मेरी समस्त बुराइयों से मुझे मुक्त करने वाला दूत, इन बच्चों को आशिष दे। इनके माध्यम से मेरा और मेरे पूर्वजों, अब्राहम और इसहाक का नाम चले, ये महान बनें, और पृथ्वी पर असंख्य हों।’
भजन संहिता 31:5 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे प्रभु! सच्चे परमेश्वर, तूने मेरा उद्धार किया है। पवित्र बाइबल हे परमेश्वर यहोवा, मैं तो तुझ पर भरोसा कर सकता हूँ। मैं मेरा जीवन तेरे हाथ में सौपता हूँ। मेरी रक्षा कर! Hindi Holy Bible मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूं; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है॥ पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूँ; हे यहोवा, हे सत्यवादी ईश्वर, तू ने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है। नवीन हिंदी बाइबल मैं अपनी आत्मा तेरे हाथ में सौंपता हूँ; हे यहोवा, सत्य के परमेश्वर, तूने मुझे दाम देकर छुड़ा लिया है। सरल हिन्दी बाइबल अपनी आत्मा मैं आपके हाथों में सौंप रहा हूं; याहवेह, सत्य के परमेश्वर, आपने ही मुझे मुक्त किया है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथ में सौंप देता हूँ; हे यहोवा, हे विश्वासयोग्य परमेश्वर, तूने मुझे मोल लेकर मुक्त किया है। (लूका 23:46, प्रेरि. 7:59, 1 पत. 4:19) |
मेरी समस्त बुराइयों से मुझे मुक्त करने वाला दूत, इन बच्चों को आशिष दे। इनके माध्यम से मेरा और मेरे पूर्वजों, अब्राहम और इसहाक का नाम चले, ये महान बनें, और पृथ्वी पर असंख्य हों।’
जब मैं तेरा स्तुतिगान करूंगा, तब मेरे ओंठ, मेरे प्राण जिनका तूने उद्धार किया है, जयजयकार करेंगे।
क्या कारण है कि जब मैं आया तब वहां कोई मनुष्य नहीं था? जब मैं ने पुकारा तब क्यों मुझे उत्तर देनेवाला वहाँ नहीं था? क्या मेरा हाथ इतना छोटा हो गया कि वह छुड़ा नहीं सकता? क्या मुझ में उद्धार करने की शक्ति नहीं रही? देखो, मैं अपनी डांट से समुद्र को सुखा देता हूं, मैं नदियों को मरुस्थल बना देता हूं। उनकी मछलियाँ जल के अभाव में प्यास से तड़प कर मर जाती हैं, और बसाती हैं।
तो उसके विक्रय के पश्चात् उसे मूल्य देकर मुक्त किया जा सकेगा। उसके भाइयों में से कोई भी भाई मूल्य देकर उसे मुक्त कर सकता है
येशु ने ऊंचे स्वर से पुकार कर कहा, “पिता! मैं अपनी आत्मा को तेरे हाथों में सौंपता हूँ”, और यह कह कर उन्होंने प्राण त्याग दिये।
जब लोग स्तीफनुस पर पत्थर मार रहे थे, तो उसने यह प्रार्थना की, “प्रभु येशु! मेरी आत्मा को ग्रहण कर!’
‘प्रभु चट्टान है। उसका शासन-कार्य सिद्ध है; क्योंकि उसके समस्त मार्ग न्यायपूर्ण हैं। वह सच्चा परमेश्वर है, उसमें पक्षपात नहीं, वह निष्पक्ष न्यायी और निष्कपट है।
इस कारण मैं यहाँ यह कष्ट सह रहा हूँ, किन्तु मैं इस से लज्जित नहीं हूँ; क्योंकि मैं जानता हूँ कि मैंने किस पर भरोसा रखा है। मुझे निश्चय है कि वह मुझे सौंपी हुई निधि को उस दिन तक सुरक्षित रखने में समर्थ है।
यदि हम विश्वास न करें, तो भी वह विश्वसनीय बने रहते हैं; क्योंकि वह अपने स्वभाव के विरुद्ध नहीं जा सकते।”
और शाश्वत जीवन की आशा का आधार है। सत्यवादी परमेश्वर ने अनादि काल से इस जीवन की प्रतिज्ञा की थी।
येशु ने हमारे लिए अपने को बलि चढ़ाया, जिससे वह हमें हर प्रकार की बुराई से मुक्त करें और हमें एक ऐसी प्रजा बनायें, जो शुद्ध हो, जो उनकी अपनी हो और जो भलाई करने के लिए उत्सुक हो।
वह इन दो अपरिवर्तनीय कार्यों, अर्थात् प्रतिज्ञा और शपथ में, झूठा प्रमाणित नहीं हो सकता। इस से हमें, जिन्होंने परमेश्वर की शरण ली है, यह प्रबल प्रेरणा मिलती है कि हमें जो आशा दिलायी गयी है, हम उसे धारण किये रहें।
वे यह कहते हुए एक नया गीत गा रहे थे : “तू पुस्तक ग्रहण कर उसकी मोहरें खोलने योग्य है, क्योंकि तू वध किया गया था। और तूने अपना रक्त बहा कर परमेश्वर के लिए प्रत्येक कुल, भाषा, प्रजाति और राष्ट्र से मनुष्यों को ख़रीद लिया।