भजन संहिता 106:3 - पवित्र बाइबिल CL Bible (BSI) धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते हैं, जो हर समय धार्मिक कार्य करते हैं! पवित्र बाइबल जो लोग परमेश्वर का आदेश पालते हैं, वे प्रसन्न रहते हैं। वे व्यक्ति हर समय उत्तम कर्म करते हैं। Hindi Holy Bible क्या ही धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते, और हर समय धर्म के काम करते हैं! पवित्र बाइबिल OV (Re-edited) Bible (BSI) क्या ही धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते, और हर समय धर्म के काम करते हैं! नवीन हिंदी बाइबल क्या ही धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते हैं, और हर समय धार्मिकता के कार्य करते हैं! सरल हिन्दी बाइबल प्रशंसनीय हैं वे, जो न्याय का पालन करते हैं, जो सदैव वही करते हैं, जो न्याय संगत ही होता है. इंडियन रिवाइज्ड वर्जन (IRV) हिंदी - 2019 क्या ही धन्य हैं वे जो न्याय पर चलते, और हर समय धर्म के काम करते हैं! |
हे प्रभु, अपनी भलाई के कारण मेरे यौवन के पापों और अपराधों को स्मरण न कर; किन्तु अपनी करुणा के अनुरूप मेरी सुधि ले।
तू उन लोगों से मिलता है जो आनन्दपूर्वक धर्म के कार्य करते हैं; जो तेरे मार्गों पर चलकर तुझे स्मरण करते हैं। देख, तू हमसे क्रोधित था, क्योंकि हमने पाप किया था। हम बहुत समय तक पाप की अवस्था में रहे। क्या हम बच सकते हैं?
जो व्यक्ति परमेश्वर की इच्छा पूरी करता है, वही है मेरा भाई, मेरी बहिन और मेरी माता।”
परन्तु येशु ने कहा, “किन्तु वे कहीं अधिक धन्य हैं, जो परमेश्वर का वचन सुनते और उसका पालन करते हैं।”
“फरीसियो! धिक्कार है तुम लोगों को! क्योंकि तुम पुदीने, सदाब और हर प्रकार के साग का दशमांश तो देते हो; लेकिन न्याय और परमेश्वर के प्रति प्रेम की उपेक्षा करते हो। तुम्हारे लिए उचित तो यह था कि तुम इन्हें भी करते रहते और उनकी भी उपेक्षा नहीं करते।
इसलिए मैं परमेश्वर तथा मनुष्यों की दृष्टि में अपना अन्त:करण निर्दोष बनाये रखने का निरन्तर प्रयत्न करता रहता हूँ।
जो लोग धैर्यपूर्वक भलाई करते हुए महिमा, सम्मान और अमरत्व की खोज में लगे रहते हैं, परमेश्वर उन्हें शाश्वत जीवन प्रदान करेगा;
हम भलाई करते-करते हिम्मत न हार बैठें; क्योंकि यदि हम दृढ़ बने रहेंगे तो समय आने पर अवश्य फसल काटेंगे।
‘तुम आज इस बात को समझ लो कि तुम्हारे बच्चों ने नहीं, वरन् तुमने शिक्षा प्राप्त की है।
किन्तु जो व्यक्ति उस व्यवस्था को, जो पूर्ण है और हमें स्वतन्त्रता प्रदान करती है, ध्यान से देखता और उसका पालन करता रहता है, वह उस श्रोता के सदृश नहीं, जो तुरन्त भूल जाता है, बल्कि वह कर्ता बन जाता और उस व्यवस्था को अपने जीवन में चरितार्थ करता है। वह अपने आचरण के कारण धन्य होगा।
धन्य हैं वे, जो अपने आचरण-रूपी वस्त्र धोते हैं; वे जीवन-वृक्ष के अधिकारी होंगे और फाटकों से हो कर नगर में प्रवेश करेंगे।
इसलिए ये परमेश्वर के सिंहासन के सामने खड़े रहते और रात-दिन उसके मन्दिर में उसकी सेवा करते हैं। जो सिंहासन पर विराजमान है, वह इन पर अपनी छत्रछाया करेगा।