प्रभु, तेरी व्यवस्था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्हें कोई बाधा नहीं होती।
भजन संहिता 37:11 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) दीन-गरीब लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, वे अपार समृद्धि में आनन्द करेंगे। पवित्र बाइबल नम्र लोग वह धरती पाएंगे जिसे परमेश्वर ने देने का वचन दिया है। वे शांति का आनन्द लेंगे। Hindi Holy Bible परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएंगे। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएँगे। नवीन हिंदी बाइबल परंतु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शांति के कारण आनंदित होंगे। सरल हिन्दी बाइबल किंतु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, वे बड़ी समृद्धि में आनंदित रहेंगे. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 परन्तु नम्र लोग पृथ्वी के अधिकारी होंगे, और बड़ी शान्ति के कारण आनन्द मनाएँगे। (मत्ती 5:5) |
प्रभु, तेरी व्यवस्था के प्रेमियों को अपार शांति मिलती है, उन्हें कोई बाधा नहीं होती।
वे तेरे घर के विभिन्न व्यंजनों से तृप्त होते हैं। तू उन्हें अपनी सुख-सरिता से जल पिलाता है।
प्रभु! जो व्यक्ति अपने मन को सदा तुझ में लीन रखता है, उसको तू पूर्ण शान्त जीवन प्रदान करता है, क्योंकि वह तुझ पर भरोसा रखता है।”
भला होता कि तू मेरी आज्ञाओं को ध्यान से सुनता, तब नदी के बहते जल की तरह, तेरा कल्याण होता, सागर की लहरों की तरह तेरी धार्मिकता होती।
जब तू दुहाई देगी, तब तेरी ये मूर्तियां, जिनका अम्बार तूने लगा रखा है, तुझे बचाएं। हवा उन्हें उड़ा ले जाएगी, वे एक ही फूंक में उड़ जाएंगी। परन्तु जो मनुष्य मेरी शरण में आएगा, वह इस देश पर अधिकार करेगा, वह मेरे पवित्र पर्वत का अधिकारी होगा।
“शान्ति मैं तुम को दिए जाता हूँ। अपनी शान्ति मैं तुम्हें प्रदान करता हूँ− जैसे संसार देता वैसे मैं तुम्हें नहीं देता। तुम्हारा मन व्याकुल और भयभीत न हो।
जिस मार्ग पर चलने की आज्ञा तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने दी है, तुम उस पर चलना। तब तुम जीवित रहोगे, तुम्हारा भला होगा, और जिस देश पर तुम अधिकार करने जा रहे हो, उसमें तुम बहुत दिन तक जीवित रह सकोगे।
और परमेश्वर की शान्ति, जो हमारी समझ से परे है, आपके हृदय और विचारों को येशु मसीह में सुरक्षित रखेगी।
परमेश्वर का सेवक होने के नाते तुम इन सब बातों से अलग रह कर धार्मिकता, भक्ति, विश्वास, प्रेम, धैर्य तथा विनम्रता की साधना करो।
इसलिए आप लोग हर प्रकार की मलिनता और समस्त बुराई को दूर कर नम्रतापूर्वक परमेश्वर का वह वचन ग्रहण करें, जो आप में रोपा गया है और आपकी आत्मा का उद्धार करने में समर्थ है।
आप लोगों में जो ज्ञानी और समझदार होने का दावा करता है, वह अपने सदाचरण द्वारा, अपने नम्र तथा बुद्धिमान व्यवहार द्वारा इस बात का प्रमाण दे।