देख, पुरानी बातें पूरी हो चुकीं, अब मैं नई बातें घोषित करता हूं, उनके होने से पहले ही मैं तुझे उनके विषय में सुना रहा हूं।’
मत्ती 12:17 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) इस प्रकार नबी यशायाह का यह कथन पूरा हुआ : पवित्र बाइबल यह इसलिये हुआ कि भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा प्रभु ने जो कहा था, वह पूरा हो: Hindi Holy Bible कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) ताकि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो : नवीन हिंदी बाइबल ताकि वह वचन जो यशायाह भविष्यवक्ता के द्वारा कहा गया था, पूरा हो : सरल हिन्दी बाइबल यह भविष्यवक्ता यशायाह द्वारा की गई इस भविष्यवाणी की पूर्ति थी: इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 कि जो वचन यशायाह भविष्यद्वक्ता के द्वारा कहा गया था, वह पूरा हो: |
देख, पुरानी बातें पूरी हो चुकीं, अब मैं नई बातें घोषित करता हूं, उनके होने से पहले ही मैं तुझे उनके विषय में सुना रहा हूं।’
मैं अपने सेवक के वचन को सच प्रमाणित करता हूं, मैं अपने संदेश-वाहकों के परामर्श को सफल करता हूं। मैं यरूशलेम के विषय में यह कहता हूं, ‘तू फिर आबाद होगा।’ मैंने यहूदा प्रदेश के नगरों के विषय में यह कहा है: ‘इनका पुनर्निर्माण होगा; मैं उनके खण्डहरों को फिर खड़ा करूंगा।’
“यह मेरा सेवक है, इसे मैंने चुना है; यह मेरा परमप्रिय है, मैं इस पर अति प्रसन्न हूँ। मैं इसे अपना आत्मा प्रदान करूँगा और यह गैर-यहूदियों को मेरा न्याय- सिद्धान्त घोषित करेगा।
जिससे नबी का यह कथन पूरा हो जाए, “मैं दृष्टान्तों में बोलूँगा। सृष्टि के आरम्भ से जो गुप्त है, उसे मैं प्रकट करूँगा।”
इस प्रकार नबी यशायाह का यह कथन पूरा हुआ : “उसने हमारी दुर्बलताओं को स्वयं भोगा और हमारे रोगों का बोझ उठा लिया।”
येशु ने शिष्यों से कहा, “मैं ने तुम्हारे साथ रहते समय तुम लोगों से कहा था कि जो कुछ मूसा की व्यवस्था में और नबियों के ग्रंथों में तथा भजन-संहिता में मेरे विषय में लिखा है, सब का पूरा होना अनिवार्य है।”
जिन को परमेश्वर का सन्देश दिया गया था, यदि व्यवस्था ने उन को ईश्वर कहा − और धर्मग्रन्थ की बात टल नहीं सकती −
यह अनिवार्य था कि नबी यशायाह का यह कथन पूरा हो जाए : ‘प्रभु! किसने हमारे सन्देश पर विश्वास किया? किस पर प्रभु का बाहुबल प्रकट हुआ?”
तब येशु ने यह जान कर कि अब सब कुछ पूरा हो चुका है, धर्मग्रन्थ का लेख पूरा करने के उद्देश्य से कहा, “मैं प्यासा हूँ।”
यरूशलेम के निवासियों तथा उनके शासकों ने येशु को नहीं पहचाना। उन्हें दण्डाज्ञा दिला कर उन्होंने अनजाने ही नबियों के वे कथन पूरे कर दिये, जो प्रत्येक विश्राम-दिवस को पढ़ कर सुनाये जाते हैं।