार से ये कार्य कर रहा हूँ।
जब येशु मन्दिर से निकल कर जा रहे थे, तब उनके शिष्य उनके पास आए और उन्होंने मन्दिर की इमारतों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया।
उस समय येशु ने भीड़ से कहा, “क्या तुम लोग मुझे डाकू समझते हो, जो तलवारें और लाठियाँ ले कर मुझे पकड़ने आए हो? मैं तो प्रतिदिन मन्दिर में बैठ कर शिक्षा दिया करता था, फिर भी तुम ने मुझे गिरफ्तार नहीं किया।
येशु प्रतिदिन मन्दिर में शिक्षा देते थे। महापुरोहित, शास्त्री और जनता के नेता इस प्रयत्न में थे कि येशु का विनाश करें।
एक दिन येशु मन्दिर में जनता को शिक्षा दे रहे थे और शुभसमाचार सुना रहे थे कि धर्मवृद्धों के साथ महापुरोहित और शास्त्री उनके पास आये
वे पतरस तथा योहन को बीच में खड़ा कर इस प्रकार उन से पूछ-ताछ करने लगे, “तुम लोगों ने किस सामर्थ्य से या किसके नाम से यह काम किया है?”
जो व्यक्ति अपने पड़ोसी के साथ अन्याय कर रहा था, उसने मूसा को एक ओर ढकेल दिया और कहा, ‘किसने तुम को हमारा शासक और न्यायकर्ता नियुक्त किया है?