एक दिन एक किसान बअल-शालीशा गांव से आया। वह परमेश्वर के जन के पास प्रथम उपज की जौ की बीस रोटियां, और अपनी हथेली में हरी बालें लाया था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, ‘लोगों को यह परोस दे। वे इसको खाएं।’
मत्ती 15:32 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने अपने शिष्यों को अपने पास बुला कर कहा, “मुझे इन लोगों पर तरस आता है। ये तीन दिनों से मेरे साथ रह रहे हैं और इनके पास खाने को कुछ भी नहीं है। मैं इन्हें भूखा ही विदा करना नहीं चाहता। कहीं ऐसा न हो कि ये रास्ते में मूच्छिर्त हो जाएँ।” पवित्र बाइबल तब यीशु ने अपने शिष्यों को पास बुलाया और कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आ रहा है क्योंकि ये लोग तीन दिन से लगातार मेरे साथ हैं और इनके पास कुछ खाने को भी नहीं है। मैं इन्हें भूखा ही नहीं भेजना चाहता क्योंकि हो सकता है कि कहीं वे रास्ते में ही मूर्छित होकर न गिर पड़ें।” Hindi Holy Bible यीशु ने अपने चेलों को बुलाकर कहा, मुझे इस भीड़ पर तरस आता है; क्योंकि वे तीन दिन से मेरे साथ हैं और उन के पास कुछ खाने को नहीं; और मैं उन्हें भूखा विदा करना नहीं चाहता; कहीं ऐसा न हो कि मार्ग में थककर रह जाएं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) यीशु ने अपने चेलों को बुलाया और कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि वे तीन दिन से मेरे साथ हैं और उनके पास कुछ खाने को नहीं है। मैं उन्हें भूखा विदा करना नहीं चाहता, कहीं ऐसा न हो कि मार्ग में थककर रह जाएँ।” नवीन हिंदी बाइबल तब यीशु ने अपने शिष्यों को पास बुलाकर कहा,“मुझे इस भीड़ पर तरस आता है, क्योंकि ये लोग तीन दिन से मेरे साथ हैं और उनके पास खाने के लिए कुछ भी नहीं; मैं उन्हें भूखा नहीं भेजना चाहता, कहीं ऐसा न हो कि वे मार्ग में ही मूर्च्छित हो जाएँ।” सरल हिन्दी बाइबल येशु ने अपने शिष्यों को अपने पास बुलाकर कहा, “मुझे इन लोगों से सहानुभूति है क्योंकि ये मेरे साथ तीन दिन से हैं और इनके पास अब खाने को कुछ नहीं है. मैं इन्हें भूखा ही विदा करना नहीं चाहता—कहीं ये मार्ग में ही मूर्च्छित न हो जाएं.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 यीशु ने अपने चेलों को बुलाकर कहा, “मुझे इस भीड़ पर तरस आता है; क्योंकि वे तीन दिन से मेरे साथ हैं और उनके पास कुछ खाने को नहीं; और मैं उन्हें भूखा विदा करना नहीं चाहता; कहीं ऐसा न हो कि मार्ग में थककर गिर जाएँ।” |
एक दिन एक किसान बअल-शालीशा गांव से आया। वह परमेश्वर के जन के पास प्रथम उपज की जौ की बीस रोटियां, और अपनी हथेली में हरी बालें लाया था। एलीशा ने अपने सेवक से कहा, ‘लोगों को यह परोस दे। वे इसको खाएं।’
जिस प्रकार योना तीन दिन और तीन रात मच्छ के पेट में रहा, उसी प्रकार मानव-पुत्र भी तीन दिन और तीन रात पृथ्वी के गर्भ में रहेगा।
येशु यह समाचार सुन कर वहाँ से हट गये और नाव पर चढ़ कर एक निर्जन स्थान की ओर एकान्त में चले गए। जब लोगों को इसका पता चला, तब वे नगर-नगर से निकल कर पैदल ही उनकी खोज में चल पड़े।
शिष्यों ने उनसे कहा, “इस निर्जन स्थान में हमें इतनी रोटियाँ कहाँ से मिलेंगी कि हम इतनी बड़ी भीड़ को खिला सकें?”
येशु को उन पर दया आयी और उन्होंने उनकी आँखों का स्पर्श किया। उसी क्षण उनकी दृष्टि लौट आयी और वे येशु के पीछे हो लिये।
और बोले, “श्रीमान! हमें याद है कि उस धोखेबाज ने अपने जीवनकाल में कहा था कि मैं तीन दिन बाद जी उठूँगा।
जनसमूह को देख कर येशु को उन पर तरस आया, क्योंकि वे उत्पीड़ित और निस्सहाय थे। वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई चरवाहा न हो।
अशुद्ध आत्मा ने इसका विनाश करने के लिए इसे बार-बार आग तथा पानी में गिराया है। यदि आप कुछ कर सकें, तो हम पर तरस खा कर हमारी सहायता कीजिए।”
जब पौ फटने लगी, तो पौलुस ने सब को अपने साथ भोजन करने के लिए उत्साहित किया। पौलुस ने कहा, “आप लोगों को चिन्ता करते-करते और निराहार रहते चौदह दिन हो गये हैं। आप लोगों ने कुछ भी नहीं खाया।
हमारे महापुरोहित हमारी दुर्बलताओं में हम से सहानुभूति रख सकते हैं, क्योंकि पाप को छोड़ कर सभी बातों में हमारी ही तरह उनकी परीक्षा ली गयी है।