तब उन्होंने अपने शिष्यों की ओर मुड़ कर एकान्त में उन से कहा, “धन्य हैं वे आँखे, जो ये सब देख रही हैं जिन्हें तुम देख रहे हो!
मत्ती 13:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : तुम जो बातें देख रहे हो, उन्हें कितने ही नबी और धर्मात्मा देखना चाहते थे; परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और तुम जो बातें सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना। पवित्र बाइबल मैं तुमसे सत्य कहता हूँ, बहुत से भविष्यवक्ता और धर्मात्मा जिन बातों को देखना चाहते थे, उन्हें तुम देख रहे हो। वे उन्हें नहीं देख सके। और जिन बातों को वे सुनना चाहते थे, उन्हें तुम सुन रहे हो। वे उन्हें नहीं सुन सके। Hindi Holy Bible क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूं, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं ने और धमिर्यों ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो, देखें पर न देखीं; और जो बातें तुम सुनते हो, सुनें, पर न सुनीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूँ कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं ने और धर्मियों ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो, देखें, पर न देखीं; और जो बातें तुम सुनते हो, सुनें, पर न सुनीं। नवीन हिंदी बाइबल क्योंकि मैं तुमसे सच कहता हूँ कि जो तुम देखते हो उसे बहुत से भविष्यवक्ताओं और धर्मियों ने देखना चाहा, परंतु नहीं देखा, और जो तुम सुनते हो, उसे सुनना चाहा, परंतु नहीं सुना।” सरल हिन्दी बाइबल मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूं: अनेक भविष्यवक्ता और धर्मी व्यक्ति वह देखने की कामना करते रहे, जो तुम देख रहे हो किंतु वे देख न सके तथा वे वह सुनने की कामना करते रहे, जो तुम सुन रहे हो किंतु सुन न सके. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्योंकि मैं तुम से सच कहता हूँ, कि बहुत से भविष्यद्वक्ताओं और धर्मियों ने चाहा कि जो बातें तुम देखते हो, देखें पर न देखीं; और जो बातें तुम सुनते हो, सुनें, पर न सुनीं। |
तब उन्होंने अपने शिष्यों की ओर मुड़ कर एकान्त में उन से कहा, “धन्य हैं वे आँखे, जो ये सब देख रही हैं जिन्हें तुम देख रहे हो!
क्योंकि मैं तुम से कहता हूँ−तुम जो कुछ देख रहो हो, उन्हें कितने ही नबी और राजा देखना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं देखा और जो बातें तुम सुन रहे हो, वे उन्हें सुनना चाहते थे, परन्तु उन्होंने उन्हें नहीं सुना।”
तुम्हारे पूर्वज अब्राहम यह जान कर उल्लसित हुए कि वह मेरा दिन देखेंगे और वह उसे देख कर आनन्दविभोर हुए।”
प्रतिज्ञा का फल पाये बिना ये सब विश्वास करते हुए मर गये। परन्तु उन्होंने उसको दूर से देखा और उसका स्वागत किया। वे अपने को पृथ्वी पर परदेशी तथा प्रवासी मानते थे।