‘लौट, और मेरे निज लोगों के अगुए, राजा हिजकियाह से यह कह : “तेरे पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, और तेरे आंसू देखे। देख, मैं तुझे स्वस्थ करूंगा। तू तीसरे दिन मेरे भवन को जाएगा।
भजन संहिता 56:8 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) तूने मेरे मारे-मारे फिरने का विवरण रखा है; हे परमेश्वर, मेरे आंसुओं को अपने पात्र में रखना। निस्सन्देह वे तेरी पुस्तक में लिखे हुए हैं। पवित्र बाइबल तू यह जानता है कि मैं बहुत व्याकुल हूँ। तू यह जानता है कि मैंने तुझे कितना पुकारा है तूने निश्चय ही मेरे सब आँसुओं का लेखा जोखा रखा हुआ है। Hindi Holy Bible तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आंसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू मेरे मारे मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? नवीन हिंदी बाइबल तूने मेरे भटकते फिरने का हिसाब रखा है। मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले; क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? सरल हिन्दी बाइबल आपने मेरे भटकने का लेखा रखा है; आपने मेरे आंसू अपनी कुप्पी में जमा कर रखें हैं. आपने इनका लेखा भी अपनी पुस्तक में रखा है? इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू मेरे मारे-मारे फिरने का हिसाब रखता है; तू मेरे आँसुओं को अपनी कुप्पी में रख ले! क्या उनकी चर्चा तेरी पुस्तक में नहीं है? |
‘लौट, और मेरे निज लोगों के अगुए, राजा हिजकियाह से यह कह : “तेरे पूर्वज दाऊद का प्रभु परमेश्वर यों कहता है : मैंने तेरी प्रार्थना सुनी, और तेरे आंसू देखे। देख, मैं तुझे स्वस्थ करूंगा। तू तीसरे दिन मेरे भवन को जाएगा।
तेरी आंखों ने मेरे भ्रूण को देखा; तेरी पुस्तक में सब कुछ लिखा था, दिन भी रचे गये थे, जब वे दिन अस्तित्व में नहीं थे।
“ हे प्रभु, मेरी प्रार्थना सुन, मेरी दुहाई पर ध्यान दे। मेरे आंसुओं के प्रति उदासीन न हो। मैं कुछ समय के लिए तेरा अतिथि हूँ; मैं अपने पूर्वजों के समान प्रवासी हूँ।
प्रभु, तू जानता है कि उन्होंने मेरी हत्या का षड्यन्त्र रचा है। तू उनका यह दुष्कर्म क्षमा मत करना। अपनी दृष्टि से उनका पाप मत मिटाना। प्रभु वे तेरे सामने ही लड़खड़ा कर गिरें; जब तेरी क्रोधाग्नि भड़क उठे, तब तू उनको उनके षड्यन्त्र का फल देना।
जो प्रभु के प्रति श्रद्धा-भक्ति रखते थे, उन्होंने आपस में बात की। प्रभु ने ध्यान दिया, उनकी बात सुनी। उसके सम्मुख एक स्मरण-पुस्तिका लिखी गई। इसमें उन लोगों के नाम लिखे गए, जो प्रभु का चिंतन करते थे।
मैं बारम्बार यात्रा करता रहा। मुझे नदियों के खतरे, यहूदियों के खतरे, गैर-यहूदियों के खतरे, नगरों के खतरे, निर्जन स्थानों के खतरे, समुद्र के खतरे और कपटी भाइयों के खतरे का।
प्रतिज्ञा का फल पाये बिना ये सब विश्वास करते हुए मर गये। परन्तु उन्होंने उसको दूर से देखा और उसका स्वागत किया। वे अपने को पृथ्वी पर परदेशी तथा प्रवासी मानते थे।
संसार उनके योग्य नहीं था। उन्हें उजाड़ स्थानों, पहाड़ी प्रदेशों, गुफाओं और धरती के गड्ढों की शरण लेनी पड़ी।
विश्वास के कारण अब्राहम ने परमेश्वर का बुलावा स्वीकार किया कि वह उस देश को जाएं जिसको वह विरासत में प्राप्त करने वाले थे। अब्राहम यह न जानते हुए भी कि वह कहाँ जा रहे हैं, उन्होंने उस देश के लिए प्रस्थान किया।
मैंने छोटे-बड़े, सब मृतकों को सिंहासन के सामने खड़ा देखा। पुस्तकें खोली गयीं। तब एक अन्य पुस्तक-अर्थात जीवन-ग्रन्थ खोला गया। पुस्तकों में लिखी हुई बातों के आधार पर मृतकों का उनके कर्मों के अनुसार न्याय किया गया।
क्योंकि सिहासन के सामने विद्यमान मेमना इनका चरवाहा होगा और इन्हें संजीवन जल के स्रोतों के पास ले जाएगा। और परमेश्वर इनकी आंखों से सब आँसू पोंछ डालेगा।”
दाऊद भागा, और वह बच गया। वह रामाह नगर में शमूएल के पास आया। जो कुछ शाऊल ने उसके साथ किया था, वह उसने शमूएल को बता दिया। तब दाऊद और शमूएल रामाह के नायोत मुहल्ले को चले गए, और वहां रहने लगे।
दाऊद ने अपने हृदय में कहा, ‘एक दिन शाऊल के हाथ से मेरा वध अवश्य होगा। इसलिए मेरा हित इस बात में है कि मैं पलिश्ती देश को भाग जाऊं। तब शाऊल इस्राएली राष्ट्र की सीमा के भीतर मेरी खोज करना बन्द कर देगा। मैं उसके हाथ से बच निकलूंगा।’