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भजन संहिता 109:22 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI)

मैं पीड़ित हूं, दरिद्र हूं, मेरे भीतर मेरा हृदय घायल है।

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पवित्र बाइबल

मैं बस एक दीन, असहाय जन हूँ। मैं सचमुच दु:खी हूँ। मेरा मन टूट चुका है।

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Hindi Holy Bible

क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूं, और मेरा हृदय घायल हुआ है।

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पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI)

क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूँ, और मेरा हृदय घायल हुआ है।

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नवीन हिंदी बाइबल

मैं तो दीन और दरिद्र हूँ, और मेरा हृदय घायल है।

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सरल हिन्दी बाइबल

मैं दीन और दरिद्र हूं, और मेरा हृदय घायल है.

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इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019

क्योंकि मैं दीन और दरिद्र हूँ, और मेरा हृदय घायल हुआ है।

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भजन संहिता 109:22
15 क्रॉस रेफरेंस  

वह कर्मेल पर्वत पर पहुंची। उसने परमेश्‍वर के जन एलीशा के पैर पकड़ लिए। गेहजी उसको बलपूर्वक हटाने लगा। परन्‍तु परमेश्‍वर के जन एलीशा ने गेहजी से कहा, ‘इनको छोड़ दे। इनके प्राण व्‍याकुल हैं। किन्‍तु प्रभु ने मुझसे यह बात छिपा रखी है। उसने मुझ पर प्रकट नहीं किया।’


सर्वशक्‍तिमान परमेश्‍वर के जहर-बुझे तीरों ने मुझे बेधा है, मेरी आत्‍मा उनका विष-पान कर रही है, परमेश्‍वर का आतंक मेरे विरुद्ध आक्रमण के लिए पंिक्‍तबद्ध खड़ा है।


मेरा हृदय घास की भांति झुलसकर सूख गया है; मैं भोजन करना भी भूल गया हूँ।


क्‍योंकि इसने दया का व्‍यवहार करना स्‍मरण न रखा, बल्‍कि यह पीड़ित और दरिद्र का, हताश व्यक्‍ति का पीछा करता रहा कि उसे मार डाले।


परन्‍तु मैं मनुष्‍य नहीं, कीड़ा हूँ; मनुष्‍यों द्वारा उपेिक्षत, लोगों द्वारा तिरस्‍कृत।


प्रभु, मेरी ओर उन्‍मुख हो, मुझ पर कृपा कर; क्‍योंकि मैं एकाकी और पीड़ित हूँ।


मैं पीड़ित और दरिद्र हूँ; फिर भी तू, स्‍वामी, मेरी चिन्‍ता करता है। तू मेरा सहायक, मेरा मुक्‍तिदाता है; हे मेरे परमेश्‍वर, विलम्‍ब न कर।


हे प्रभु, मेरी बात पर कान दे और मुझे उत्तर दे; क्‍योंकि मैं पीड़ित और दरिद्र हूं।


लोगों ने उससे घृणा की; उन्‍होंने उसको त्‍याग दिया। वह दु:खी मनुष्‍य था, केवल पीड़ा से उसकी पहचान थी। उसको देखते ही लोग अपना मुख फेर लेते थे। हम ने उससे घृणा की और उसका मूल्‍य नहीं जाना।


येशु ने उससे कहा, “लोमड़ियों के लिए माँदें हैं और आकाश के पक्षियों के लिए घोंसले, परन्‍तु मानव पुत्र के लिए सिर रखने को भी कहीं स्‍थान नहीं है।”


येशु प्राणपीड़ा में पड़ने के कारण और भी एकाग्र हो कर प्रार्थना करते रहे और उनका पसीना रक्‍त की बूंदों की तरह धरती पर टपकता रहा।]


“अब मेरी आत्‍मा व्‍याकुल है। क्‍या मैं यह कहूँ, ‘पिता! इस घड़ी के संकट से मुझे बचा’? किन्‍तु इसी कारण मैं इस घड़ी तक पहुँचा हूँ।


आप लोग हमारे प्रभु येशु मसीह की उदारता जानते हैं। वह धनी थे, किन्‍तु आप लोगों के कारण निर्धन बन गये, जिससे आप उनकी निर्धनता द्वारा धनी बन जाएँ।