इस प्रकार दाऊद और इस्राएल के सब कुलों के लोग जय-जयकार करते और नरसिंघा फूंकते हुए प्रभु की मंजूषा ले आए।
भजन संहिता 150:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) नरसिंगे की गूंज पर उसकी स्तुति करो! सारंगी और सितार पर उसकी स्तुति करो! पवित्र बाइबल तुरही फूँकते और नरसिंगे बजाते हुए उसकी स्तुति करो! उसका गुणगान वीणा और सारंगी बजाते हुए करो! Hindi Holy Bible नरसिंगा फूंकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! नवीन हिंदी बाइबल तुरही फूँकते हुए उसकी स्तुति करो! सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! सरल हिन्दी बाइबल तुरही के साथ उनका स्तवन हो, वीणा तथा किन्नोर की संगत पर उनका स्तवन हो, इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 नरसिंगा फूँकते हुए उसकी स्तुति करो; सारंगी और वीणा बजाते हुए उसकी स्तुति करो! |
इस प्रकार दाऊद और इस्राएल के सब कुलों के लोग जय-जयकार करते और नरसिंघा फूंकते हुए प्रभु की मंजूषा ले आए।
दाऊद और इस्राएल के सब कुलों के लोग प्रभु के सम्मुख वीणा, सारंगी, डफ, डमरू और झांझ की ताल पर पूरे उत्साह से नाच-गा रहे थे।
जकर्याह, अजीएल, शमीरामोट और यहीएल, ऊन्नी, एलीआब, मअसेयाह और बनायाह सारंगी पर अलामोत राग बजाएंगे।
ये पुरोहित परमेश्वर की मंजूषा के सम्मुख तुरहियां बजाएंगे: शबनयाह, योशापाट, नटनएल, अमासई, जकर्याह, बनायाह और एलीएजेर। ओबेद-एदोम और यहियाह भी मंजूषा के प्रहरी होंगे।
यों सब इस्राएली प्रभु की विधान-मंजूषा को उठाकर ले चले। वे जय-जयकार कर रहे थे। वे नरसिंगे और तुरहियां फूंक रहे थे। वे झांझ बजा रहे थे। वे सारंगी और वीणा पर राग-रागिनियां बजा रहे थे।
हेमान और यदूतून के पास बजाने के लिए तुरहियां और झांझ थे। इनके अतिरिक्त पवित्र राग बजाने के लिए अन्य वाद्य यन्त्र भी थे। यदूतून के पुत्र द्वार पर नियुक्त थे।
दाऊद और उच्चाधिकारियों ने आसाफ, हेमान और यदूतून के कुछ पुत्रों को विशेष सेवा-कार्यों के लिए नियुक्त किया। इनका कार्य वीणा, सारंगी और झांझ बजाते हुए नबूवत करना था। जो व्यक्ति मन्दिर में यह सेवा-कार्य करते थे, उनके नाम इस प्रकार हैं :
जब आराधक प्रभु की स्तुति और धन्यवाद में गीत गाते थे, तब उनके स्वर में स्वर मिलाकर ये गायक भी गाते और तुरही बजाने वाले पुरोहित तुरही बजाते थे। इस प्रकार गीत और संगीत में ताल-मेल बैठाना गायकों और इन पुरोहितों का काम था। अत: जब पुरोहित पवित्र स्थान से बाहर निकले, और जब तुरही और झांझ तथा अन्य वाद्य-यन्त्रों पर प्रभु की स्तुति में यह गीत गूंजा : ‘क्योंकि प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है,’ तब भवन, प्रभु का भवन एक मेघ से भर गया।
कि जिस क्षण तुम नरसिंगे, बांसुरी, वीणा, सारंगी, सितार, शहनाई तथा अन्य सब प्रकार के वाद्य-यंत्रों का स्वर सुनो, तब तुम उसी क्षण राजा नबूकदनेस्सर द्वारा स्थापित स्वर्ण-मूर्ति के सम्मुख गिरकर उसका सम्मान करना।
तुम अपने आनन्द-दिवसों पर, निर्धारित पर्वों पर तथा प्रत्येक महीने के प्रथम दिन, अग्नि-बलि एवं सहभागिता-बलि चढ़ाते समय तुरहियां फूंकना। ये मुझ-परमेश्वर के सम्मुख तुम्हारा स्मरण कराएंगी। मैं प्रभु तुम्हारा परमेश्वर हूँ।’