अतएव एलियाह राजा अहाब के सम्मुख स्वयं को प्रकट करने के लिए गए। उस समय सामरी नगर में भयंकर अकाल था।
भजन संहिता 56:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) शत्रु निरन्तर मेरे कार्यों में अड़ंगा लगाते हैं; उनके समस्त विचार मेरे विरुद्ध बुराई के लिए हैं। पवित्र बाइबल मेरे शत्रु सदा मेरे शब्दों को तोड़ते मरोड़ते रहते हैं। मेरे विरूद्ध वे सदा कुचक्र रचते रहते हैं। Hindi Holy Bible वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं उनकी सारी कल्पनाएं मेरी ही बुराई करने की होती है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं; उनकी सारी कल्पनाएँ मेरी ही बुराई करने की होती हैं। नवीन हिंदी बाइबल वे दिन भर मेरे वचन को तोड़ते-मरोड़ते रहते हैं। उनके सारे विचार मेरी हानि के लिए ही होते हैं। सरल हिन्दी बाइबल दिन भर मेरे वचन को उलटा कर प्रसारित किया जाता है; मेरी हानि की युक्तियां सोचना उनकी दिनचर्या हो गई है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 वे दिन भर मेरे वचनों को, उलटा अर्थ लगा लगाकर मरोड़ते रहते हैं; उनकी सारी कल्पनाएँ मेरी ही बुराई करने की होती है। |
अतएव एलियाह राजा अहाब के सम्मुख स्वयं को प्रकट करने के लिए गए। उस समय सामरी नगर में भयंकर अकाल था।
जो मुझ से घृणा करते हैं, वे सब मिलकर मेरे विरुद्ध कानाफूसी करते हैं। वे मेरे अनिष्ट का उपाय करते हैं।
जो अपनी सम्पत्ति पर भरोसा रखते हैं, और अपने अपार धन पर अहंकार करते हैं, तब क्यों मैं भयभीत होऊं?
यहूदा प्रदेश की जनता और यरूशलेम के निवासियों ने आपस में कहा, ‘आओ, हम यिर्मयाह के विरुद्ध षड्यन्त्र रचें; क्योंकि यिर्मयाह के न रहने से पुरोहितों की व्यवस्था समाप्त नहीं हो जाएगी, और न बुद्धिमान आचार्यों के बुद्धिमत्तापूर्ण परामर्श, और न ही नबियों की नबूवत। आओ हम झूठे आरोप में यिर्मयाह को पकड़ें और मार डालें। अच्छा हो कि हम उसकी बात पर ध्यान न दें।’
उस समय फरीसियों ने जा कर आपस में परामर्श किया कि हम किस प्रकार येशु को उनकी अपनी बात के फन्दे में फँसाएँ।
“इस व्यक्ति ने कहा था, ‘मैं परमेश्वर का मन्दिर ढा सकता हूँ और तीन दिनों में उसे फिर बना सकता हूँ।”
येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “इस मन्दिर को ढा दो और मैं इसे तीन दिन में फिर खड़ा कर दूँगा।”
वह अपने सब पत्रों में ऐसा ही करते हैं, जहाँ वह इन बातों की चर्चा करते हैं। उन पत्रों में कुछ ऐसी बातें हैं, जो कठिनाई से समझ में आती हैं। आशििक्षत और चंचल लोग धर्मग्रन्थ की अन्य बातों की भाँति उनका भी गलत अर्थ लगाते और इस प्रकार अपना सत्यानश करते हैं।
एक दिन शाऊल ने दाऊद से कहा, ‘देखो, यह मेरी बड़ी पुत्री मेरब है। मैं इसका विवाह तुम्हारे साथ कर दूंगा। पर शर्त यह है कि तुम्हें मेरे लिए शौर्य का प्रदर्शन करना होगा कि तुम शूरवीर हो। तुम्हें प्रभु के युद्ध लड़ने होंगे।’ शाऊल हृदय में यह कहता था, ‘अच्छा हो कि दाऊद पलिश्तियों के हाथ से मारा जाए, मेरे हाथ से नहीं।’
शाऊल ने विचार किया, ‘मैं दाऊद के साथ मीकल का विवाह कर दूंगा। परन्तु वह दाऊद के लिए एक फन्दा बन जाएगी और पलिश्ती उस पर प्रहार करने के लिए हाथ उठाएंगे।’ अत: उसने दाऊद से दूसरी बार यह कहा, ‘तुम मेरे दामाद बनोगे।’
किन्तु शाऊल ने उस पर प्रहार करने के लिए अपना भाला उसकी ओर फेंका। तब योनातन को ज्ञात हुआ कि उसका पिता दाऊद का वध करने का निश्चय कर चुका है।
यदि तुम्हारे पिता यह उत्तर देंगे : “अच्छा!” तो तुम्हारे इस सेवक का भला होगा। परन्तु यदि वह तुम्हारी बात सुनकर नाराज होंगे, तो तुम जान लेना कि वह मेरा अनिष्ट करने का निश्चय कर चुके हैं।