प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्तर बुराई के लिए ही होते हैं।
भजन संहिता 14:1 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हो गए हैं और घृणास्पद कार्य करते हैं, ऐसा कोई भी नहीं जो भलाई करता है। पवित्र बाइबल मूर्ख अपने मनमें कहता है, “परमेश्वर नहीं है।” मूर्ख जन तो ऐसे कार्य करते हैं जो भ्रष्ट और घृणित होते हैं। उनमें से कोई भी भले काम नहीं करता है। Hindi Holy Bible मूर्ख ने अपने मन में कहा है, कोई परमेश्वर है ही नहीं। वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। नवीन हिंदी बाइबल मूर्ख अपने मन में कहता है, “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हैं और घृणित कार्य करते हैं। ऐसा कोई नहीं जो भलाई करता हो। सरल हिन्दी बाइबल मूर्ख मन ही मन में कहते हैं, “परमेश्वर है ही नहीं.” वे सभी भ्रष्ट हैं और उनके काम घिनौने हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता हो. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 मूर्ख ने अपने मन में कहा है, “कोई परमेश्वर है ही नहीं।” वे बिगड़ गए, उन्होंने घिनौने काम किए हैं, कोई सुकर्मी नहीं। |
प्रभु ने देखा कि पृथ्वी पर मनुष्य का दुराचार बढ़ गया है, और उसके मन के सारे विचार निरन्तर बुराई के लिए ही होते हैं।
तब उसके सम्मुख मनुष्य, जो जन्म से घृणास्पद और भ्रष्ट है, जो पाप को पानी की तरह पीता है, कितना अशुद्ध होगा!
इसलिए तुम यह कहते हो, “परमेश्वर क्या जानता है! क्या वह सघन मेघों के भीतर से न्याय कर सकता है?
मूर्ख अपने हृदय में यह कहते हैं: “परमेश्वर है ही नहीं।” वे भ्रष्ट हो गए हैं, वे अन्याय के घृणास्पद कार्य करते हैं; ऐसा कोई भी नहीं, जो भलाई करता है।
जब मैं ने दुर्जनों का फलना-फूलना देखा, तब मैं घमण्डी लोगों के प्रति ईष्र्यालु हो गया।
‘ओ अज्ञानियो, कब तक तुम अज्ञान गले लगाए रखोगे? ज्ञान की हंसी उड़ाने वालो, कब तक तुम ज्ञान की हंसी उड़ाते रहोगे? ओ मुर्खो, तुम कब तक ज्ञान से बैर रखोगे?
प्रभु के प्रति भय-भाव ही बुद्धि का मूल है, जो मूर्ख हैं; वे ही बुद्धि और शिक्षा को तुच्छ समझते हैं।
जब इच्छा पूर्ण हो जाती है तब मनुष्य को उसका स्वाद मधुर लगता है। पर दुराचार के मार्ग को छोड़ना मूर्ख को घृणित लगता है।
चाहे तू मूर्ख को अनाज की तरह ओखली में डालकर मूसल से क्यों न कूटे, उसकी मूर्खता नहीं जाने की!
निश्चय ही संसार में कोई ऐसा धार्मिक व्यक्ति नहीं है जो सदा भलाई ही करता है, और कभी पाप नहीं करता।
ओ पापी राष्ट्र! ओ अधर्म के बोझ से दबे लोगो! ओ कुकर्मियों की सन्तान! ओ भ्रष्टाचारी पुत्रो! तुमने प्रभु को त्याग दिया, तुमने इस्राएल के पवित्र परमेश्वर को तुच्छ समझा। तुम उससे मुंह मोड़ कर दूर हो गए।
‘ओ यिर्मयाह, वे मुझ-प्रभु के विषय में झूठा प्रचार करते हैं। वे कहते हैं कि मैं कुछ नहीं करूँगा। उनका अनिष्ट नहीं होगा। न उन पर शत्रु का आक्रमण होगा, और न उनके देश में अकाल पड़ेगा।
वे सब के सब हठी और मेरे प्रति विद्रोही हो गए हैं; यहां-वहां मेरी निन्दा करते-फिरते हैं। वे वास्तव में ठोस पीतल और सख्त लोहा बन गए हैं। वे सब भ्रष्टाचार करते हैं।
साँप के बच्चो! तुम बुरे हो कर अच्छी बातें कैसे कह सकते हो? जो हृदय में भरा है, वही तो मुँह से बाहर आता है।
क्योंकि बुरे विचार, हत्या, परस्त्री-गमन, व्यभिचार, चोरी, झूठी गवाही और निन्दा − ये सब मन से निकलते हैं।
परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा, ‘मूर्ख! इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा और तूने जो इकट्ठा किया है, वह अब किसका होगा?’
आप स्मरण रखें कि पहले आप मसीह से अलग थे, इस्राएल के समुदाय के बाहर थे। आप परमेश्वर की प्रतिज्ञा के अनुसार ठहराए गए विधानों से अपरिचित थे, इस संसार में आशा से वंचित और परमेश्वर से रहित थे।
वे परमेश्वर को जानने का दावा तो करते हैं, किन्तु अपने कर्मों द्वारा उसे अस्वीकार करते हैं। वे घृणित, अवज्ञाकारी और किसी भी भले काम के नितान्त अयोग्य हैं।
क्योंकि हम भी तो पहले नासमझ, अवज्ञाकारी, भटके हुए, हर प्रकार की वासनाओं और भोगों के वशीभूत थे। हम विद्वेष और ईष्र्या में जीवन बिताते थे। हम घृणित थे और एक दूसरे से बैर करते थे।
लेकिन कायरों, अविश्वासियों, नीचों, हत्यारों, व्यभिचारियों, ओझों, मूर्तिपूजकों और हर प्रकार के मिथ्यावादियों का अंत यह होगा − धधकती आग और गन्धक के कुण्ड में द्वितीय मृत्यु!”
स्वामी, मेरे उजड्ड पति नाबाल की बात पर ध्यान मत दीजिए। जैसा उनका नाम है, वैसे ही वह है। उजड्ड उनका नाम है, और उजड्डता उनका स्वभाव है। स्वामी, जिन सैनिकों को आपने भेजा था, उन्हें मैंने, आपकी सेविका ने नहीं देखा।