निस्सन्देह तूने उसे सदा के लिए आशिष का स्रोत बनाया है। अपनी उपस्थिति के परमानन्द से तू उसे सुखी करता है।
भजन संहिता 45:2 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) आप पुरुषों में सर्वसुन्दर हैं। आपके ओंठों से माधुर्य टपकता है। अत: परमेश्वर ने युग-युगांत आपको आशिष दी है। पवित्र बाइबल तू किसी भी और से सुन्दर है! तू अति उत्तम वक्ता है। सो तुझे परमेश्वर आशीष देगा! Hindi Holy Bible तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; तेरे ओठों में अनुग्रह भरा हुआ है; इसलिये परमेश्वर ने तुझे सदा के लिये आशीष दी है। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) तू मनुष्यों की सन्तानों में परम सुन्दर है; तेरे ओठों में अनुग्रह भरा हुआ है; इसलिये परमेश्वर ने तुझे सदा के लिये आशीष दी है। नवीन हिंदी बाइबल मनुष्यों की संतानों में तू अति सुंदर है, तेरे होंठ अनुग्रह से परिपूर्ण हैं; इसलिए परमेश्वर ने तुझे सदा-सर्वदा के लिए आशिष दी है। सरल हिन्दी बाइबल आप ही पुरुषों में सर्वश्रेष्ठ हैं, आपके होंठों में अनुग्रह भरा होता है, क्योंकि स्वयं परमेश्वर द्वारा आपको सदैव के लिए आशीषित किया गया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 तू मनुष्य की सन्तानों में परम सुन्दर है; तेरे होठों में अनुग्रह भरा हुआ है; इसलिए परमेश्वर ने तुझे सदा के लिये आशीष दी है। (लूका 4:22, इब्रा. 1:3,4) |
निस्सन्देह तूने उसे सदा के लिए आशिष का स्रोत बनाया है। अपनी उपस्थिति के परमानन्द से तू उसे सुखी करता है।
जो मनुष्य अपने हृदय को शुद्ध रखना पसन्द करता है; जिसकी बातों में मिठास होती है, राजा उसको अपना मित्र बनाता है।
‘जैसे वन-वृक्षों में सेब, वैसे ही मेरा प्रिय युवकों में है। मैं उसकी छाया में हर्षित होकर बैठ गई, उसके प्रेम-फल का स्वाद कितना मीठा है।
तेरी आंखें राजा को उसके वैभव में देखेंगी; तू अपने देश को देखेगा, जिसकी सीमाएं दूर-दूर तक फैली हुई होंगी।
स्वामी-प्रभु ने मुझे शििक्षत जन की वाणी दी है ताकि मैं थके-मांदे लोगों को शांति के वचन बोलकर संभाल सकूं। वह प्रतिदिन सबेरे मुझे जगाता है; मेरे कान खोलता है, जिससे मैं शिष्य की तरह ध्यान दे सकूं।
प्रभु का आत्मा मुझ पर है; क्योंकि उसने पीड़ित व्यक्तियों को शुभ-सन्देश सुनाने के लिए मेरा अभिषेक किया है; स्वामी प्रभु ने मुझे इस कार्य के लिए भेजा है कि मैं घायल हृदयवालों को स्वस्थ करूं, बन्दियों को स्वतंत्रता का सन्देश सुनाऊं, और जो कारागार में हैं उनके लिए कारागार के द्वार खोल दूं।
वह दिन कितना भला और सुन्दर होगा, युवा भरपेट भोजन करेंगे, और युवतियां नव अंगूर-रस से तृप्त होंगी।
वहाँ उनके सामने येशु का रूपान्तरण हो गया। उनका मुखमण्डल सूर्य की तरह दमक उठा और उनके वस्त्र प्रकाश के समान उज्ज्वल हो गये।
सब लोगों ने उनकी प्रशंसा की। वे उनके मुख से निकले अनुग्रहपूर्ण शब्द सुन कर अचम्भे में पड़ गए, और पूछने लगे, “क्या यह यूसुफ के पुत्र नहीं हैं?”
शब्द ने देह धारण कर हमारे बीच निवास किया। हम ने उसकी ऐसी महिमा देखी जैसी पिता के एकलौते पुत्र की महिमा, जो अनुग्रह और सत्य से परिपूर्ण है।
यह उचित ही था कि हमें इस प्रकार के महापुरोहित मिलें, जो पवित्र, निर्दोष, निष्कलंक, पापियों से सर्वथा भिन्न और स्वर्ग से भी उच्चतर हों।