भजन संहिता 39:6 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) निस्सन्देह मनुष्य छाया जैसा चलता-फिरता प्राणी है। निस्सन्देह वह व्यर्थ ही उत्तोजित है; मनुष्य धन का ढेर तो लगाता है, पर नहीं जानता कि कौन उसे भोगेगा। पवित्र बाइबल वह जीवन जिसको हम लोग जीते हैं, वह झूठी छाया भर होता है। जीवन की सारी भाग दौड़ निरर्थक होती है। हम तो बस व्यर्थ ही चिन्ताएँ पालते हैं। धन दौलत, वस्तुएँ हम जोड़ते रहते हैं, किन्तु नहीं जानते उन्हें कौन भोगेगा। Hindi Holy Bible सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा! नवीन हिंदी बाइबल निश्चय हर मनुष्य छाया के समान चलता-फिरता है; सचमुच लोग व्यर्थ ही घबराते हैं। मनुष्य धन का संचय तो करता है पर नहीं जानता कि उसे कौन लेगा। सरल हिन्दी बाइबल “एक छाया के समान, जो चलती-फिरती रहती है; उसकी सारी भाग दौड़ निरर्थक ही होती है. वह धन संचित करता जाता है, किंतु उसे यह ज्ञात ही नहीं होता, कि उसका उपभोग कौन करेगा. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 सचमुच मनुष्य छाया सा चलता फिरता है; सचमुच वे व्यर्थ घबराते हैं; वह धन का संचय तो करता है परन्तु नहीं जानता कि उसे कौन लेगा! |
मुझे अपने जीवन से घृणा है; मैं चिरकाल तक जीवित रहना नहीं चाहता। मुझे अकेला छोड़ दे; क्योंकि मेरा जीवन हवा का झोंका है।
‘हे परमेश्वर, स्मरण कर कि मेरा जीवन हवा का एक झोंका है। मेरी आँखें अब अच्छे दिन नहीं देखेंगी।
तुम व्यर्थ ही तड़के उठते, और देर से सोते हो, तुम व्यर्थ ही कठोर परिश्रम की रोटी खाते हो, क्योंकि प्रभु ही अपने प्रियजनों को नींद प्रदान करता है।
ऐसा कौन मनुष्य है, जो सदा जीवित रहे, और मृत्यु को न देखे? कौन मनुष्य मृतकलोक के हाथ से अपने प्राण छुड़ा सकता है? सेलाह
सज्जन अपने वंश के लिए पैतृक सम्पत्ति छोड़ जाता है; किन्तु पापी का धन धार्मिक मनुष्य के हाथ लगता है।
धन-सम्पत्ति चंचल होती है, पलक झपकते वह हाथ से निकल जाती है; मानो उसको पंख उग आते हैं, और वह गरुड़ के समान तीव्र गति से आकाश की ओर उड़ जाती है।
क्योंकि नकदी रुपया-पैसा सदा टिकता नहीं, और न मनुष्य का गौरव पीढ़ी से पीढ़ी तक बना रहता है।
जो कुछ सूर्य के नीचे धरती पर होता है, वह सब मैंने देखा है। मुझे अनुभव हुआ कि यह सब निस्सार है− यह मानो हवा को पकड़ना है।
ओ तरुण! अपने हृदय से परेशानी को निकाल दे, शरीर में दर्द न होने दे; क्योंकि तेरी तरुणाई, जीवन की यह उषा, व्यर्थ है।
जो कुछ तुमने सुना, उसका सार यह है : तुम परमेश्वर पर श्रद्धा रखो, और उसकी आज्ञाओं का पालन करो; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण धर्म यही है।
जिस मनुष्य से परमेश्वर प्रसन्न होता है वह उसी को बुद्धि, ज्ञान और आनन्द प्रदान करता है। पापी मनुष्य से परमेश्वर कठोर परिश्रम कराता है। पापी मनुष्य परमेश्वर के प्रिय व्यक्ति के लिए धन एकत्र करता और उसको संचित करता है। अत: यह भी व्यर्थ है, यह मानो हवा को पकड़ना है।
इनके अतिरिक्त मैंने राजाओं और प्रदेशों का सोना, चांदी और धन भी अपने पास इकट्ठा कर रखा था। मेरे दरबार में अनेक गायिकाएँ और गायक थे। मेरे पास पुरुष का दिल बहलानेवाली अनेक रखेल स्त्रियाँ भी थीं।
यदि उसका धन सट्टेबाजी में उड़ जाता है, और यदि उसके घर में पुत्र जन्म लेता है तो उसके हाथ में कुछ नहीं बचता।
जो भोजन नहीं है, उस पर पैसा क्यों खर्च करते हो? जिससे सन्तोष नहीं मिलता, उसके लिए परिश्रम क्यों करते हो? ध्यान से मेरी बात सुनो! तब तुम्हें खाने को उत्तम वस्तु प्राप्त होगी, और तुम स्वादिष्ट व्यंजन खाकर तृप्त होगे।
जो इस संसार की चीजों का उपभोग करते हैं, वे ऐसे करें मानो उनका उपभोग नहीं करते हैं; क्योंकि संसार का वर्तमान रूप लुप्त होता जा रहा है।
तुम नहीं जानते कि कल तुम्हारा क्या हाल होगा। तुम्हारा जीवन एक कुहरा मात्र है-वह एक क्षण दिखाई दे कर लुप्त हो जाता है।
तुम्हारे सोना-चाँदी पर मोरचा जम गया है। वह मोरचा तुम्हारे विरुद्ध साक्षी देगा; वह आग की तरह तुम्हारा शरीर खा जायेगा। यह युग का अन्त है और तुम लोगों ने धन का ढेर लगा लिया है।
क्योंकि धर्मग्रन्थ में लिखा है- “समस्त शरीरधारी घास के सदृश हैं और उनका सौन्दर्य घास के फूल की तरह। घास मुरझाती है और फूल झड़ता है,