गृह-प्रबन्धक ने कहा, ‘तो अब तुम्हारे कथन के अनुसार हो। परन्तु वही व्यक्ति मेरा गुलाम बनेगा, जिसके पास चषक पाया जाएगा। शेष व्यक्ति निर्दोष माने जाएँगे।’
मत्ती 18:24 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब वह लेखा लेने लगा, तब उसके सामने एक सेवक लाया गया। उस पर दस हजार सोने के सिक्कों का कर्ज था। पवित्र बाइबल जब उसने हिसाब लेना शुरू किया तो उसके सामने एक ऐसे व्यक्ति को लाया गया जिस पर दसियों लाख रूपया निकलता था। Hindi Holy Bible जब वह लेखा लेने लगा, तो एक जन उसके साम्हने लाया गया जो दस हजार तोड़े धारता था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जब वह लेखा लेने लगा, तो एक जन उसके सामने लाया गया जो दस हज़ार तोड़े का क़र्जदार था। नवीन हिंदी बाइबल जब वह लेखा लेने लगा तो उसके सामने एक जन को लाया गया जिस पर दस हज़ार तोड़ोंका ऋण था। सरल हिन्दी बाइबल जब उसने प्रारंभ किया तब उसके सामने वह दास प्रस्तुत किया गया, जो उसके लाखों तालंतों का कर्ज़दार था, किंतु इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जब वह लेखा लेने लगा, तो एक जन उसके सामने लाया गया जो दस हजार तोड़े का कर्जदार था। |
गृह-प्रबन्धक ने कहा, ‘तो अब तुम्हारे कथन के अनुसार हो। परन्तु वही व्यक्ति मेरा गुलाम बनेगा, जिसके पास चषक पाया जाएगा। शेष व्यक्ति निर्दोष माने जाएँगे।’
उन्होंने परमेश्वर के भवन के सेवा-कार्य के लिए पौने दो लाख किलो सोना, दस हजार स्वर्ण मुद्राएं, साढ़े तीन लाख किलो चांदी, छ: लाख किलो कांस्य तथा पैंतीस लाख किलो लोहा चढ़ाया।
‘हे मेरे परमेश्वर, मैं तेरी ओर अपनी आंखें नहीं उठा सकता, मैं लज्जित हूं; हमारे अपराधों का ढेर लग गया है, हमारे दुष्कर्म आकाश को छूने लगे हैं।
असंख्य बुराइयों ने मेरे विरुद्ध घेरा डाला है, कुकर्मों ने मुझे दबा दिया है। अत: मैं दृष्टि ऊपर उठाने में असमर्थ हूँ। कुकर्म मेरे सिर के बालों से कहीं अधिक हैं। मेरा हृदय हताश हो गया है।
“यही कारण है कि स्वर्ग का राज्य उस राजा के सदृश है, जो अपने सेवकों से लेखा लेना चाहता था।
कर्ज चुकाने के लिए उसके पास कुछ भी नहीं था, इसलिए स्वामी ने आदेश दिया कि उसे, उसकी पत्नी, उसके बच्चों और उसकी सारी जायदाद को बेच दिया जाए और ऋण अदा कर लिया जाए।
उसने प्रत्येक को उसकी योग्यता के अनुसार दिया : एक सेवक को सोने के पाँच सिक्के दूसरे को सोने के दो सिक्के और तीसरे को सोने का एक सिक्का दिया। इसके बाद वह विदेश चला गया।
जिसे पाँच सिक्के मिले थे, उसने तुरन्त जा कर उनके साथ लेन-देन किया तथा और पाँच सिक्के कमा लिये।
जिसे पाँच सिक्के मिले थे, उसने और पाँच सिक्के ला कर कहा, ‘स्वामी! आपने मुझे पाँच सिक्के सौंपे थे। देखिए, मैंने और पाँच सिक्के कमाए।’
इसके बाद वह आया, जिसे दो सिक्के मिले थे। उसने कहा, ‘स्वामी! आपने मुझे दो सिक्के सौंपे थे। देखिए, मैंने और दो सिक्के कमाए।’
अन्त में वह आया, जिसे एक सिक्का मिला था। उसने कहा, ‘स्वामी! मुझे मालूम था कि आप कठोर व्यक्ति हैं। आपने जहाँ नहीं बोया, वहाँ काटते हैं और जहाँ नहीं बिखेरा, वहाँ बटोरते हैं।
अथवा क्या तुम समझते हो कि शिलोह की मीनार के गिरने से जो अठारह व्यक्ति दब कर मर गये, वे यरूशलेम के सब निवासियों से अधिक अपराधी थे?
उसने अपने स्वामी के कर्जदारों को एक-एक कर बुलाया और पहले कर्जदार से कहा, ‘तुम पर मेरे स्वामी का कितना ऋण है?’
फिर उसने दूसरे से पूछा, ‘तुम पर कितना ऋण है?’ उसने कहा, ‘सौ मन गेहूँ।’ प्रबंधक ने उससे कहा, ‘अपना ऋण-पत्र लो और अस्सी लिख दो।’