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भजन संहिता 92:14 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

वे वृद्धावस्‍था में भी फलते हैं; वे सदा रसमय और हरे-भरे रहते हैं,

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पवित्र बाइबल

वे जब तक बूढ़े होंगे तब तक वे फल देते रहेंगे। वे हरे भरे स्वस्थ वृक्षों जैसे होंगे।

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Hindi Holy Bible

वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे,

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे,

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नवीन हिंदी बाइबल

बूढ़े हो जाने पर भी वे फलते रहेंगे; वे स्वस्थ और लहलहाते रहेंगे,

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सरल हिन्दी बाइबल

वृद्धावस्था में भी वे फलदार बने रहेंगे, उनकी नवीनता और उनकी कान्ति वैसी ही बनी रहेगी,

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

वे पुराने होने पर भी फलते रहेंगे, और रस भरे और लहलहाते रहेंगे,

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भजन संहिता 92:14
13 क्रॉस रेफरेंस  

फिर भी धार्मिक मनुष्‍य अपने मार्ग पर डटा रहता है; निर्दोष आचरण वाला मनुष्‍य दिन-प्रतिदिन बलवान होता जाता है।


वह उस वृक्ष के समान है जो नहर के तट पर रोपा गया, जो अपनी ऋतु में फलता है, और जिसके पत्ते मुरझाते नहीं। जो कुछ धार्मिक मनुष्‍य करता है, वह सफल होता है।


अत: बुढ़ापे में, पके बालों की उमर में भी हे परमेश्‍वर, मुझे मत त्‍याग; जब तक मैं आगामी पीढ़ी को तेरे भुजबल की घोषणा न करूं, मुझे जीवित रहने दे।


धार्मिक व्यक्‍ति का पथ मानो ऊषाकाल का प्रकाश है, जो सबेरे से दोपहर तक अधिकाधिक बढ़ता जाता है।


और तुम्‍हारी वृद्धावस्‍था तक, तुम्‍हारे बूढ़े होने तक, तुम्‍हें उठाए रहूंगा, क्‍योंकि मैं ‘वही प्रभु’ हूं। मैंने तुम्‍हें रचा है, अत: मैं तुम्‍हारा बोझ उठाऊंगा; मैं तुम्‍हें ढोऊंगा, और तुम्‍हारी रक्षा करूंगा।


वह मानो कल-कल करते झरने के तट पर रोपा गया वृक्ष है; जिसकी जड़ें गहरे पानी में होती हैं। जब दोपहर के सूरज की प्रखर किरणें उस पर पड़ती हैं, तब वह उनकी गर्मी से नहीं मुरझाता; उसके पत्ते सदा हरे बने रहते हैं। वर्षा न होने पर भी उनको चिन्‍ता नहीं होती, क्‍योंकि वह सूखा पड़ने पर भी फलता है।


नदी के दोनों किनारों पर अनेक प्रकार के पेड़ होंगे, जो आहार के लिए फल देंगे। उनके पत्ते कभी नहीं मुरझाएंगे, और न ही उनमें फल लगना बन्‍द होगा। किन्‍तु ये पेड़ हर महीने नए फल दिया करेंगे, क्‍योंकि उनको सींचनेवाला जल पवित्र-स्‍थान से निकला है! उनके फल आहार के, और पत्ते औषधि के काम आएंगे।’


अब पेड़ों की जड़ पर कुल्‍हाड़ा लग चुका है। जो पेड़ अच्‍छा फल नहीं देता, वह काटा और आग में झोंक दिया जाएगा।


और परमेश्‍वर की महिमा तथा प्रशंसा के लिए उस धार्मिकता से परिपूर्ण होंगे, जो येशु मसीह के द्वारा ही फलती-फूलती है।


ये आपके प्रीति-भोजों के लिए कलंक-जैसे हैं, जहाँ वे बिना किसी श्रद्धा के खाते-पीते हैं। ये अपने ही भरण-पोषण को ध्‍यान में रखते हैं। ये पवन द्वारा उड़ाये हुए जलहीन बादल हैं। ये ऐसे वृक्ष हैं, जो फसल के समय पर फल नहीं देते, जो दो बार मर चुके हैं और जड़ से उखाड़े गये हैं।