प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्छ समझते हैं।
मत्ती 13:19 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जब कोई ‘राज्य’ का वचन सुनता है, लेकिन समझता नहीं, तब उसके मन में जो बोया गया है, उसे शैतान आ कर छीन ले जाता है : यह वह है, जो रास्ते के किनारे बोया गया है। पवित्र बाइबल “वह बीज जो राह के किनारे गिर पड़ा था, उसका अर्थ है कि जब कोई स्वर्ग के राज्य का सुसंदेश सुनता है और उसे समझता नहीं है तो दुष्ट आकर, उसके मन में जो उगा था, उसे उखाड़ ले जाता है। Hindi Holy Bible जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्ट आकर छीन ले जाता है। यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था। नवीन हिंदी बाइबल जब कोई व्यक्ति राज्य का वचन सुनता है और उसे नहीं समझता, तो दुष्ट आकर जो कुछ उसके मन में बोया गया था उसे छीन ले जाता है। यह वही बीज है जिसे मार्ग के किनारे बोया गया था। सरल हिन्दी बाइबल जब कोई व्यक्ति राज्य के विषय में सुनता है किंतु उसे समझा नहीं करता, शैतान आता है और वह, जो उसके हृदय में रोपा गया है, झपटकर ले जाता है. यह वह बीज है जो मार्ग के किनारे गिर गया था. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो कोई राज्य का वचन सुनकर नहीं समझता, उसके मन में जो कुछ बोया गया था, उसे वह दुष्ट आकर छीन ले जाता है; यह वही है, जो मार्ग के किनारे बोया गया था। |
प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्छ समझते हैं।
मूर्ख मनुष्य बुद्धि को खरीदने के लिए अपने हाथ में दाम क्यों रखे हुए है, जबकि उसमें समझ है ही नहीं?
“ओ देवदार, तेरी महानता और गौरव की तुलना में अदन की वाटिका के वृक्ष कुछ भी नहीं हैं। किन्तु तू भी उनके समान अधोलोक में काट कर फेंक दिया जाएगा, और वहां तू तलवार से वध की गई बेख़तना जातियों के मध्य पड़ा रहेगा।” ‘फरओ और उसकी विशाल प्रजा का यही हाल होगा।’ स्वामी-प्रभु की यही वाणी है।
यदि शैतान ही शैतान को निकालता है, तो उसके यहाँ फूट पड़ गयी है। तब उसका राज्य कैसे टिका रहेगा?
येशु समस्त गलील प्रदेश में भ्रमण कर उनके सभागृहों में शिक्षा देते, राज्य के शुभ-समाचार का प्रचार करते और लोगों की हर तरह की बीमारी और निर्बलता दूर करते थे।
तुम्हारी बात इतनी हो − हाँ की हाँ, नहीं की नहीं। जो इस से अधिक है, वह बुराई से उत्पन्न हुआ है।
जो मार्ग के किनारे हैं, जहाँ वचन बोया जाता है : ये वे लोग हैं जिन्होंने परमेश्वर का वचन सुना, परन्तु शैतान तुरन्त ही आकर वह वचन ले जाता है, जो उन में बोया गया है।
वहाँ के रोगियों को स्वस्थ करना और उन से कहना, ‘परमेश्वर का राज्य तुम्हारे निकट आ गया है।’
तब येशु ने उन्हें परमेश्वर के राज्य का संदेश सुनाने और रोगियों को स्वस्थ करने भेजा।
पिलातुस ने उन से पूछा, “सत्य क्या है?” वह यह कह कर फिर बाहर गया और धर्मगुरुओं के पास आ कर बोला, “मैं उसमें कोई दोष नहीं पाता हूँ।
मृतकों के पुनरुत्थान की बात सुनते ही कुछ लोगों ने उपहास किया; परन्तु कुछ लोगों ने यह कहा, “इस विषय पर हम फिर कभी आपकी बात सुनेंगे।”
परन्तु यह वाद-विवाद शब्दों, नामों और तुम्हारी व्यवस्था से सम्बन्ध रखता है। तो तुम्हीं जानो, मैं ऐसी बातों का न्याय करना नहीं चाहता।”
“मैं आप लोगों के बीच राज्य का सन्देश सुनाता रहा। अब, मैं जानता हूँ कि आप में कोई भी मेरा मुँह फिर कभी नहीं देख पायेगा।
अत: यहूदियों ने पौलुस के साथ एक दिन निश्चित किया और बड़ी संख्या में उनके यहाँ एकत्र हुए। पौलुस सुबह से शाम तक उनके लिए व्याख्या करते रहे। उन्होंने परमेश्वर के राज्य के विषय में साक्षी दी और मूसा की व्यवस्था तथा नबी-ग्रंथों के आधार पर उनको येशु के संबंध में समझाने का प्रयत्न किया।
उन्होंने परमेश्वर का सच्चा ज्ञान प्राप्त करना उचित नहीं समझा, इसलिए परमेश्वर ने उन्हें उनकी भ्रष्ट बुद्धि पर छोड़ दिया, जिससे वे अनुचित आचरण करने लगे।
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाने-पीने का नहीं, बल्कि वह धार्मिकता, शान्ति और आनन्द का विषय है, जो पवित्र आत्मा से प्राप्त होते हैं।
और जो लोग स्वार्थी हैं और सत्य से विद्रोह करते हुए अधर्म पर चलते हैं, ये परमेश्वर के क्रोध और प्रकोप के पात्र होंगे।
मुझे, जो सन्तों में सब से छोटा हूँ, यह अनुग्रह मिला है कि मैं गैर-यहूदियों को मसीह की अपार कृपानिधि का शुभसमाचार सुनाऊं
वे सब दण्डित किये जायें, जिन्होंने सत्य पर विश्वास नहीं किया और अधर्म का पक्ष लिया है।
इसलिए हमें जो सन्देश मिला है, उस पर अच्छी तरह ध्यान देना चाहिए। कहीं ऐसा न हो कि हम मार्ग से भटक जायें।
हम काइन की तरह नहीं बनें। वह दुष्ट की सन्तान था और उसने अपने भाई की हत्या की। उसने उसकी हत्या क्यों कर दी? क्योंकि उसके अपने कर्म बुरे थे और उसके भाई के कर्म धार्मिक।
हम जानते हैं कि जो परमेश्वर से उत्पन्न हुआ है, वह पाप नहीं करता। परमेश्वर का पुत्र उसकी रक्षा करता है और दुष्ट शैतान उसे स्पर्श तक नहीं करने पाता।
हम जानते हैं कि परमेश्वर-पुत्र आया है और उसने हमें सच्चे परमेश्वर को पहचानने की समझ दी है। हम सच्चे परमेश्वर में निवास करते हैं; क्योंकि हम उसके पुत्र येशु मसीह में निवास करते हैं। यही सच्चा परमेश्वर और शाश्वत जीवन है।