भजन संहिता 37:23 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) प्रभु के द्वारा मनुष्य के पग स्थिर होते हैं, उसके आचरण से प्रभु प्रसन्न होता है। पवित्र बाइबल यहोवा, सैनिक की सावधानी से चलने में सहायता करता है। और वह उसको पतन से बचाता है। Hindi Holy Bible मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; नवीन हिंदी बाइबल धर्मी मनुष्य के कदम यहोवा दृढ़ करता है, और वह उसके चलन से प्रसन्न होता है। सरल हिन्दी बाइबल जिस पुरुष के कदम याहवेह द्वारा नियोजित किए जाते हैं, उसके आचरण से याहवेह प्रसन्न होते हैं; इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मनुष्य की गति यहोवा की ओर से दृढ़ होती है, और उसके चलन से वह प्रसन्न रहता है; |
प्रभु ने मुझे अंध-कूप से, कीच-दलदल से ऊपर खींचा है; उसने मेरे पैर चट्टान पर दृढ़ किए हैं; मेरे कदमों को स्थिर किया है।
प्रभु ने मुझे एक नया गीत सिखाया है, कि हम अपने परमेश्वर की स्तुति में गाएं! अनेक जन यह देखकर भयभीत होंगे; और वे प्रभु पर भरोसा करेंगे।
प्रभु उन व्यापारियों से घृणा करता है जो झूठे नाप-तौल रखते हैं; पर वह सच्चे, खरे बाट से प्रसन्न होता है।
जिसके हृदय में कुटिलता निवास करती है, उससे प्रभु घृणा करता है; पर वह निष्कपट मार्ग पर चलनेवाले से प्रसन्न होता है।
मनुष्य मन में अपना मार्ग तो निश्चित करता है पर उस पर चलना, यह प्रभु के हाथ में होता है।
हे प्रभु, मैं यह जानता हूं कि मनुष्य का आचरण उसके वश में नहीं है; मनुष्य के कदम उसकी इच्छा से नहीं उठते।
किन्तु यदि कोई मनुष्य किसी बात पर घमण्ड करना चाहता है तो उसे इस बात पर घमण्ड करना चाहिए कि वह मुझे जानता है, उसको मेरे विषय मे यह समझ है कि मैं पृथ्वी पर दया, न्याय और धर्म की स्थापना करनेवाला प्रभु हूं; और मैं इन्हीं बातों से प्रसन्न होता हूं,’ प्रभु की यह वाणी है।
आप लोग परोपकार और एक दूसरे की सहायता करना कभी नहीं भूलें, क्योंकि इस प्रकार की बलि परमेश्वर को प्रिय है।
‘अपने भक्तों के कदमों की रक्षा प्रभु करता है; किन्तु अन्धकार में दुर्जन चुप किए जाएँगे; क्योंकि मनुष्य केवल अपने बाहु-बल से प्रबल नहीं होता है।
इसलिए अब तुम और तुम्हारे साथ आए हुए सैनिक बड़े सबेरे सोकर उठें, और जो स्थान मैंने तुम्हारे लिए निर्धारित किया है वहां पौ फटते ही चले जाएं।’