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भजन संहिता 19:12 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

अपनी भूलों का ज्ञान किसे हो सकता है? तू प्रभु, मुझे गुप्‍त दोषों से मुक्‍त कर।

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पवित्र बाइबल

हे यहोवा, अपने सभी दोषों को कोई नहीं देख पाता है। इसलिए तू मुझे उन पापों से बचा जो एकांत में छुप कर किये जाते हैं।

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Hindi Holy Bible

अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्‍त पापों से तू मुझे पवित्र कर।

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नवीन हिंदी बाइबल

अपनी भूल को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्‍त पापों से मुझे शुद्ध कर।

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सरल हिन्दी बाइबल

अपनी भूल-चूक का ज्ञान किसे होता है? अज्ञानता में किए गए मेरे पापों को क्षमा कर दीजिए.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

अपनी गलतियों को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर।

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भजन संहिता 19:12
19 क्रॉस रेफरेंस  

‘मित्रो, मुझे बताओ कि मेरी भूल क्‍या है। तब मैं चुप रहूंगा; मुझे समझाओ कि मैंने किस बात में गलती की है।


तू मेरा उठना और बैठना जानता है, तू दूर से ही मेरे विचार समझ लेता है।


प्रभु, यह ज्ञान मेरे लिए अद्भुत है, बहुत गहरा है, उस तक मैं नहीं पहुंच सकता।


असंख्‍य बुराइयों ने मेरे विरुद्ध घेरा डाला है, कुकर्मों ने मुझे दबा दिया है। अत: मैं दृष्‍टि ऊपर उठाने में असमर्थ हूँ। कुकर्म मेरे सिर के बालों से कहीं अधिक हैं। मेरा हृदय हताश हो गया है।


मेरे अधर्म से मुझे पूर्णत: धो, मेरे पाप से मुझे शुद्ध कर।


अधर्म के कार्य हम पर प्रबल हो गए हैं; पर तू ही हमारे अपराधों को क्षमा करता है।


तूने अपने सम्‍मुख हमारे अधर्म के कार्यों को, अपने मुख की ज्‍योति में हमारे गुप्‍त पापों को रखा है।


प्रभु ने मूसा से कहा, ‘मेरे पास पहाड़ पर चढ़कर आ, और वहाँ मेरी प्रतीक्षा कर। मैं तुझे पत्‍थर की पट्टियाँ दूंगा, जिन पर मैंने लोगों की शिक्षा के लिए व्‍यवस्‍था तथा आज्ञाएँ लिखी हैं।’


जो मनुष्‍य परमेश्‍वर के वचन को तुच्‍छ समझता है, वह स्‍वयं अपने विनाश का कारण बनता है! पर प्रभु की आज्ञाओं का आदर करनेवाला पुरस्‍कार पाएगा!


हम-सब अशुद्ध व्यक्‍ति के समान हो गए हैं, हमारे सब धर्म-कर्म गन्‍दे वस्‍त्र हो गए हैं। हम-सब पत्ते के सदृश मुरझा जाते हैं। हमारे दुष्‍कर्म हवा की तरह हमें उड़ा ले जाते हैं।


‘मनुष्‍य का हृदय छल-कपट से भरा होता है, निस्‍सन्‍देह वह सब से अधिक भ्रष्‍ट होता है। मनुष्‍य के हृदय को कौन समझ सकता है?


मैं अपने में कोई दोष नहीं पाता, किन्‍तु इसका अर्थ यह नहीं है कि मैं निर्दोष हूँ। प्रभु ही मेरे न्‍यायकर्ता हैं।


भला होता कि उनका हृदय सदा ऐसा ही रहता। वे मुझसे डरते और मेरी भक्‍ति करते। वे मेरी सब आज्ञाओं का पालन करते, जिससे उनका और उनकी सन्‍तान का सदा भला होता!


तुम उनका पालन करना, और उनके अनुसार कार्य करना; जैसी तुम्‍हारे प्रभु परमेश्‍वर ने तुम्‍हें आज्ञा दी है। तुम न दाहिनी ओर मुड़ना और न बायीं ओर।


किन्‍तु केवल महापुरोहित, वर्ष में एक ही बार, पिछले कक्ष में वह रक्‍त लिये प्रवेश करता था, जिसे वह अपने और प्रजा के दोषों के लिए प्रायश्‍चित के रूप में चढ़ाता था।


परन्‍तु यदि हम ज्‍योति में चलते हैं-जिस तरह वह स्‍वयं ज्‍योति में है − तो हमारी एक-दूसरे से सहभागिता है और उसके पुत्र येशु का रक्‍त हमें हर पाप से शुद्ध कर देता है।