तुमने मेरे विरुद्ध अनेक कुकर्म किए हैं। उन-सब को अपने से दूर करो; और तब अपने भीतर नया हृदय और नई आत्मा धारण करो। ‘ओ इस्राएल के कुल, तू क्यों मरना चाहता है?
मत्ती 13:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो अच्छी भूमि में बोया गया है : यह वह है, जो वचन सुनता और समझता है और फल लाता है − कोई सौ गुना, कोई साठ गुना और कोई तीस गुना।” पवित्र बाइबल “अच्छी धरती पर गिरे बीज से अर्थ है, वह व्यक्ति जो सुसंदेश को सुनता है और समझता है। वह सफल होता है। वह सफलता बोये बीज से तीस गुना, साठ गुना या सौ गुना तक होती है।” Hindi Holy Bible जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है; कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, और कोई तीस गुना।” नवीन हिंदी बाइबल परंतु अच्छी भूमि पर बोया गया बीज वह है, जो वचन को सुनकर और समझकर सचमुच फल लाता है, कोई सौ गुणा, कोई साठ गुणा और कोई तीस गुणा।” सरल हिन्दी बाइबल वह उत्तम भूमि, जिस पर बीज रोपा गया, वह व्यक्ति है, जो संदेश को सुनता है, उसे समझता है तथा वास्तव में फल लाता है—बोये गये बीज के तीस गुणा, साठ गुणा तथा सौ गुणा.” इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो अच्छी भूमि में बोया गया, यह वह है, जो वचन को सुनकर समझता है, और फल लाता है कोई सौ गुना, कोई साठ गुना, कोई तीस गुना।” |
तुमने मेरे विरुद्ध अनेक कुकर्म किए हैं। उन-सब को अपने से दूर करो; और तब अपने भीतर नया हृदय और नई आत्मा धारण करो। ‘ओ इस्राएल के कुल, तू क्यों मरना चाहता है?
मैं तुम्हें एक नया हृदय दूंगा, और तुम्हारे भीतर एक नई आत्मा उत्पन्न करूंगा। मैं तुम्हारी देह से तुम्हारा पाषाण हृदय निकाल कर तुम्हें संवेदनशीलहृदय दूंगा
“यदि तुम किसी पेड़ को अच्छा मानते हो, तो उसके फल को भी अच्छा मानो। अथवा यदि पेड़ को बुरा मानते हो, तो उसके फल को भी बुरा मानो; क्योंकि पेड़ तो अपने फल से पहचाना जाता है।
अब पेड़ों की जड़ पर कुल्हाड़ा लग चुका है। जो पेड़ अच्छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।
मैं तुम से सच कहता हूँ; जो मनुष्य छोटे बालक की तरह परमेश्वर का राज्य ग्रहण नहीं करता, वह उस में प्रवेश नहीं करेगा।”
जो अच्छी भूमि में बोये गये हैं : ये वे लोग हैं, जो वचन सुनते हैं, उसे ग्रहण करते हैं और फल लाते हैं−कोई तीस गुना, कोई साठ गुना, कोई सौ गुना।”
अच्छी भूमि पर गिरे हुए बीज वे लोग हैं, जो वचन सुन कर उसे सच्चे और निष्कपट हृदय में सुरक्षित रखते और अपने धैर्य के कारण फल लाते हैं।
पर कुछ बीज अच्छी भूमि पर गिरे और उग कर सौ गुना फल लाए।” इतना कहने के बाद वह पुकार कर बोले, “जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले।”
तुम ने मुझे नहीं चुना, बल्कि मैंने तुम्हें इसलिए चुना और नियुक्त किया कि तुम संसार में जाओ और फलवंत हो तथा तुम्हारा फल बना रहे, जिससे तुम मेरे नाम में पिता से जो कुछ माँगो, वह तुम्हें प्रदान करे।
जो परमेश्वर का है, वह परमेश्वर के वचन सुनता है। तुम लोग इसलिए नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो।”
उन महिलाओं में एक का नाम लुदिया था। वह थुआतीरा नगर की रहने वाली थी। वह बहुमूल्य बैंगनी कपड़ों का व्यापार करती और परमेश्वर की आराधना करती थी। वह हमारी बातें सुन रही थी। प्रभु ने उसके हृदय का द्वार खोला ताकि वह पौलुस की बातों को उत्सुकता से सुने।
ये यहूदी थिस्सलुनीके के यहूदियों से अधिक उदार थे। वे बड़ी उत्सुकता से प्रभु का संदेश सुनते थे और उसकी सच्चाई की जाँच करने के लिए प्रतिदिन धर्मग्रन्थ का परिशीलन करते थे।
जो बोने वाले को बीज और खाने वाले को भोजन देता है, वह आप को बोने के लिए बीज देगा, उसे बढ़ायेगा और आपकी धार्मिकता की अच्छी फ़सल उत्पन्न करेगा।
और परमेश्वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।
मैं दान पाने के लिए उत्सुक नहीं हूं। मैं इसलिए उत्सुक हूँ कि हिसाब में आपकी जमा-बाकी बढ़ती जाये।
इस प्रकार आप प्रभु के योग्य जीवन बिता कर सब बातों में उसे प्रसन्न करेंगे, हर प्रकार के भले कार्य करते रहेंगे और परमेश्वर के ज्ञान में फलते और बढ़ते जायेंगे।
आप के पास पहुँचा। यह समस्त संसार में फलता और बढ़ता जा रहा है। आप लोगों के यहाँ यह उस दिन से फलता और बढ़ता जा रहा है, जिस दिन आपने परमेश्वर के अनुग्रह के विषय में सुना और उसके सत्य का मर्म समझा।
भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।
नाश होने वाले व्यक्तियों को हर प्रकार के अधर्ममय भ्रम में डालता है; क्योंकि उन्होंने उस सत्य से प्रेम करना स्वीकार नहीं किया, जो उन्हें बचाने में समर्थ था।
हम को उन लोगों की तरह एक मंगलमय समाचार सुनाया गया है। परन्तु उन लोगों ने जो सन्देश सुना, उन्हें उससे कोई लाभ नहीं हुआ; क्योंकि संदेश सुनने वालों ने विश्वासपूर्वक उसको ग्रहण नहीं किया।
जो भूमि अपने ऊपर बार-बार पड़ने वाला पानी सोख लेती और उन लोगों के लिए उपयोगी फसल उगाती है, जो उन पर खेती करते हैं, तो वह परमेश्वर की आशिष प्राप्त करती है।
प्रभु यह कहता है : वह समय बीत जाने के बाद मैं इस्राएल के लिए यह विधान निर्धारित करूँगा-मैं अपने नियम उनके मन में रख दूँगा, मैं उन्हें उनके हृदय पर अंकित करूँगा। मैं उनका परमेश्वर होऊंगा और वे मेरी प्रजा होंगे।
आप लोग हमारे प्रभु और मुक्तिदाता येशु मसीह के अनुग्रह और ज्ञान में बढ़ते रहें। उन्हीं की अभी और युगानुयुग महिमा हो! आमेन।
हम जानते हैं कि परमेश्वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्चे परमेश्वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्चे परमेश्वर में निवास करते हैं; क्योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्चा परमेश्वर और शाश्वत जीवन है।