‘दर्शन की घाटी’ के विरुद्ध नबूवत : तुम्हें क्या हुआ कि तुम सबके सब मकान की छतों पर चढ़ गए?
मत्ती 10:27 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) जो मैं तुम से अंधेरे में कहता हूँ, उसे तुम उजाले में सुनाओ। जो तुम्हें कानों में कहा जाता है, उसे तुम छतों पर से पुकार-पुकार कर कहो। पवित्र बाइबल मैं अँधेरे में जो कुछ तुमसे कहता हूँ, मैं चाहता हूँ, उसे तुम उजाले में कहो। मैंने जो कुछ तुम्हारे कानों में कहा है, तुम उसकी मकान की छतों पर चढ़कर, घोषणा करो। Hindi Holy Bible जो मैं तुम से अन्धियारे में कहता हूं, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे को ठों पर से प्रचार करो। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) जो मैं तुम से अन्धियारे में कहता हूँ, उसे तुम उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे छतों पर से प्रचार करो। नवीन हिंदी बाइबल जो मैं तुमसे अंधकार में कहता हूँ, उसे उजियाले में कहो; और जो तुम कान में सुनते हो, उसे छतों पर से प्रचार करो। सरल हिन्दी बाइबल मैं जो कुछ तुम पर अंधकार में प्रकट कर रहा हूं, उसे प्रकाश में स्पष्ट करो और जो कुछ तुमसे कान में कहा गया है, उसकी घोषणा हर जगह करो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 जो मैं तुम से अंधियारे में कहता हूँ, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे छतों पर से प्रचार करो। |
‘दर्शन की घाटी’ के विरुद्ध नबूवत : तुम्हें क्या हुआ कि तुम सबके सब मकान की छतों पर चढ़ गए?
इसलिए, तुम ने जो अंधेरे में कहा है, वह उजाले में सुना जाएगा और तुम ने जो कोठरियों में फुसफुसा कर कहा है, वह छतों से पुकार-पुकार कर कहा जाएगा।
उन्होंने कहा, “परमेश्वर के राज्य के रहस्यों का ज्ञान तुम लोगों को दिया गया है; पर दूसरों को केवल दृष्टान्त मिले, जिससे वे देखते हुए भी नहीं देखें और सुनते हुए भी नहीं समझें।
जब वह, अर्थात् सत्य का आत्मा आएगा, तब वह सम्पूर्ण सत्य में तुम्हारा मार्गदर्शन करेगा; क्योंकि वह अपनी ओर से नहीं कहेगा, बल्कि वह जो कुछ सुनेगा, वही कहेगा और तुम्हें आने वाली बातों के विषय में बताएगा।
“मैंने तुम से यह सब रूपकों में कहा है। वह समय आ रहा है, जब मैं फिर तुम से रूपकों में कुछ नहीं कहूँगा, बल्कि तुम्हें स्पष्ट शब्दों में पिता के विषय में बताऊंगा।
येशु के शिष्यों ने उन से कहा, “देखिए, अब आप रूपकों में नहीं, बल्कि स्पष्ट शब्दों में बोल रहे हैं।
इस कारण वह न केवल सभागृह में यहूदियों तथा ईश्वर-भक्तों के साथ, बल्कि प्रतिदिन चौक में आने-जाने वाले लोगों के साथ भी तर्क-वितर्क करते थे।
“जाइए और खड़े होकर मन्दिर में जनता को इस जीवन की सब बातें सुनाइए।” यह सुनकर वे सबेरा होते ही मन्दिर में गये और शिक्षा देने लगे।
“क्या हमने तुम लोगों को कड़ा आदेश नहीं दिया था कि इस नाम से शिक्षा मत देना; परन्तु तुम लोगों ने सारा यरूशलेम अपनी शिक्षा से भर दिया है और उस मनुष्य की हत्या का दोष हमारे सिर पर मढ़ना चाहते हो?”