तब दाऊद ने समस्त धर्मसभा के सम्मुख प्रभु को धन्यवाद दिया। दाऊद ने कहा, ‘हे प्रभु, हमारे पूर्वज इस्राएल के प्रभु परमेश्वर! तू युग-युगान्त धन्य है।
भजन संहिता 22:26 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) विनम्र व्यक्ति भोजन कर तृप्त होंगे, प्रभु को खोजने वाले प्रभु की स्तुति करेंगे। उनका हृदय सदा धड़कता रहे! पवित्र बाइबल दीन जन भोजन पायेंगे और सन्तुष्ट होंगे। तुम लोग जो उसे खोजते हुए आते हो उसकी स्तुति करो। मन तुम्हारे सदा सदा को आनन्द से भर जायें। Hindi Holy Bible नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें। नवीन हिंदी बाइबल दीन लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे हृदय सदा प्रफुल्लित रहें। सरल हिन्दी बाइबल नम्र पुरुष भोजन कर तृप्त हो जाएगा; जो याहवेह के खोजी हैं, वे उनका स्तवन करेंगे. सर्वदा सजीव रहे तुम्हारा हृदय! इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नम्र लोग भोजन करके तृप्त होंगे; जो यहोवा के खोजी हैं, वे उसकी स्तुति करेंगे। तुम्हारे प्राण सर्वदा जीवित रहें! |
तब दाऊद ने समस्त धर्मसभा के सम्मुख प्रभु को धन्यवाद दिया। दाऊद ने कहा, ‘हे प्रभु, हमारे पूर्वज इस्राएल के प्रभु परमेश्वर! तू युग-युगान्त धन्य है।
प्रभु प्यासे प्राण को तृप्त करता है, वह भूखे व्यक्ति को भली वस्तु से सन्तुष्ट करता है।
प्रभु की प्रजा के समक्ष, प्रभु के घर के आंगन में, ओ यरूशलेम, तेरे मध्य मैं प्रभु के प्रति अपनी समस्त मन्नतें पूरी करूंगा। प्रभु की स्तुति करो!
मैंने तेरी मुक्तिप्रद सहायता को अपने हृदय में गुप्त नहीं रखा; वरन् तेरे सत्य और उद्धार को घोषित किया। मैंने आराधकों की महासभा से तेरी करुणा और सच्चाई को नहीं छिपाया।
परन्तु वे लोग जो तेरी खोज करते हैं, तुझ में हर्षित और आनन्दित हों। जो तेरे उद्धार से प्रेम करते हैं, वे निरन्तर यह कहते रहें, “प्रभु महान है।”
मुझे-अपने परमेश्वर को ‘स्तुति बलि’ चढ़ा; और सर्वोच्च प्रभु के लिए अपने व्रत पूर्ण कर।
पीड़ित जन इसे देखकर सुखी हों; ओ परमेश्वर के खोजियो, तुम्हारे हृदय को नया बल प्राप्त हो!
स्वर्गिक सेनाओं का प्रभु सियोन पर्वत पर सब जातियों के लिए महाभोज तैयार करेगा, जिस में छप्पन व्यंजन, शुद्ध किया हुआ अंगूर का रस होगा; जिसमें स्निग्ध भोजन, और पुराने अंगूर रस के पेय होंगे।
अत: स्वामी-प्रभु यों कहता है : ‘मेरे सेवकों को भोजन प्राप्त होगा, पर तुम भूखे मरोगे; मेरे सेवक पेय पीएंगे; लेकिन तुम प्यासे रहोगे। मेरे सेवक आनन्द-मग्न होंगे; पर तुम विलाप करोगे।
किन्तु जो मेरा दिया हुआ जल पीता है, उसे फिर कभी प्यास नहीं लगेगी। जो जल मैं उसे प्रदान करूँगा, वह उस में जल-स्रोत बन जाएगा, जो शाश्वत जीवन तक उमड़ता रहेगा।”