तब योशियाह मंच पर खड़ा हुआ। उसने प्रभु के साथ विधान की धर्मविधि सम्पन्न की कि वह प्रभु का अनुसरण करेगा, अपने सम्पूर्ण हृदय और सम्पूर्ण प्राण से उसकी आज्ञाओं, सािक्षयों, तथा संविधियों का पालन करेगा। वह इस विधान की पुस्तक में लिखे गए वचनों पर दृढ़ रहेगा।
मूसा ने रक्त लिया और उसको लोगों पर छिड़ककर उनसे कहा, ‘देखो, यह उस विधान का रक्त है, जिसे प्रभु ने इन सब वचनों के आधार पर तुम्हारे साथ स्थापित किया है।’
प्राचीन काल से यह कभी सुनने में नहीं आया; न किसी ने कानों से सुना, और न अपनी आंखों से देखा कि तेरे अतिरिक्त और कोई ईश्वर है। केवल तू उनके लिए आश्चर्यपूर्ण कार्य करता है, जो तेरी प्रतीक्षा करते हैं।
तुम सावधान रहना। ऐसा न हो कि तुम अपने प्रभु परमेश्वर के विधान को, जिसे उसने तुम्हारे साथ स्थापित किया है, भूल जाओ, और किसी की आकृति के अनुरूप कोई मूर्ति बनाओ, जिसको तुम्हारे प्रभु परमेश्वर ने मना किया है,
‘यदि तू इन आदेशों को सुनेगा, उनका पालन करेगा और उनको व्यवहार में लाएगा, तो तेरा प्रभु परमेश्वर तेरे प्रति अपने विधान का पालन करेगा, और तुझ पर करुणा करता रहेगा; जिसकी शपथ उसने तेरे पूर्वजों से खाई थी।
अत: तू जान ले कि तेरा प्रभु परमेश्वर ही परमेश्वर है। वह विश्वस्त परमेश्वर है। वह विधान का पालन करने वाला है। जो लोग उससे प्रेम करते हैं और उसकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, उन पर वह हजार पीढ़ियों तक करुणा करता है।
भाइयो और बहिनो! आप लोग हमसे यह शिक्षा ग्रहण कर चुके हैं कि किस प्रकार आचरण करना और परमेश्वर को प्रसन्न करना चाहिए, और आप इसके अनुसार चलते भी हैं। अन्त में, हम प्रभु येशु के नाम पर आपसे आग्रह के साथ अनुनय करते हैं कि आप इस विषय में और आगे बढ़ते जायें।