अपने मुंह से कोई बात जल्दी मत निकालो, और न उतावली में अपने हृदय की बात परमेश्वर के सम्मुख प्रकट करो, क्योंकि परमेश्वर तो स्वर्ग में है, और तुम पृथ्वी पर। अत: तुम्हारे शब्द थोड़े ही हों।
मत्ती 14:9 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हेरोदेस को धक्का लगा, परन्तु अपनी शपथ और अतिथियों के कारण उसने आदेश दिया, “योहन का सिर इसे दे दिया जाए।” पवित्र बाइबल यद्यपि राजा बहुत दुःखी था किन्तु अपनी शपथ और अपने मेहमानों के कारण उसने उसकी माँग पूरी करने का आदेश दे दिया। Hindi Holy Bible राजा दुखित हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठने वालों के कारण, आज्ञा दी, कि दे दिया जाए। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) राजा दु:खी हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठनेवालों के कारण, आज्ञा दी कि दे दिया जाए। नवीन हिंदी बाइबल राजा दुःखी हुआ परंतु अपनी शपथ और साथ बैठे लोगों के कारण उसने आज्ञा दी कि दे दिया जाए। सरल हिन्दी बाइबल यद्यपि इस पर हेरोदेस दुःखित अवश्य हुआ किंतु अपनी शपथ और उपस्थित अतिथियों के कारण उसने इसकी पूर्ति की आज्ञा दे दी. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 राजा दुःखित हुआ, पर अपनी शपथ के, और साथ बैठनेवालों के कारण, आज्ञा दी, कि दे दिया जाए। |
अपने मुंह से कोई बात जल्दी मत निकालो, और न उतावली में अपने हृदय की बात परमेश्वर के सम्मुख प्रकट करो, क्योंकि परमेश्वर तो स्वर्ग में है, और तुम पृथ्वी पर। अत: तुम्हारे शब्द थोड़े ही हों।
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु, इस्राएल का परमेश्वर यों कहता है: तुमने और तुम्हारी पत्नियों ने अपने मुंह से कहा है, और अपने हाथों से उसको पूरा भी किया है कि जो मन्नतें हमने मानी हैं, उनको हम अवश्य पूरा करेंगी; हम निस्सन्देह आकाश की रानी को धूप जलाएंगी, और उसको पेयबलि चढ़ाएंगी। तो तुम अपनी मन्नतें मानो और उनको अवश्य पूरा करो!
हेरोदेस योहन को मार डालना चाहता था; किन्तु वह जनता से डरता था, जो योहन को नबी मानती थी।
उसकी माँ ने उसे पहले से सिखा दिया था। इसलिए वह बोली, “मुझे इसी समय थाली में योहन बपतिस्मादाता का सिर दीजिए।”
राजा हेरोदेस ने येशु की चर्चा सुनी, क्योंकि उनका नाम प्रसिद्ध हो गया था। लोग कहते थे, “योहन बपतिस्मादाता मृतकों में से जी उठे हैं, इसलिए उनमें ये चमत्कारिक शक्तियाँ क्रियाशील हैं।”
क्योंकि हेरोदेस योहन को धर्मात्मा और पवित्र पुरुष जान कर उनसे डरता था और उनकी रक्षा करता था। हेरोदेस उनके उपदेश सुन कर बड़े असमंजस में पड़ जाता था। फिर भी, वह उनकी बातें आनन्द से सुनता था।
राजा को धक्का लगा, परन्तु अपनी शपथ और अतिथियों के कारण वह उसकी माँग अस्वीकार करना नहीं चाहता था।
येशु ने उनसे कहा, “जाकर उस लोमड़ी से कहो−मैं आज और कल भूतों को निकालता और रोगियों को स्वस्थ करता हूँ और तीसरे दिन मेरा कार्य पूर्ण हो जाएगा।
दो महीने के अन्त में वह अपने पिता के पास लौट आई। जो मन्नत उसके पिता ने मानी थी उसके अनुसार उसने उसके साथ किया। उसकी पुत्री ने पुरुष के साथ कभी सम्भोग नहीं किया था। अत: इस्राएली समाज में यह प्रथा प्रचलित है :
इस्राएली पुरुषों ने मिस्पाह में यह शपथ खाई : ‘हममें से कोई भी पिता अपनी पुत्री का विवाह बिन्यामिन कुल में नहीं करेगा।’
शाऊल ने उस दिन उतावली में एक मन्नत मानी। उसने अपने सैनिकों को एक महाशपथ दी। उसने कहा, ‘सन्ध्या के पूर्व, तथा जब तक मैं अपने शत्रुओं से बदला न ले लूँ, उसके पहले भोजन करने वाला व्यक्ति अभिशप्त होगा।’ अत: किसी भी सैनिक ने मुँह में दाना भी नहीं डाला।
एक सैनिक उससे बोला, ‘तुम्हारे पिता ने लोगों को कड़ी शपथ दी थी, और यह कहा था : “जो व्यक्ति आज भोजन करेगा, वह अभिशप्त होगा।” इसलिए सैनिक इतने थके-मांदे, अशक्त हैं।’
अब यदि मैं सबेरे तक उसके परिवार का एक पुरुष भी जीवित रहते दूं, तो परमेश्वर दाऊद के साथ वही व्यवहार करे वरन् इससे अधिक कठोर व्यवहार करे।’
शाऊल ने प्रभु के नाम से शपथ खाई, ‘जीवन्त प्रभु की सौगन्ध! तुम्हारे इस कार्य के लिए तुम्हें दण्ड नहीं मिलेगा।’