जब राजा यहोयाकीम, उसके महायोद्धाओं तथा उच्चाधिकारियों ने ऊरीयाह की नबूवत सुनी, तब राजा ने उसको मार डालने का प्रयत्न किया। ऊरीयाह ने यह सुना, तो वह डर गया, और प्राण बचा कर मिस्र देश भाग गया।
मत्ती 14:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) हेरोदेस योहन को मार डालना चाहता था; किन्तु वह जनता से डरता था, जो योहन को नबी मानती थी। पवित्र बाइबल सो हेरोदेस उसे मार डालना चाहता था, पर वह लोगों से डरता था क्योंकि लोग यूहन्ना को नबी मानते थे। Hindi Holy Bible और वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता जानते थे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे। नवीन हिंदी बाइबल वह उसे मार डालना चाहता था, परंतु लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यवक्ता मानते थे। सरल हिन्दी बाइबल हेरोदेस योहन को समाप्त ही कर देना चाहता था किंतु उसे लोगों का भय था क्योंकि लोग उन्हें भविष्यवक्ता मानते थे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 और वह उसे मार डालना चाहता था, पर लोगों से डरता था, क्योंकि वे उसे भविष्यद्वक्ता मानते थे। |
जब राजा यहोयाकीम, उसके महायोद्धाओं तथा उच्चाधिकारियों ने ऊरीयाह की नबूवत सुनी, तब राजा ने उसको मार डालने का प्रयत्न किया। ऊरीयाह ने यह सुना, तो वह डर गया, और प्राण बचा कर मिस्र देश भाग गया।
फिर तुम क्या देखने निकले थे? किसी नबी को? निश्चय ही! मैं तुम से कहता हूँ, नबी से भी महान व्यक्ति को।
यदि हम कहें : ‘मनुष्यों की ओर से’, तो हमें जनता से डर लगता है; क्योंकि सब योहन को नबी मानते हैं।”
योहन धर्म का मार्ग दिखाते हुए तुम्हारे पास आए और तुम लोगों ने उन पर विश्वास नहीं किया, परन्तु चुंगी-अधिकारियों और वेश्याओं ने उन पर विश्वास किया। तुम ने यह देखा; फिर भी तुम ने बाद में पश्चात्ताप नहीं किया और न उन पर विश्वास किया।
यदि हम कहें, ‘मनुष्यों की ओर से’ तो सारी जनता हमें पत्थरों से मार डालेगी, क्योंकि लोगों को निश्चय हो चुका है कि योहन नबी थे।”
इस पर उन्होंने पतरस और योहन को फिर धमका कर छोड़ दिया; क्योंकि जनता के कारण उन्हें दंड देने का कोई दांव नहीं मिला। सब लोग इस घटना के कारण परमेश्वर की स्तुति कर रहे थे।
इस पर नायक अपने सिपाहियों के साथ जा कर प्रेरितों को ले आया। वे प्रेरितों को बलपूर्वक नहीं लाये, क्योंकि वे जनता से डरते थे कि कहीं वह उन पर पथराव न करे।