मत्ती 11:21 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) येशु ने कहा, “धिक्कार तुझे, खुराजिन! धिक्कार तुझे, बेतसैदा! जो सामर्थ्य के कार्य तुम में किये गये हैं, यदि वे सोर और सदोम में किये गये होते, तो उन्होंने न जाने कब से टाट ओढ़ कर और भस्म रमा कर पश्चात्ताप कर लिया होता। पवित्र बाइबल अरे अभागे खुराजीन, अरे अभागे बैतसैदा तुम में जो आश्चर्यकर्म किये गये, यदि वे सूर और सैदा में किये जाते तो वहाँ के लोग बहुत पहले से ही टाट के शोक वस्त्र ओढ़ कर और अपने शरीर पर राख मल कर खेद व्यक्त करते हुए मन फिरा चुके होते। Hindi Holy Bible हाय, खुराजीन; हाय, बैतसैदा; जो सामर्थ के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सूर और सैदा में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर वे कब के मन फिरा लेते। नवीन हिंदी बाइबल “हे खुराजीन! तुझ पर हाय; हे बैतसैदा! तुझ पर हाय; क्योंकि जो सामर्थ्य के कार्य तुममें किए गए, यदि सूर और सैदा में किए जाते, तो बहुत पहले ही वे टाट ओढ़कर और राख पर बैठकर पश्चात्ताप कर लेते। सरल हिन्दी बाइबल “धिक्कार है तुझ पर कोराज़ीन! धिक्कार है तुझ पर बैथसैदा! ये ही अद्भुत काम, जो तुझमें किए गए हैं यदि सोर और सीदोन नगरों में किए जाते तो वे विलाप-वस्त्र पहन, सिर पर राख डाल कब के पश्चाताप कर चुके होते! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “हाय, खुराजीन! हाय, बैतसैदा! जो सामर्थ्य के काम तुम में किए गए, यदि वे सोर और सीदोन में किए जाते, तो टाट ओढ़कर, और राख में बैठकर, वे कब के मन फिरा लेते। |
जो घृणित कार्य, व्यभिचार, कामुकता, वेश्यावृत्ति, तूने पहाड़ियों और मैदानों में किए हैं, वे सब मैंने देखे हैं। ओ यरूशलेम, धिक्कार है तुझे! तू कब शुद्ध होगी?’
‘ओ सोर और सीदोन नगर-राज्यो, ओ पलिश्तीन देश के पंच राज्यो! तुम्हारा मुझसे क्या सम्बन्ध? क्या तुम मेरे काम का प्रतिफल मुझे दोगे? यदि तुम मुझे मेरा प्रतिफल चुका रहे हो तो मैं अविलम्ब, तुरन्त, तुम्हारे सिर पर तुम्हारे कामों का प्रतिफल मढ़ूंगा।
प्रभु यों कहता है : ‘मैं सोर नगर-राज्य के तीन अपराधों, नहीं, उसके चार अपराधों के लिए निस्सन्देह उसे दण्डित करूंगा, मैं उसे नहीं छोड़ूंगा। उसने पूरी कौम को कैद कर एदोम राज्य के हाथ में सौंपा था; और भाई-चारे के समझौते को भुला दिया था।
इसलिए मैं तुम से कहता हूँ, न्याय के दिन तेरी दशा की अपेक्षा सोर और सदोम की दशा कहीं अधिक सहनीय होगी।
प्रलोभनों के कारण संसार को धिक्कार! प्रलोभन अनिवार्य है, किन्तु धिक्कार उस मनुष्य को, जो प्रलोभन का कारण बनता है!
मानव-पुत्र तो जा रहा है, जैसा कि उसके विषय में धर्मग्रन्थ में लिखा है; परन्तु धिक्कार है उस मनुष्य को, जो मानव-पुत्र को पकड़वा रहा है! उस मनुष्य के लिए अच्छा यही होता कि वह उत्पन्न ही नहीं हुआ होता।”
यरूशलेम नगर, इदूमिया देश और यर्दन नदी के उस पार तथा सोर और सीदोन के आसपास के प्रदेश से उनके पास आए थे; क्योंकि उन्होंने उनके कार्यों की चर्चा सुनी थी।
इसके तुरन्त बाद येशु ने अपने शिष्यों को इसके लिए बाध्य किया कि वे नाव पर चढ़कर उन से पहले उस पार, बेतसैदा गाँव चले जाएँ। इतने में वह स्वयं लोगों को विदा कर देंगे।
तब येशु उस स्थान को छोड़कर सोर के सीमा-क्षेत्र में गये। वहाँ वह किसी घर में ठहरे और वह चाहते थे कि किसी को इसका पता न चले, किन्तु वह अज्ञात नहीं रह सके।
येशु सोर के इस सीमा-क्षेत्र से चले गये। वह सीदोन से होते हुए और दिकापुलिस के सीमा-क्षेत्र को पार कर गलील की झील के तट पर पहुँचे।
वे बेतसैदा गाँव में आए। कुछ लोग एक अन्धे को येशु के पास लाए और उन से यह अनुरोध किया, “आप उसे स्पर्श कर दें।”
फिर भी एलियाह उन में किसी के पास नहीं भेजे गये−केवल सीदोन देश के सारफत नगर में रहने वाली एक विधवा के पास।
येशु उन बारह प्रेरितों के साथ पहाड़ी से उतर कर एक मैदान में खड़े हो गये। वहाँ उनके बहुत-से शिष्य थे और एक विशाल जनसमूह भी था। वे लोग समस्त यहूदा प्रदेश, यरूशलेम नगर और सोर तथा सीदोन के समुद्र-तट से आए थे।
प्रेरितों ने लौट कर येशु को बताया कि उन लोगों ने क्या-क्या किया है। येशु उन्हें अपने साथ ले कर बेतसैदा नगर की ओर एकांत में चले गये,
उन्होंने फिलिप के पास आ कर यह निवेदन किया, “महाशय! हम येशु से मिलना चाहते हैं।” फिलिप गलील प्रदेश के बेतसैदा नगर का निवासी था।
राजा हेरोदेस सोर और सीदोन के निवासियों से अत्यन्त क्रुद्ध हो गया था। वे सब एकमत हो हेरोदेस के पास आये। वे राजा के कंचुकी ब्लास्तुस को मना कर सन्धि करना चाहते थे; क्योंकि उनका देश अनाज के लिए राजा हेरोदेस के क्षेत्र पर निर्भर था।
दूसरे दिन हमने सीदोन में लंगर डाला। यहां यूलियुस ने पौलुस के प्रति उदारता दिखाई और उसने पौलुस को मित्रों के यहां जाने तथा उनकी सहायता स्वीकार करने की अनुमति दे दी।
धिक्कार इन लोगों को! ये काइन के मार्ग पर चल रहे हैं। ये तुच्छ लाभ के लिए बिलआम की तरह भटक गये और कोरह की तरह विद्रोह करने के कारण विनष्ट हो गये हैं।
मैं अपने दो सािक्षयों को आदेश दूँगा कि वे उन बारह सौ साठ दिनों तक टाट ओढ़े नबूवत करते रहें।”
मैं देखता रहा : मेमने ने छठी मोहर खोली और एक भारी भूकम्प हुआ। सूर्य कम्बल की तरह काला हो उठा और पूरा चंद्रमा रक्त की तरह लाल।