मत्ती 20:16 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस प्रकार जो अंतिम हैं, वे प्रथम हो जाएँगे और जो प्रथम हैं वे अंतिम हो जाएँगे।” पवित्र बाइबल “इस प्रकार अंतिम पहले हो जायेंगे और पहले अंतिम हो जायेंगे।” Hindi Holy Bible इसी रीति से जो पिछले हैं, वह पहिले होंगे, और जो पहिले हैं, वे पिछले होंगे॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसी रीति से जो पिछले हैं, वे पहले होंगे; और जो पहले हैं, वे पिछले होंगे।” नवीन हिंदी बाइबल इस प्रकार जो अंतिम हैं, वे प्रथम होंगे और जो प्रथम हैं, वे अंतिम होंगे।” सरल हिन्दी बाइबल “इसलिये वे, जो अंतिम हैं पहले होंगे तथा जो पहले हैं, वे अंतिम.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इस प्रकार जो अन्तिम हैं, वे प्रथम हो जाएँगे और जो प्रथम हैं वे अन्तिम हो जाएँगे।” |
दोनों में से किसने अपने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने येशु को उत्तर दिया, “पहले ने।” इस पर येशु ने उन से कहा, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : चुंगी-अधिकारी और वेश्याएँ तुम लोगों से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
“सँकरे द्वार से प्रवेश करो। चौड़ा है वह फाटक और विस्तृत है वह मार्ग, जो विनाश की ओर ले जाता है। उस पर चलने वालों की संख्या बड़ी है।
क्योंकि मैं तुम सबसे कहता हूँ, उन निमन्त्रित लोगों में कोई भी मेरे भोजन का स्वाद नहीं चख पाएगा’।”
मैं तुम से कहता हूँ, इसी प्रकार निन्यानबे धर्मियों की अपेक्षा, जिन्हें पश्चात्ताप करने की आवश्यकता नहीं है, उस एक पापी के लिए स्वर्ग में अधिक आनन्द मनाया जाएगा जो पश्चात्ताप करता है।
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, इसके पाप जो बहुत हैं, क्षमा हो गये हैं, क्योंकि इसने बहुत प्रेम किया है। पर जिसे थोड़ा क्षमा किया गया, वह प्रेम भी थोड़ा करता है।”
बाद में व्यवस्था दी गयी और इस से अपराधों की संख्या बढ़ गयी। किन्तु जहाँ पाप की वृद्धि हुई, वहाँ अनुग्रह की उससे कहीं अधिक वृद्धि हुई।
उसने जिन्हें पहले से निश्चित किया, उन्हें बुलाया भी है : जिन्हें बुलाया, उन्हें धार्मिक भी ठहराया है और जिन्हें धार्मिक ठहराया है, उन्हें महिमान्वित भी किया है।
हम क्या कहें? इसका निष्कर्ष यह है कि गैर-यहूदियों ने, जो धार्मिकता की खोज में नहीं लगे हुए थे, धार्मिकता, अर्थात् विश्वास पर आधारित धार्मिकता प्राप्त की।
हम इसलिए निरन्तर परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं कि जब आपने हम से परमेश्वर का सन्देश सुना और ग्रहण किया, तो आपने उसे मनुष्यों का वचन नहीं, बल्कि- जैसा कि वह वास्तव में है- परमेश्वर का वचन समझ कर स्वीकार किया और यह वचन अब आप विश्वासियों में क्रियाशील है।