प्रभु ने कहा, ‘मेरा आत्मा मनुष्य में सदा निवास न करेगा; क्योंकि मनुष्य शरीर मात्र है। उसका जीवनकाल एक सौ बीस वर्ष का होगा।’
भजन संहिता 81:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) अत: मैंने उनके हृदय के हठ पर उन्हें छोड़ दिया कि वे अपनी सम्मति के अनुसार चलें। पवित्र बाइबल इसलिए मैंने उन्हें वैसा ही करने दिया, जैसा वे करना चाहते थे। इस्राएल ने वो सब किया जो उन्हें भाता था। Hindi Holy Bible इसलिये मैं ने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) इसलिये मैं ने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले। नवीन हिंदी बाइबल इसलिए मैंने उसे उसके हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले। सरल हिन्दी बाइबल तब मैंने उसे उसी के हठीले हृदय के अधीन छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों की पूर्ति करती रहे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 इसलिए मैंने उसको उसके मन के हठ पर छोड़ दिया, कि वह अपनी ही युक्तियों के अनुसार चले। (प्रेरि. 14:16) |
प्रभु ने कहा, ‘मेरा आत्मा मनुष्य में सदा निवास न करेगा; क्योंकि मनुष्य शरीर मात्र है। उसका जीवनकाल एक सौ बीस वर्ष का होगा।’
सामरी राज्य के पतन का कारण यह है : उसने अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी को नहीं सुना, और उसके विधान का उल्लंघन किया। जो आज्ञाएं प्रभु ने अपने सेवक मूसा को दी थीं, इस्राएली लोगों ने न उनको सुना, और न उनके अनुसार कार्य किया।
‘पर तेरे सेवक मूसा के समकालीन लोगों ने, हमारे पूर्वजों ने तेरे प्रति ढिठाई की; उन्होंने अपनी गरदन टेढ़ी कर ली, और तेरी आज्ञाओं का पालन नहीं किया।
तुम्हारे पुत्रों ने परमेश्वर के प्रति पाप किया था, अत: उसने अपराध के हाथ में उन्हें सौंप दिया।
प्रभु ने मूसा से कहा, ‘फरओ तेरी बातें नहीं सुनेगा जिससे मैं मिस्र देश में अधिकाधिक आश्चर्यपूर्ण कार्य करूँ।’
प्रभु कहता है; “ओ विद्रोही पुत्रो, धिक्कार है तुम्हें! तुम योजना तो बनाते हो, परन्तु मेरी सम्मति से नहीं; तुम सन्धि तो करते हो, पर मेरे आत्मा की प्रेरणा से नहीं। यों तुम पाप पर पाप करे रहे हो।
किसने याकूब को लुटेरों के हाथ में सौंपा था? किसने इस्राएल को डाकुओं के हाथ में दे दिया था? क्या प्रभु ने ही यह कार्य नहीं किया था? क्योंकि हमने उसके प्रति पाप किया था। हम उसके बताए हुए मार्ग पर नहीं चले थे; हमने उसकी व्यवस्था का पालन नहीं किया था।
आज मैंने प्रभु परमेश्वर का वचन तुम पर प्रकट कर दिया। किन्तु तुमने अपने प्रभु परमेश्वर की वाणी अनसुनी कर दी; जो बातें तुम्हें सुनाने के लिए उसने मुझे तुम्हारे पास भेजा है, उनको तुम नहीं मानते हो।
परन्तु उन्होंने मेरी आज्ञा का पालन नहीं किया, और न ही उस पर कान दिया। वे मनचाहे मार्ग पर चलते रहे, अपने हठीले हृदय के अनुरूप दुराचरण करते रहे। उनके कदम मेरी ओर आगे नहीं बढ़े, बल्कि पीछे हट गए।
किन्तु उन्होंने मुझ से विद्रोह किया। मेरी बात नहीं सुनी। किसी ने भी मिस्र देश की घृणित मूर्तियों को अपने से दूर नहीं किया। वे उनसे चिपके रहे, और उनको नहीं छोड़ा; क्योंकि उन पर उनकी आंखें लगी थीं। ‘तब मैंने निश्चय किया कि मैं उनको दण्ड देने के लिए मिस्र देश में उन पर अपनी क्रोधाग्नि की वर्षा करूंगा।
एफ्रइम ने मेरे परमेश्वर की बात नहीं सुनी : अत: वह उसको अपने देश से निकाल देगा; वह एक राष्ट्र से दूसरे राष्ट्र में भटकता रहेगा।
तब परमेश्वर उनसे विमुख हो गया और उसने उन्हें आकाश के नक्षत्रों की उपासना करने के लिए छोड़ दिया, जैसा कि नबियों की पुस्तक में लिखा है : ‘इस्राएलियो! क्या तुम लोगों ने निर्जन प्रदेश में चालीस वर्ष तक मुझे पशु-बलि तथा अन्न-बलि चढ़ायी थी? नहीं!
इसलिए परमेश्वर ने उन्हें उनके मन की दुर्वासनाओं के अनुसार दुराचरण का शिकार होने दिया और वे एक-दूसरे के शरीर को अपवित्र करते हैं।
इस्राएली लोगों ने शमूएल की बात सुनना अस्वीकार कर दिया। उन्होंने कहा, ‘नहीं, हमें राजा ही चाहिए,