प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
दोनों में से किसने अपने पिता की इच्छा पूरी की?” उन्होंने येशु को उत्तर दिया, “पहले ने।” इस पर येशु ने उन से कहा, “मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : चुंगी-अधिकारी और वेश्याएँ तुम लोगों से पहले परमेश्वर के राज्य में प्रवेश कर रहे हैं।
“ढोंगी शास्त्रियो और फरीसियो! धिक्कार है तुम्हें! तुम मनुष्यों के लिए स्वर्ग-राज्य का द्वार बन्द कर देते हो; न तो तुम स्वयं प्रवेश करते हो और न प्रवेश करने वालों को प्रवेश करने देते हो।
“योहन बपतिस्मादाता के आगमन तक मूसा की व्यवस्था और नबी प्रभावी रहे। अब योहन के आगमन के समय से परमेश्वर के राज्य का शुभ समाचार सुनाया जा रहा है और सब उसमें प्रवेश करने का बलपूर्वक प्रयत्न कर रहे हैं।
वह रात में येशु के पास आया और बोला, “गुरुजी, हम जानते हैं कि आप परमेश्वर की ओर से आए हुए गुरु हैं। आप जो आश्चर्यपूर्ण चिह्न दिखाते हैं, उन्हें कोई तब तक नहीं दिखा सकता, जब तक कि परमेश्वर उसके साथ न हो।”