एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
मत्ती 10:40 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) “जो तुम्हारा स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है। पवित्र बाइबल “जो तुम्हें अपनाता है, वह मुझे अपनाता है और जो मुझे अपनाता है, वह उस परमेश्वर को अपनाता है, जिसने मुझे भेजा है। Hindi Holy Bible जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) “जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है। नवीन हिंदी बाइबल “जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है, और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है। सरल हिन्दी बाइबल “वह, जो तुम्हें स्वीकार करता है, मुझे स्वीकार करता है, और जो मुझे स्वीकार करता है, उन्हें स्वीकार करता है, जिन्होंने मुझे भेजा है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 “जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजनेवाले को ग्रहण करता है। |
एक बार रानी ईजेबेल प्रभु के नबियों का वध कर रही थी। तब ओबद्याह सौ नबियों को लेकर भाग गया था। उसने गुफाओं में बारी-बारी से पचास-पचास नबियों को छिपाकर रखा और वहाँ नबियों के लिए भोजन और जल की व्यवस्था की।
किन्तु उस दिन मैं तुझको बचाऊंगा, और तू शत्रु-सैनिकों के हाथ में नहीं सौंपा जाएगा, जिस से तू डर रहा है। मुझ-प्रभु की यह वाणी है।
“राजा उन्हें यह उत्तर देगा, ‘मैं तुम से सच कहता हूँ, जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए किया, वह तुम ने मेरे लिए ही किया।’
“तब राजा उन्हें उत्तर देगा, ‘मैं तुम लोगों से सच कहता हूँ : जो कुछ तुम ने मेरे इन छोटे से छोटे भाई-बहिनों में से किसी एक के लिए नहीं किया, वह तुम ने मेरे लिए भी नहीं किया।’
“जो मेरे नाम पर ऐसे बालकों में किसी एक का भी स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह मेरा नहीं, बल्कि उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है।”
“जो तुम्हारी सुनता है, वह मेरी सुनता है और जो तुम्हारा तिरस्कार करता है, वह मेरा तिरस्कार करता है। जो मेरा तिरस्कार करता है, वह उसका तिरस्कार करता है जिसने मुझे भेजा है।”
उन से कहा, “जो मेरे नाम पर इस बालक का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है; क्योंकि तुम सब में जो सब से छोटा है, वही बड़ा है।”
मैं तुम से सच-सच कहता हूँ : जो मेरे भेजे हुए का स्वागत करता है, वह मेरा स्वागत करता है और जो मेरा स्वागत करता है, वह उसका स्वागत करता है, जिसने मुझे भेजा है।”
येशु ने उन से फिर कहा, “तुम्हें शान्ति मिले! जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा है, उसी प्रकार मैं तुम्हें भेजता हूँ।”
जिससे सब लोग जिस प्रकार पिता का आदर करते हैं, उसी प्रकार पुत्र का भी आदर करें। जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का, जिसने पुत्र को भेजा है, आदर नहीं करता।
इसलिए हम मसीह के राजदूत हैं, मानो परमेश्वर हमारे द्वारा आप लोगों से अनुरोध कर रहा है। हम मसीह के नाम पर आप से यह विनती करते हैं कि आप परमेश्वर से मेल कर लें।
यद्यपि मैं अपने शरीर की दुर्बलता के कारण आप लोगों के लिए परीक्षा बना, फिर भी आपने न तो मेरा तिरस्कार किया और न मेरे प्रति घृणा प्रकट की, बल्कि आपने मेरा ऐसा स्वागत किया, मानो मैं परमेश्वर का दूत या स्वयं येशु मसीह हूं।
इसलिए जो इस आदेश का तिरस्कार करता है, वह मनुष्य का नहीं, बल्कि परमेश्वर का तिरस्कार करता है जो आप को अपना पवित्र आत्मा प्रदान करता है।
जो कोई मसीह की शिक्षा की सीमा के अन्दर नहीं रहता, बल्कि उस से बाहर चला जाता है, उसे परमेश्वर प्राप्त नहीं है। जो शिक्षा की सीमा के अन्दर रहता है, उसे पिता और पुत्र, दोनों प्राप्त हैं।